अडाणी की कंपनियों पर 2.41 लाख करोड़ रुपए का लोन:इनके पास 59791 करोड़ रुपए कैश, 30 महीनों तक कर्ज भुगतान के लिए काफी

एक बड़े कांट्रैक्ट के लिए कथित तौर पर रिश्वत देने के आरोपों से घिरे अडाणी ग्रुप पर 2.41 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। इसमें 55% हिस्सेदारी अंतरराष्ट्रीय पूंजी बाजार (विदेशी बॉन्ड) और ग्लोबल बैंकों का है। 33% हिस्सेदारी घरेलू वित्तीय संस्थाएं, NBFC और सरकारी बैंकों की है।

शुक्रवार तक की स्थिति के हिसाब से अडाणी ग्रुप की सभी 10 लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 11.94 लाख करोड़ रुपए है। इसका मतलब है कि कंपनी पर कुल संपत्ति का 20.10% कर्ज है। कुल कर्ज में सरकारी बैंकों का बकाया लोन 15% है।

कंपनियों की बैलेंस शीट के मुताबिक, अडाणी ग्रुप के पास 59,791 करोड़ रुपए का कैश है। इस हिसाब से इस ग्रुप पर 1.81 लाख करोड़ रुपए की शुद्ध देनदारियां हैं। इन कंपनियों पर कुल कर्ज का 24.77% कैश बैलेंस है। यह 30 महीनों तक कर्ज भुगतान के लिए काफी है। इस लिहाज से अडाणी ग्रुप को कर्ज देने वाले बैंकों के लिए तत्काल किसी तरह का रिस्क नहीं है।

सोर्स: पहली तिमाही के बाद निवेशकों के समक्ष अडाणी ग्रुप की कंपनियों की प्रस्तुति

एक साल में 6.16% बढ़ा कुल कर्ज, पर नेट डेट घटा

  • 2023-24 में अडाणी ग्रुप पर कर्ज 6.16% बढ़कर 2.41 लाख करोड़ हो गया।
  • बीते वित्त वर्ष शुद्ध कर्ज (कैश बैलेंस छोड़कर) 3.20% घटकर 1.81 लाख करोड़ रह गया, जो पहले 1.87 लाख करोड़ था।

घरेलू बैंकों का कुल बकाया 88,100 करोड़ ग्रुप पर भारतीय बैंकों और संस्थाओं का 88,100 करोड़ रुपए बकाया है। यह इस कॉरपोरेट ग्रुप पर कुल कर्ज का 36% है। इसमें से 75,877 करोड़ रुपए टर्म लोन, जबकि 12,233 वर्किंग कैपिटल लोन है। अडाणी ग्रुप की कंपनियों पर कुल कर्ज में सबसे बड़ी 29% हिस्सेदारी इंटरनेशनल कैपिटल मार्केट्स की है, जो बॉन्ड के जरिये उठाए गए हैं। जिसको लेकर अमेरिकी नियामक ने सख्ती दिखाई है।