कानपुर पुलिस कमिश्नर का वसूलीबाज पत्रकारों के साथ ही दागी अधिवक्ताओं के खिलाफ अभियान जारी है। इसी क्रम में गुरुवार रात को प्लॉट पर कब्जा करने में अधिवक्ता अमित शर्मा के साथ ही जेल में बंद कानपुर प्रेस क्लब के दोनों पदाधिकारी पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित और महामंत्री कुशाग्र पांडेय के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। महिला अधिवक्ता की तहरीर पर नजीराबाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।
महिला अधिवक्ता के प्लॉट पर कब्जा करने का आरोप
आरके नगर में रहने वाली अधिवक्ता मीनाक्षी गुप्ता ने बताया कि उनके भाई अनीश गुप्ता के हक में डॉ. प्रमोद कुमार गुप्ता ने सीसामऊ स्थित भूखंड संख्या-11 ब्लॉक आर-1 सीसामऊ-4 की वसीयत की थी। वस्रीयत रजिस्टर्ड होने के बाद उनका भाई भूखंड का स्वामी हो गया। डॉ. प्रमोद गुप्ता की मौत के बाद उस प्लाट को खाली समझ कर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित, पूर्व महामंत्री कुशाग्र पांडेय और अधिवक्ता अमित शर्मा ने मिलकर कब्जा करने के नियत से उस पर अपना बोर्ड लगा दिया। कई बार कब्जा करने का प्रयास किया। पुलिस की सख्ती देख अमित और कुशाग्र ने अपना बोर्ड हटा लिया।
लेकिन आरोप है कि मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला अधिवक्ता मीनाक्षी गुप्ता और उनके भाई अनीश से 50 लाख रुपए की रंगदारी मांग रहे हैं। रुपयों की मांग पूरी नहीं होने पर जबरिया प्लॉट पर कब्जा करने की बात कही है। इसके साथ ही फर्जी मानहानि का नोटिस भेजकर अमित शर्मा 1 करोड़ रुपए की मांग कर रहा है।
जेल भेजे गए प्रेस क्लब के पूर्व महामंत्री कुशाग्र पांडेय के खिलाफ कोतवाली के बाद अब यह दूसरी एफआईआर दर्ज हुई है। कुशाग्र बीते कई दिनों से कचहरी में सक्रिय थे और प्रैक्टिस शुरू की थी। नजीराबाद थाना प्रभारी अमान सिंह ने बताया कि अधिवक्ता अमित शर्मा और जेल में बंद अवनीश दीक्षित व कुशाग्र पाडेय के खिलाफ रंगदारी, जान से मारने की धमकी देने समेत अन्य गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है।
अपराधिक प्रवृत्ति का है अधिवक्ता
अधिवक्ता मीनाक्षी ने तहरीर में लिखा है कि अमित शर्मा अपराधिक किस्म का है। उसके खिलाफ तमाम मुकदमें धोखाधड़ी जमीन कब्जाने व रंगदारी मांगने के विचाराधीन हैं। प्रार्थिनी की शिकायत पर बार काउंसिल ऑफ यूपी ने उसके विरूद्ध 10 वर्षों तक विधि व्यवसाय करने से रोक लगायी गयी थी, इसके विरूद्ध अमित शर्मा ने अपील दाखिल कर रखी है। उपरोक्त अमित शर्मा का उपरोक्त प्लाट से किसी भी प्रकार का लेना देना नही है। परन्तु केवल वसूली करने और रंगदारी मांगने के उद्देश्य से प्रार्थिनी व उसके परिवार को आये दिन जानमाल की धमकी दी जा रही है। रंगदारी न देने पर गम्भीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है।