पाकिस्तान में इमरान समर्थक हजारों प्रोटेस्टर गिरफ्तार:इस्लामाबाद में रैली के लिए जा रहे, 60 फॉरेन लोकेशन से मिल रहा समर्थन

पाकिस्तान में इमरान खान की रिहाई के लिए प्रोटेस्ट कर रहे प्रदर्शनकारियों का काफिला राजधानी इस्लामाबाद की ओर बढ़ रहा है। रविवार 24 नवंबर को इमरान खान की अपील पर प्रदर्शन शुरू हुआ था। इमरान ने इस प्रोटेस्ट को ‘फाइनल कॉल’ नाम दिया है। प्रदर्शन रोकने के लिए पुलिस ने 4 हजार से ज्यादा इमरान समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें 5 सांसद भी शामिल हैं।

इस बीच पाकिस्तान में चल रहे प्रोटेस्ट को दुनियाभर से समर्थन मिल रहा है। दुनिया के 60 से ज्यादा शहरों में PTI समर्थक इमरान खान की रिहाई के लिए मांग कर रहे हैं। PTI ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन के कई शहरों से प्रदर्शन की तस्वीरें साझा की हैं।

आज पाकिस्तान में बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के दौरे को देखते हुए शहबाज शरीफ सरकार ने पहले से ही सुरक्षा इंतजाम पुख्ता कर रखे हैं। राजधानी इस्लामाबाद आने वाली मुख्य सड़कों को कंटेनर के जरिए 23 नवंबर को ही बंद कर दिया गया था। हजारों पुलिस कर्मियों को भी तैनात किया गया है। कई इलाकों में मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं सस्पेंड कर दी गई हैं।

प्रदर्शनकारियों की तीन मांगें इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) और समर्थक 3 मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। पहली मांग है कि इमरान खान और PTI कार्यकर्ताओं की जल्द रिहाई की जाए। इसके अलावा 2024 में हुए चुनाव के नतीजों को मानना और पाकिस्तानी संसद में पास अदालतों की ताकत कम करने वाले 26वें संविधान संशोधन एक्ट को वापस लेना।

इमरान खान ने खुद इस विरोध प्रदर्शन के लिए अपील की थी। उन्होंने PTI कार्यकर्ताओं से 24 नवंबर को विरोध प्रदर्शन में शामिल होने या पार्टी छोड़ने के लिए कहा था। इमरान ने इस प्रदर्शन को फाइनल कॉल नाम दिया है।

खान पर 100 से ज्यादा मामले इमरान खान पर 100 से ज्यादा मामले चल रहे हैं। इस्लामाबाद की स्थानीय कोर्ट ने उन्हें 5 अगस्त, 2023 को तोशाखाना के केस में दोषी करार दिया था। इसके बाद उन्हें इस्लामाबाद के जमान पार्क स्थित उनके घर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। बाद में उन्हें 2 और मामलों में दोषी करार दिया गया था। अंग्रेजी अखबार डॉन के मुताबिक, अगर इमरान जेल से बाहर आते हैं तो, वे पाकिस्तान में दोबारा चुनाव की मांग को उठाएंगे।

इस साल हुए आम चुनाव में इमरान की तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी आधिकारिक तौर पर हिस्सा नहीं ले पाई थी। इमरान खान के एक्स (ट्विटर) अकाउंट पर 5 जुलाई को हुई एक पोस्ट में इस साल 8 फरवरी को हुए आम चुनावों को फर्जी बताया गया था। ऐसे में शहबाज सरकार या फौज नहीं चाहेगी की खान किसी भी कीमत पर रिहा हों।

जेल में रहकर भी सबसे ज्यादा सीटें जीतीं पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव हुए। इनसे पहले खान को एक के बाद एक लगातार 3 मामलों में दोषी करार दे दिया गया था। इससे वे चुनाव में हिस्सा नहीं ले पाए थे। चुनाव से पहले उनका पार्टी चुनाव चिह्न छीन लिया गया था। पार्टी के सभी नेता निर्दलीय चुनाव लड़े थे। इसके बावजूद खान की पार्टी PTI के समर्थकों को पाकिस्तान की नेशनल असेंबली की 342 सीटों में से 93 सीटें मिलीं। हालांकि, पाकिस्तान मुस्लिम लीग और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने मिलकर सरकार बना ली। शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री बने।