यूपी उपचुनाव को लेकर आज CM योगी 4 सीटों पर प्रचार करेंगे। सबसे पहले वह प्रयागराज की फूलपुर जाएंगे। फूलपुर में हफ्तेभर में योगी की यह दूसरी जनसभा है। इसके बाद कानपुर की सीसामऊ सीट पर जनसभा के बाद रोड शो करेंगे। फिर अलीगढ़ की खैर में जनसभा करेंगे।
इसके बाद शाम को गाजियाबाद में रोड शो है। फूलपुर में 11 बजे, सीसामऊ में 12.30 बजे, खैर में 3 बजे और गाजियाबाद में 4.30 बजे योगी का कार्यक्रम रखा गया है।
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यहां युवा बनाम अनुभव की लड़ाई हो रही है। दरअसल, यहां भाजपा प्रत्याशी दीपक पटेल पूर्व सांसद केशरी देवी पटेल के बेटे हैं। उनका पहला चुनाव है, जबकि सपा के मुस्तफा सिद्दीकी उम्र और राजनीति, दोनों में उनके सुपर सीनियर हैं।
फूलपुर विधानसभा सीट से विधायक प्रवीण पटेल ने सांसदी जीती है। अपनी विधानसभा सीट पर उन्होंने सपा को 29 हजार 705 वोटों से हराया। इस सीट पर पिछले तीन चुनाव में भाजपा को दो बार और सपा को एक बार जीत मिली है।
जातीय समीकरण : फूलपुर में 21 से 23% दलित, 20% यादव मतदाता है। यहां सवर्ण वोटर्स 10 से 12% के बीच हैं। वहीं मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 14% है।
यह सीट मुस्लिम मतदाता बाहुल्य है। 1991 की राम लहर में पहली बार यहां से भाजपा के राकेश सोनकर विधायक बने थे। वे 1993 और 1996 में भी जीते। 2002 में कांग्रेस ने भाजपा से यह सीट झटक ली और 2007 में भी चुनाव जीती। इसके बाद 2012 में परिसीमन बदला तो यह सीट समाजवादी पार्टी के हिस्से में आ गई। यहां आर्यनगर के विधायक रहे इरफान सोलंकी जीते। इरफान ने 2017 और 2022 में भी यहां से चुनाव जीता। अब इरफान की पत्नी नसीम सोलंकी को सपा ने मैदान में उतारा है। उनका मुकाबला भाजपा के सुरेश अवस्थी से है।
जातीय समीकरण : इस सीट पर 50 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं। दूसरे नंबर पर ब्राह्मण और तीसरे पर दलित हैं।
यह जाट बाहुल्य सीट है। भाजपा के सुरेंद्र दिलेर का मुकाबला डॉ. चारू कैन से है। सीएम योगी के मंत्री और अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट से विधायक अनूप वाल्मीकि को हाथरस लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया गया था। वो हाथरस में चुनाव जीत गए। लेकिन, जिस विधानसभा सीट से वो विधायक थे। वहां सपा गठबंधन को सबसे ज्यादा वोट मिले। यहां सपा के बिजेंद्र सिंह को 95,391 वोट, जबकि भाजपा के सतीश गौतम को 93,900 वोट मिले। हालांकि, रालोद गठबंधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव में भाजपा मजबूत स्थिति में दिख रही है।
जातीय समीकरण: इस क्षेत्र में जाट वोटर्स की संख्या ज्यादा है। यहां 1.10 लाख जाट, इसके बाद दलित-50 हजार, ब्राह्मण-40 हजार और 30 हजार मुस्लिम वोटर्स हैं। इसके अलावा वैश्य वोटर्स की संख्या भी निर्णायक रहती है।
लोकसभा चुनाव में गाजियाबाद सदर से विधायक अतुल गर्ग जीते थे, इस वजह से सीट खाली हुई। उनके विधानसभा सीट पर भाजपा को रिकॉर्ड 1.37 लाख वोट मिले थे। यहां सपा-कांग्रेस गठबंधन की प्रत्याशी डॉली शर्मा को 73,950 वोट मिले थे। इससे पहले इस सीट पर 2004 में उपचुनाव हुए थे। तब सपा ने यहां जीत दर्ज की थी। यहां दो बार से लगातार भाजपा जीत दर्ज कर रही है। इस उपचुनाव में यहां भाजपा के संजीव शर्मा का मुकाबला सपा के सिंह राज जाटव से है।
जातीय समीकरण : गाजियाबाद सदर सीट पर वैश्य, अनुसूचित जाति के वोटर्स निर्णायक हैं। जाट वोट बैंक भी मायने रखता है।