कभी-कभार फिल्मों से ज्यादा उसके गाने लोगों के दिलों में घर कर जाते हैं। बिना गाने के कोई भी फिल्म अधूरी सी लगती है। सीन्स के इमोशन्स को गानों के जरिए बेहतर ढंग से फिल्माया जा सकता है।
सिर्फ सिंगर के गाने से कोई गाना फाइनल रूप नहीं ले लेता है, बल्कि सबसे अहम रोल फिल्म के डायरेक्टर और म्यूजिक कम्पोजर का होता है। गाने की धुन बनाने का काम कम्पोजर करता है और इसे फाइनल करने का काम डायरेक्टर का होता है।
रील टु रियल के इस एपिसोड में हम गानों की मेकिंग के प्रोसेस को समझेंगे। इसके लिए हमने लिरिसिस्ट कुमार, म्यूजिक कम्पोजर अमन पंत, वेटरन म्यूजिक कम्पोजर ललित पंडित और सिंगर उदित नारायण से बात की।
इन्होंने बताया कि डायरेक्टर के साथ कभी-कभी बड़े एक्टर्स भी गानों की मेकिंग में हिस्सा लेते हैं। फिल्म जवान का एक गाना शाहरुख खान ने ही फाइनल किया। वहीं, कभी-कभार कुछ सिंगर किसी पर्टिकुलर गाने को अपनी आवाज देने के लिए तैयार नहीं होते हैं। लता मंगेशकर, अमिताभ बच्चन की फिल्म कभी खुशी कभी गम का टाइटल सॉन्ग गाने के लिए राजी नहीं थीं, तब म्यूजिक कम्पोजर ललित पंडित को उन्हें मनाना पड़ा था।
किस्सा- 1- फिल्म कभी खुशी कभी गम का टाइटल सॉन्ग गाने को तैयार नहीं थीं लता दीदी ललित पंडित ने स्वर कोकिला लता मंगेशकर के साथ काम किया है। उन्होंने कहा, ‘लता जी से हमारा फैमिली रिलेशन था। उनके भाई हृदयनाथ जी से मेरे पिताजी से संगीत सीखते थे। हालांकि, जब मैं उनसे पहली बार मिला था, तो डरा हुआ था।
एक किस्सा यह है कि मैंने उनसे अमिताभ बच्चन और शाहरुख खान की फिल्म कभी खुशी कभी गम का टाइटल सॉन्ग गाने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए मना कर दिया कि वो सिर्फ एक गाना नहीं गाती हैं।
मैंने उनसे जिद करते हुआ कहा कि अगर यह आप नहीं गाएंगी, तो दूसरा कोई नहीं है, जो इसे गा सके। बहुत मनाने के बाद उन्होंने धुन सुनी और गीत को अपनी आवाज दी।’
किस्सा- 2- सलमान ने मुन्नी बदनाम सॉन्ग में अपने लिए नया अंतरा बनवाया था ललित पंडित ने फिल्म दबंग का गाना मुन्नी बदनाम कम्पोज किया था। लिरिक्स भी इन्होंने ही लिखे थे। इस फिल्म का किस्सा सुनाते हुए उन्होंने कहा- मैंने इस गाने को बनाकर बहुत पहले ही रख लिया था। एक बड़ी फिल्म का इंतजार था, जिसमें इस गाने को फिल्माया जा सके।
अरबाज खान से मेरी पुरानी दोस्ती है। एक दिन हमारी मुलाकात हुई। मैंने उन्हें गाने सुनाने के लिए अपने घर बुलाया। वो आए और मैंने उन्हें गाने सुनाए। तब उन्होंने बताया कि वे एक फिल्म बना रहे हैं, जिसके लिए उन्हें हट कर एक गाना चाहिए। तब मैंने उन्हें मुन्नी बदनाम गाना सुनाया। अरबाज को यह गाना बहुत पसंद आया।
मेरी चाहत थी कि इस गाने को सलमान खान और मलाइका अरोड़ा पर फिल्माया जाए। आखिरकार हुआ भी वही। सलमान ने मुझसे खुद रिक्वेस्ट कर अपने पोर्शन के लिए अंतरा बनवाया था, क्योंकि शुरुआत में इस आइटम सॉन्ग को एक ही एक्ट्रेस पर फिल्माना था।
किस्सा- 3- एक गाने की शूट पर भड़क गए थे शाहरुख खान शाहरुख खान ने फिल्म फिर भी दिल है हिंदुस्तानी में जूही चावला के साथ काम किया था। इस फिल्म के गाने ‘बनके तेरा जोगी’ की शूटिंग के वक्त शाहरुख बहुत गुस्सा हो गए थे। यह किस्सा सुनाते हुए ललित ने कहा, ‘इस गाने के बोल सुनने के बाद शाहरुख ने इसकी वर्डिंग चेंज करने के लिए कहा था। वे इस गाने को लेकर श्योर नहीं थे। यह पहला मौका था, जब उन्होंने ऐसा कुछ कहा था। फिल्म की प्रोड्यूसर जूही ने भी बोल में बदलाव करने के लिए कहा था।
जब मैंने बोल में बदलाव करने के लिए राइटर जावेद अख्तर साहब को बोला तो उन्होंने मना कर दिया। आखिरकार यह गाना उसी बोल के साथ रिकॉर्ड करना पड़ा। फिर जब शूट के वक्त शाहरुख ने यह गाना सुना तो वे फिर भड़क गए। उन्होंने मुझे कॉल किया और बहुत गुस्सा किया। मैं और जतिन उनसे मिलने महबूब स्टूडियो पहुंचे। हालांकि, हमारे पहुंचने से पहले कोरियोग्राफर फराह खान ने इस गाने की इतनी तारीफ की कि शाहरुख उनके फीडबैक से इसे शूट करने के लिए राजी हो गए। उन्होंने हमसे माफी भी मांगी थी।’
किस्सा- 4- सलमान को सिंगिंग में है दिलचस्पी, आमिर ने डेढ़ घंटे में रिकॉर्ड किया फाइनल गाना एक्टिंग और डायरेक्शन के अलावा कई एक्टर्स सिंगिंग में भी दिलचस्पी दिखाते हैं। इस लिस्ट में सलमान खान और शाहरुख खान का नाम भी शामिल है। ललित पंडित बताते हैं- सलमान सिंगिंग सेशन में बहुत बैठते थे। उन्हें गाने का बहुत शौक है। सजेस्ट करके हमने आमिर खान से फिल्म गुलाम के लिए आती क्या खंडाला गाना गवाया था।
आमिर लगभग 1 महीने इस गाने की प्रैक्टिस करने रोज रात में आते थे। वहीं फाइनल रिकॉर्डिंग उन्होंने महज डेढ़ घंटे में ही कर ली थी।
उदित नारायण बोले- आज के हिंदी गानों में म्यूजिक मिसिंग है पहले की तुलना में फिल्मों के गानों और उनकी स्टाइल में बहुत बदलाव हुआ है। इस बारे में सिंगर उदित नारायण ने कहा- गानों की स्टाइल में बहुत बदलाव हुआ है। आज के समय नया क्रिएशन बहुत कम होता है। पुराने गानों का रीमिक्स बना दिया जा रहा है। हिंदी फिल्मों में म्यूजिक का होना बहुत जरूरी है, जो फिलहाल थोड़ा मिसिंग है।