वाराणसी में उपराष्ट्रपति को आतंकी संगठन से खतरा:देव दीपावली पर आ रहे, इंटेलिजेंस ने किया आगाह; यहां 17 साल पहले इसी महीने विस्फोट हुआ था

देव दीपावली के मौके पर 15 नवंबर को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ वाराणसी में बतौर मुख्य अतिथि आ रहे हैं। सेंट्रल और स्टेट इंटेलिजेंस ने उनकी सुरक्षा को लेकर पुलिस और जिला प्रशासन को आगाह किया है। उपराष्ट्रपति को पाकिस्तान की ISI से लेकर कई आतंकी संगठनों से खतरा है। ऐसे में उनकी सुरक्षा को लेकर कोई कोताही न हो।

सुरक्षा एजेंसियों ने चेताया है कि 17 साल पहले 23 नवंबर 2007 को वाराणसी समेत लखनऊ और फैजाबाद की कचहरी में सीरियल ब्लास्ट हुआ था। ऐसे में उपराष्ट्रपति की सुरक्षा में किसी तरह की चूक न हो, क्योंकि आतंकियों के निशाने पर देश के VVIP हैं।

योगी पर भी है खतरा, फिर भी लापरवाही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आतंकियों से खतरे के बाबत सुरक्षा एजेंसियां पहले ही अपनी रिपोर्ट दे चुकी हैं। बावजूद इसके वाराणसी में सुरक्षा व्यवस्था लचर है। वाराणसी दौरे के समय मुख्यमंत्री योगी सर्किट हाउस में रात्रि विश्राम करते हैं। इसके बाद भी सर्किट हाउस की सुरक्षा व्यवस्था आम दिनों में न के बराबर रहती है।

सर्किट हाउस परिसर में कहीं से कोई भी प्रवेश कर सकता है। मुख्य गेट से सुरक्षा कर्मी नदारद रहते हैं। जबकि सर्किट हाउस से चंद कदम दूर कचहरी में ही 17 साल पहले ब्लास्ट हुआ था। सर्किट हाउस की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर वाराणसी की खुफिया इकाई ने भी अपनी रिपोर्ट पुलिस प्रशासन को दे रखी है।

उत्तर प्रदेश पर आतंकियों की नजर इंटेलिजेंस ने अपनी रिपोर्ट में उपराष्ट्रपति की सुरक्षा को लेकर निर्धारित प्रोटोकॉल फॉलो करने के साथ ही कहा है कि उत्तर प्रदेश बीते कई वर्षों से आतंकियों के निशाने पर है। यहां कई आतंकी घटनाएं हो चुकी हैं। सीरियल ब्लास्ट तक हुए हैं। यूपी से कई आतंकी गिरफ्तार भी हो चुके हैं। उत्तर प्रदेश से बम बनाने वाले और विस्फोट करने वाले भी पकड़े जा चुके हैं।

सिमी की जड़ें भी जुड़ी उत्तर प्रदेश में प्रतिबंधित इस्लामी आतंकी संगठन सिमी, हूजी की जड़ें भी जुड़ी हैं। सुरक्षा एजेंसियों के पास इनपुट है कि कई आतंकी संगठनों से जुड़े स्लीपर सेल भी सक्रिय हैं। सुरक्षा एजेंसियों के पास इनपुट है कि इस्लामिक आतंकी समूह उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में दहशत फैलाने की फिराक में हैं।

17 साल पहले यूपी में हुआ था सीरियल ब्लास्ट 23 नवंबर 2007 को तीन जगह लखनऊ, वाराणसी और फैजाबाद की कचहरी में सीरियल ब्लास्ट हुआ था, जिसमें कई बेगुनाह मारे गए। सैकड़ों जख्मी हुए थे। पुलिस ने एक आतंकी वलीउल्लाह को गिरफ्तार किया था।

दो बार हो चुका है घाट पर आतंकी हमला वाराणसी के दशाश्वमेध घाट और उससे सटे शीतला घाट पर आतंकी विस्फोट कर चुके हैं, जिसमें 9 लोग मारे गए थे। पहली बार दशाश्वमेध घाट पर 23 फरवरी 2005 में ब्लास्ट किया था, जिसमें 7 की मौत हो गई थी। दूसरी बार आतंकियों ने वर्ष 2010 में घाट को निशाने पर लिया था। 7 दिसंबर 2010 को शीतला घाट पर हुए ब्लास्ट में दो की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग जख्मी हुए थे।