भारतीय उद्योगपति गौतम अडाणी के लिए गुरुवार का दिन तीन बुरी खबरें लाया। पहली- अमेरिका में सोलर एनर्जी से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए उन पर रिश्वत देने और धोखाधड़ी के आरोप लगे। न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में यह केस दर्ज हुआ था। गौतम अडाणी और उनके भतीजे सागर अडाणी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया है।
दूसरी- इस खबर के आने के बाद उनकी नेटवर्थ में 1.02 लाख करोड़ रुपए की कमी आई। तीसरी- उधर, केन्या ने अडाणी ग्रुप के साथ बिजली ट्रांसमिशन और एयरपोर्ट विस्तार की डील रद्द कर दी। दोनों डील 21,422 करोड़ रुपए की थीं।
आज अडाणी ग्रुप के 10 में से 8 शेयरों में गिरावट है। इससे पहले गुरुवार को भी अडाणी ग्रुप के 10 में से 9 शेयरों में गिरावट आई थी।
मामला ऐसे समझें: आंध्र के अफसरों को केंद्र की कंपनी से बिजली खरीदने के लिए 1,750 करोड़ रु. घूस दी
- अमेरिकी प्रॉसिक्यूटर के अनुसार, अडाणी की कंपनी को हाल ही में केंद्र की कंपनी सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) से 12 गीगावॉट (12 हजार मेगावॉट) सौर ऊर्जा देने का कॉन्ट्रैक्ट मिला है। लेकिन, SECI को सौर ऊर्जा खरीदने के लिए भारत में खरीदार नहीं मिल पा रहे थे। खरीदारों के बिना ये डील मुमकिन ही नहीं थी।
- ऐसे में अडाणी ग्रीन एनर्जी और एज्योर पावर ने सरकारी अफसरों को रिश्वत दी। 2021 में अडाणी आंध्र के तत्कालीन सीएम (जगनमोहन रेड्डी) से मिले और वहां की राज्य सरकार 7 हजार मेगावाट बिजली खरीदने के लिए राजी हो गई। आंध्र के अफसरों को प्रति मेगावॉट 25 लाख रु. यानी कुल 20 करोड़ डॉलर (1750 करोड़ रु.) घूस दी गई। ओडिशा ने इसी तरह 500 मेगावॉट बिजली खरीदी।
- इसके बाद जुलाई 2021 से दिसंबर 2021 के बीच SECI ने आंध्र प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु से बिजली खरीदने के समझौते किए।
- घूस के पैसे देने के लिए दोनों कंपनियों ने कथित तौर पर अमेरिकी बैंकों और निवेशकों से 17.5 करोड़ डॉलर (1478 करोड़ रु.) जुटाए। अपनी भूमिका छिपाने के लिए कोड इस्तेमाल किया। अडाणी का कोड नेम ‘न्यूमेरो यूनो’ या ‘द बिग मैन’ था। डील एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग से की गई।
- अडाणी पर आरोप है कि रिश्वत के इन पैसों को जुटाने के लिए उन्होंने अमेरिकी निवेशकों और बैंकों से झूठ बोला। अमेरिका में मामला इसलिए दर्ज हुआ, क्योंकि प्रोजेक्ट में अमेरिका के इन्वेस्टर्स का पैसा लगा था और अमेरिकी कानून के तहत उस पैसे को रिश्वत के रूप में देना अपराध है।
अमेरिका का आरोप- भारतीय अफसरों को 2200 करोड़ रिश्वत की पेशकश की
अमेरिका में उद्योगपति गौतम अडाणी समेत 8 लोगों पर अरबों रुपए की धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं। यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ऑफिस का कहना है कि अडाणी ने भारत में सोलर एनर्जी से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर (करीब 2200 करोड़ रुपए) की रिश्वत दी या देने की योजना बना रहे थे।
यह पूरा मामला अडाणी ग्रुप की कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य फर्म से जुड़ा हुआ है। 24 अक्टूबर 2024 को न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में यह केस दर्ज हुआ था। बुधवार को इसकी सुनवाई में गौतम अडाणी, उनके भतीजे सागर अडाणी, विनीत एस जैन, रंजीत गुप्ता, साइरिल कैबेनिस, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा और रूपेश अग्रवाल को आरोपी बनाया गया है।
हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि गौतम या सागर अडाणी अमेरिकी अदालत में पेश होंगे या नहीं, क्योंकि वे कोर्ट में पेश हुए बिना अपने ऊपर लगे अभियोग खारिज करवाने का प्रयास कर सकते हैं। ब्रूकलिन में अमेरिकी अटॉर्नी ब्रियोन पीस के प्रवक्ता ने कहा कि गौतम अडाणी किस देश में रहते हैं, यह स्पष्ट नहीं है। अभी तक कोई भी आरोपी हिरासत में नहीं लिया गया है।
अडाणी बोले- सभी आरोप आधारहीन, खंडन करते हैं
अडाणी ग्रुप ने सभी आरोपों को आधारहीन बताया है। ग्रुप ने कहा – ‘अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के डायरेक्टर्स के खिलाफ यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस और यूनाइटेड स्टेट्स सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन की ओर से लगाए गए आरोप निराधार हैं। हम उनका खंडन करते हैं।
अमेरिकी न्याय विभाग ने खुद ही कहा कि अभी ये सिर्फ आरोप हैं। आरोपियों को तब तक निर्दोष माना जाता है, जब तक कि वे दोषी साबित न हो जाएं।
अडाणी मामले में किसने क्या कहा…
- कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अडाणी ग्रुप के कामकाज और विदेशों में उसके निवेश की जांच जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) से कराने की मांग की है।
- TMC ने गौतम अडाणी के खिलाफ लगाए गए रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोपों की जांच की मांग की। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी से बयान देने की मांग की।
- केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा- राहुल गांधी अडाणी फोबिया से पीड़ित हैं, इसलिए उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
- वाईएसआर कांग्रेस ने कहा कि हमने सीधे सेकी (केंद्र की कंपनी) से करार किया था, जो पारदर्शी और कानूनी रूप से स्वीकृत था। इसमें अडाणी या कोई निजी कंपनी शामिल नहीं थी।
केन्या सरकार ने 21,422 करोड़ रुपए की दो डील रद्द कीं
अमेरिका में अडाणी ग्रुप पर लगे आरोपों के बाद केन्या सरकार ने उनके साथ किए सभी डील रद्द करने की घोषणा की है। इनमें बिजली ट्रांसमिशन और एयरपोर्ट विस्तार जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स शामिल थे।
राष्ट्रपति विलियम रूटो ने कहा- ‘हमारी सरकार पारदर्शिता और ईमानदारी के सिद्धांतों पर काम करती है और ऐसे समझौतों को मंजूरी नहीं देगी, जो देश की छवि और हितों के खिलाफ हों। हम ऐसे किसी भी कॉन्ट्रैक्ट को स्वीकार नहीं करेंगे, जो हमारे देश की नीतियों और मूल्यों के खिलाफ हों।’
केन्या सरकार ने अडाणी ग्रुप के साथ 30 साल के लिए 736 मिलियन डॉलर यानी 6,217 करोड़ रुपए की पावर ट्रांसमिशन डील की थी। इस डील के तहत केन्या में बिजली ट्रांसमिशन के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करना था। इसके अलावा, अडाणी ग्रुप का 1.8 बिलियन डॉलर यानी 15,205 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भी था, जिसमें एक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को डेवलप करना था, लेकिन 21,422 करोड़ रुपए की ये दोनों डील अब रद्द कर दी गई हैं।
गौतम अडाणी से जुड़े कुछ दिलचस्प फैक्ट और उनका सफर…
डायमंड इंडस्ट्री में आजमाई किस्मत : 24 जून 1962 को जन्मे कॉलेज ड्रॉपआउट गौतम अडाणी गुजरात से हैं। 1980 के दशक की शुरुआत में मुंबई की डायमंड इंडस्ट्री में अपनी किस्मत आजमाई थी। इसके बाद 1988 में एक छोटी एग्री ट्रेडिंग फर्म के साथ अडाणी ग्रुप की शुरुआत की।
