‘मुझे शिवम से मिलवा दो। एक बार चेहरा देख लूंगी। शादी नहीं हुई तो क्या…मैं तो उनको पति मान बैठी थी। देखो मेरे हाथ की मेहंदी में उनका नाम लिखा है।’ यह कहते हुए छाया (बदला हुआ नाम) फफक-फफक कर रो देती हैं। सिर्फ छाया ही नहीं, यह दुख पूरे परिवार का दिल में बैठ गया है। हर शख्स उदास है।
पिता कहते हैं- बेटी को देखता हूं, तो नींद-भूख सब उड़ जाती है। कैसे क्या करें? कोशिश कर रहा हूं, मथुरा में रिश्ता तय कर देंगे। एक लड़का देख लिया है, उन्हें अपनी हकीकत भी बता दी है। भले लोग हैं, मेरी बेटी से शादी के लिए तैयार भी हो गए हैं। यह कहते हुए पिता भी उदास हो जाते हैं।
ये कहानी आगरा के उस घर की है, जहां 19 नवंबर को बारात आनी थी। 20 नवंबर को दुल्हन को विदा होकर हाथरस जाना था। लेकिन, इसके 24 घंटे पहले ही दूल्हे की घर में डांस करते-करते मौत हो गई।
डांस करते-करते अचानक गिरा, फिर नहीं उठा हाथरस के कोतवाली गेट इलाके के गांव भोजपुर में शिवम रहता था। 19 नवंबर, 2024 को उसकी शादी होनी थी। बारात आगरा के टेढ़ी बगिया में आनी थी। दुल्हन थी छाया। शादी से पहले दोनों की मोबाइल पर बात होने लगी थी। शादी से 1 दिन पहले यानी 18 नवंबर को घर पर मेहमान डांस कर रहे थे। शिवम भी उनमें शामिल हो गया।
डांस करते-करते अचानक शिवम बेहोश होकर गिर गया। घर वाले उसको लेकर अस्पताल गए। वहां डॉक्टर ने बताया कि उसकी मौत दो चुकी है। घर में रोना-पीटना मच गया। दूल्हे की मां बेहोश होकर गिर गई। उन्हें रिश्तेदारी और पड़ोस की महिलाएं संभालती रहीं। जिस घर से बारात उठनी थी, उस घर से अर्थी उठी। यह दिन पूरे गांव के लिए मातम जैसा था। हर कोई दुखी था। आसपास के लोग शिवम की मौत के साथ छाया के दर्द की चर्चा करते दिखे।
अब दुल्हन के घर का माहौल समझिए…
20 नवंबर को टेढ़ी बगिया पहुंची। हम उस पिता के घर पहुंचे, जहां बारात आनी थी। घर में आए रिश्तेदारों में कुछ लोग अभी भी मौजूद थे। घर के बाहर सजावट थी।
हमने पड़ोसियों से शादी से 1 दिन पहले के माहौल को लेकर बात की। उन्होंने बताया- घर में खूब रिश्तेदार-दोस्त आए हुए थे। चहल-पहल थी। लड़की के पिता दौड़-भाग में लगे थे। घर के अंदर से ढोलक की थाप पर गाने बाहर तक सुनाई पड़ रहे थे। मोहल्ले में सभी खुश थे। लेकिन अचानक पता चला कि दूल्हा अब नहीं रहा। हम लोगों को यकीन नहीं हुआ। लगा, कोई मजाक कर रहा है। छाया बहुत अच्छी बच्ची है। उसके साथ ऐसा नहीं होना चाहिए था।
पिता बोले- ओवर-टाइम करके रुपए जमा किए, जमीन तक गिरवी रख दी परिवार के लोगों से बात करके समझ आया कि 6 महीने पहले शिवम और छाया की शादी तय हुई थी। 18 नवंबर को कृष्णाबाग कॉलोनी के एक मैरिज होम में बारात आनी थी। छाया के पिता एक जूता फैक्ट्री में मजदूरी करते हैं। महज 12 हजार रुपए सैलरी है। 6 बेटियां और एक बेटा है। 3 बेटियों की शादी पहले कर चुके हैं। छाया की शादी के लिए ओवर-टाइम काम करके रुपए इकट्ठे किए थे। जमीन भी गिरवी रखकर रुपए का इंतजाम किया।
छाया की तबीयत बिगड़ी, खाना-पीना छोड़ा घर वालों ने बताया कि शादी तय होने के बाद छाया बहुत खुश थी। उसने अपनी पसंद की ज्वेलरी और लहंगा खरीदा था। शादी तय होने पर छाया ने बड़े सपने संजोए थे। होने वाले पति के साथ जीने-मरने के सपने देखने लगी थी। शिवम की मौत की खबर सुनते ही छाया की तबीयत बिगड़ गई। अब वह खाना भी नहीं खा रही, सदमे में है। परिवार के लोग उसको समझा रहे हैं।
प्राइवेट स्कूल में कंप्यूटर टीचर था शिवम 22 साल का शिवम एक प्राइवेट स्कूल में कंप्यूटर टीचर था। उसके पिता साहब सिंह की 14 साल पहले मौत हो चुकी है। मां द्रोपा देवी हाउस वाइफ हैं। शिवम तीन भाइयों में सबसे बड़ा था। उसके छोटे भाई रचित (18) और सूरज (12) अभी पढ़ाई कर रहे हैं। शिवम ही परिवार में अकेला कमाने वाला था। शिवम की 19 नवंबर को आगरा के टेढ़ी बगिया में बारात जानी थी। सुबह सभी लोग डांस कर रहे थे। शिवम ने भी डांस किया। इसके बाद भात का कार्यक्रम शुरू हुआ। इसी दौरान शिवम बेहोश होकर गिर पड़ा। फिर वह उठा ही नहीं। शिवम में छोटे मामा धर्मवीर सिंह ने बताया कि शिवम को कोई गंभीर बीमारी नहीं थी।