सैजिलिटी इंडिया लिमिटेड का शेयर आज यानी 12 नवंबर को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर इश्यू प्राइस से 3.53% ऊपर ₹31.06 पर लिस्ट हुआ। इस इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग का इश्यू प्राइस ₹₹30 था।
यह IPO 5 नवंबर से 7 नवंबर तक बोली लगाने के लिए ओपन था। तीन कारोबारी दिनों में IPO टोटल 3.20 गुना सब्सक्राइब हुआ था। रिटेल कैटेगरी में 4.16 गुना, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) में 3.52 गुना और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) कैटगरी में 1.93 गुना सब्सक्राइब हुआ था।
₹2,106.60 करोड़ का था सैजिलिटी इंडिया का इश्यू
हेल्थकेयर फोकस्ड सॉल्यूशंस और सर्विसेज मुहैया कराने वाली सैजिलिटी इंडिया का ये इश्यू टोटल ₹2,106.60 करोड़ का था। इसके लिए कंपनी के मौजूदा निवेशकों ने ऑफर फॉर सेल यानी OFS के जरिए पूरे ₹2,106.60 करोड़ के 702,199,262 शेयर बेचे। कंपनी ने एक भी फ्रेश शेयर इश्यू नहीं किए।
मैक्सिमम 6500 शेयर के लिए बिडिंग कर सकते थे रिटेल निवेशक
सैजिलिटी इंडिया ने IPO का प्राइस बैंड 28 रुपए से 30 रुपए प्रति शेयर तय किया था। रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 500 शेयर्स के लिए बोली लगा सकते थे। यदि आप IPO के अपर प्राइज बैंड 30 रुपए के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते, तो इसके लिए 15,000 रुपए लगाने होते।
वहीं, मैक्सिमम 13 लॉट यानी 6500 शेयर्स के लिए रिटेल निवेशक अप्लाय कर सकते थे। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से ₹195,000 इन्वेस्ट करने होते।
इश्यू का 10% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व था
कंपनी ने इश्यू का 75% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा था। इसके अलावा 10% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व था।
सालाना आधार पर 13% बढ़ा कंपनी का रेवेन्यू
वित्त वर्ष 2023-24 में सैजिलिटी इंडिया का रेवेन्यू सालाना आधार पर 13% बढ़कर 4,781.5 करोड़ रुपए हो गया। एक साल पहले यह 4,236.06 करोड़ रुपए था।
शुद्ध मुनाफा एक साल पहले के मुकाबले 59% बढ़कर 228.27 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। वित्त वर्ष 2023 में मुनाफा 143.57 करोड़ रुपए था। अप्रैल-जून 2024 तिमाही में रेवेन्यू 1,247.76 करोड़ रुपए और शुद्ध मुनाफा 22.29 करोड़ रुपए दर्ज किया गया।
IPO क्या होता है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।