ये अब एक ऐसे ग्रुप में बदल गया है, जो कोल ट्रेडिंग, माइनिंग, लॉजिस्टिक्स, पावर जेनरेशन और डिस्ट्रीब्यूशन तक फैला हुआ है। अडाणी ग्रुप ग्रीन एनर्जी, एयरपोर्ट्स, डेटा सेंटर्स और सीमेंट इंडस्ट्री में भी है। गौतम अडाणी ने अपने ग्रुप को दुनिया का सबसे बड़ा रिन्यूएबल एनर्जी प्रोड्यूसर बनाने के लिए 2030 तक 70 अरब डॉलर (590848 करोड़ रुपए) का निवेश करने का कमिटमेंट किया है।
1996 में बनाया अडाणी फाउंडेशन : गौतम अडाणी की पत्नी प्रीति की अगुआई में 1996 में अडाणी फाउंडेशन की स्थापना हुई थी। अडाणी फाउंडेशन भारत के ग्रामीण इलाकों में काम कर रहा है। वर्तमान में फाउंडेशन देश के 18 राज्यों में सालाना 34 लाख लोगों की जिंदगी बेहतर करने में मदद कर रहा है। प्रीति पेशे से डॉक्टर हैं, उन्होंने डेंटल सर्जरी (BDS) में ग्रेजुएशन किया है।
गौतम अडाणी से जुड़े विवाद…
पहला विवाद: हिंडनबर्ग रिसर्च ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए : जनवरी 2023 की है। गौतम अडाणी की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज ने 20,000 करोड़ का फॉलोऑन पब्लिक ऑफर लाने की घोषणा की। 27 जनवरी 2023 को इस ऑफर को खुलना था, लेकिन उससे ठीक पहले 24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप लगाए गए।
25 जनवरी तक ग्रुप के शेयरों मार्केट वैल्यू करीब 12 बिलियन डॉलर (करीब 1 लाख करोड़ रुपए) कम हो गई। हालांकि, अडाणी ने किसी भी गलत काम के आरोपों से इनकार किया। ऐसे में अडाणी ग्रुप ने अपना 20,000 करोड़ का फॉलोऑन पब्लिक ऑफर भी कैंसिल कर दिया। केस की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई और सेबी ने भी मामले की जांच की।
कोर्ट के फैसले के बाद अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी ने कहा था, ‘कोर्ट के फैसले से पता चलता है कि सत्य की जीत हुई है। सत्यमेव जयते। मैं उन लोगों का आभारी हूं जो हमारे साथ खड़े रहे। भारत की ग्रोथ स्टोरी में हमारा योगदान जारी रहेगा। जय हिन्द।’
दूसरा विवाद: लो-ग्रेड कोयले को हाई-ग्रेड में बेचने का आरोप : एक महीने पहले फाइनेंशियल टाइम्स ने ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया था कि जनवरी 2014 में अडाणी ग्रुप ने एक इंडोनेशियाई कंपनी से 28 डॉलर ( करीब 2360 रुपए) प्रति टन की कथित कीमत पर ‘लो-ग्रेड’ कोयला खरीदा था।
रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि इस शिपमेंट को तमिलनाडु जेनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (TANGEDCO) को उच्च गुणवत्ता वाले कोयले के रूप में 91.91 डॉलर (करीब 7750 रुपए) प्रति टन की औसत कीमत पर बेच दिया गया था।
अडाणी ग्रुप पर पहले कोल इम्पोर्ट बिल में हेराफेरी के आरोप लगे थे…
- फाइनेंशियल टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में आरोप लगाया कि अडाणी ग्रुप ने इंडोनेशिया से कम रेट में कोयले को इम्पोर्ट किया और बिल में हेराफेरी करके ज्यादा दाम दिखाए। इसी के चलते ग्रुप ने कोयले से जनरेट होने वाली बिजली ग्राहकों को ज्यादा कीमत पर बेची।
- फाइनेंशियल टाइम्स ने 2019 से 2021 के बीच 32 महीनों में अडाणी ग्रुप के इंडोनेशिया से भारत इम्पोर्ट 30 कोयले के शिपमेंट की जांच की। इन सभी शिपमेंट के इम्पोर्ट रिकॉर्ड में एक्सपोर्ट डिक्लेरेशन की तुलना में कीमतें ज्यादा मिलीं। रकम करीब ₹582 करोड़ बढ़ाई गई।