कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता के CA से ऑनलाइन ठगी करने वाले 5 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। जब तक प्रयागराज पुलिस के साथ यूपी की कई एजेंसियां एक्टिव हुईं, तब तक मंत्री नंदी के 2.08 करोड़ रुपए में 1.96 करोड़ रुपए लुट चुके थे। 300 से अधिक अकाउंट में रुपए ट्रांसफर होकर निकल चुके थे। ठगों में दो बीटेक पास हैं। विदेश में बैठे ठगों से इनका संपर्क है।
इतनी जद्दोजहद के बाद क्राइम ब्रांच, साइबर सेल, स्पेशल टीमें महज 12.22 लाख रुपए अकाउंट में फ्रीज कर सकीं। यानी मंत्री के 1 करोड़ 96 लाख रुपए नहीं मिल पाए। 300 से अधिक अकाउंट के जरिए निकाले गए इन रुपए तक पहुंचना अब पुलिस के लिए टेढ़ी खीर है।
बीटेक के बाद साइबर ठगी, हाईटेक पुलिस फेल ठगी करने वाले गैंग को दिव्यांशु और पुलकित ऑपरेट करते हैं। दिव्यांशु पटना का है, जबकि पुलकित मऊ का रहने वाला है। दोनों बीटेक पास हैं। दोनों शातिरों ने तीन साल तक नेटवर्किंग कंपनी में नौकरी की। बीटेक पास दिव्यांशु और पुलकित हैकिंग के मास्टर हो गए। दोनों एक साथ रूम पार्टनर रहे और मोबाइल गेमिंग करते-करते साइबर ठगी में उतर आए।
दोनों ने पहले तो ऑनलाइन खरीदारी करने वालों को चूना लगाया। किसी भी मोबाइल नंबर के आधार पर बुकिंग और रुपए ट्रांसफर में ठगी करने लगे। पकड़े न जाएं, इसलिए रुपए ट्रांसफर करने के लिए ऐसे खाताधारकों को तय किया जो कमीशन पर काम करने लगे।
संजीव है MBA पास, 5% मिलता है कमीशन पुलिस के मुताबिक, पकड़ा संजीव MBA पास है। वह नौकरी करता है। वह खाता धारकों की व्यवस्था करता है। संजीव ने बताया- उसे नहीं पता था कि उसके खाते का इस्तेमाल ठगी के लिए किया जा रहा है। उसे लगता था सट्टे या गेमिंग एप की रकम के लिए खाते का इस्तेमाल किया जा रहा है। उसे खाते की व्यवस्था करने के लिए 5% कमीशन मिलता था। वहीं, विजय और सुरजीत खाता धारक हैं। इनके खाते में ठगी की रकम आई थी।
ये आरोपी हुए गिरफ्तार
- दिव्यांशु पुत्र धनंजय कुमार, निवासी पटना, बिहार
- पुलकित द्विवेदी पुत्र आशुतोष कुमार द्विवेदी, निवासी मऊ
- संजीव कुमार पुत्र झांजय राय निवासी बरेली
- सुरजीत सिंह पुत्र सत्यपाल निवासी बरेली
- विजय कुमार पुत्र मुरारी लाल निवास नवाबगंज, बरेली