बंगाल की खाड़ी से उठा फेंगल तूफान शनिवार शाम तक पुडुचेरी के कराईकल और तमिलनाडु के महाबलीपुरम के बीच समुद्र तट से टकराएगा।
इस दौरान 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने का अनुमान है। तमिलनाडु और पुडुचेरी के कई इलाकों में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। चेन्नई में कई फ्लाइट्स प्रभावित हुई हैं।
तमिलनाडु के चेन्नई, कांचीपुरम, चेंगलपट्टू, तिरुवल्लूर, कुड्डालोर, विल्लुपुरम, कल्लाकुरिची और मयिलादुथुराई जिलों और पुडुचेरी में आज स्कूल-कॉलेज बंद रखे गए हैं।
इन जिलों में लोगों को भी घर से बाहर न निकलने की सलाह दी गई है। मानसून के बाद भारत को प्रभावित करने वाला दूसरा तूफान है। इससे पहले 24 अक्टूबर तूफान दाना आया था।
फेंगल से प्रभावित 4 राज्य…
तूफान का असर तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और पुडुचेरी में पड़ रहा है। तमिलनाडु सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है। यहां भारी बारिश के चलते धान की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। नागपट्टिनम में करीब 800 एकड़ से ज्यादा की फसल खराब हुई।
राज्यों में असर और तैयारी…
1. तमिलनाडु
- असर: कामेश्वरम, विरुंधमावडी, पुडुपल्ली, वेद्रप्पु, वनमादेवी, वल्लपल्लम, कल्लिमेडु, ईरावायल और चेम्बोडी जिलों में 3 दिसंबर तक भारी बारिश होगी। कांचीपुरम, चेंगलपट्टू, तिरुवल्लूर, कुड्डालोर, विल्लुपुरम, कल्लाकुरिची और मयिलादुथुराई में स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। चेन्नई में बारिश के कारण कई फ्लाइट्स प्रभावित हुई हैं। ट्रेनें भी लेट हुई हैं। समुद्री तट के पास के इलाकों और निचले इलाकों से लोगों को सेफ जगह पहुंचाया गया है।
- तैयारी: नौसेना प्रभावित इलाकों में गाड़ियों से को भोजन, पीने का पानी भेज रही है। बाढ़ संभावित इलाकों में NDRF और SDRF की टीमें तैनात की गई हैं। इमरजेंसी से निपटने के लिए टोल-फ्री नंबर 112 और 1077 जारी किए हैं। 2 हजार रिलीफ कैंप तैयार किए गए हैं। तिरुवरुर और नागपट्टनम में 471 लोगों को ठहराया गया है। दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम की अपील की गई है। समुद्र तट के नजदीकी सड़कों पर आवाजाही बंद कर दी गई है।
2. आंध्र प्रदेश
- असर: फेंगल तूफान से नेल्लोर, चित्तूर, विशाखापट्टनम और तिरुपति सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। यहां भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। यहां 50-60 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चल रही है।
- तैयारी: 1 दिसंबर तक प्रभावित समुद्री तटों को खाली रखने के निर्देश दिए गए हैं। मछुआरों को भी बोटिंग करने से मना किया गया है। आंध्र प्रदेश सरकार ने तट के नजदीक रहने वाले लोगों से घरों में रहने की अपील की है।
3. पुडुचेरी
- असर: पूरे पुडुचेरी में बारिश हो रही है। निचले इलाकों में पानी भर गया है। कई इलाकों में पवर कट भी देखने को मिला है।
- तैयारी: सभी स्कूल-कॉलेज भी बंद कर दिए गए हैं। दफ्तरों को वर्क फ्रॉम होम करने के लिए कहा गया है। 12 लाख लोगों को सावधानी बरतने के लिए मैसेज भेजे गए हैं। इमरजेंसी हेल्प लाइन नंबर भी जारी किए गए हैं। पुलिस और PWD डिपार्टमेंट को अलर्ट पर रखा गया है।
4. कर्नाटक
- असर: उडुपी, चिक्कमगलुरु, चित्रदुर्ग समेत 16 जिलों में बारिश हो रही है। 1 दिसंबर से 3 दिसंबर तक बिजली भी गिर सकती है।
- तैयारी: निचले इलाकों के लोगों को सावधान रहने के लिए कहा गया है। पुलिस और PWD टीम को प्रभावित लोगों तक जल्द पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं।
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सऊदी अरब ने दिया तूफान को ‘फेंगल’ नाम
इस तूफान का नाम ‘फेंगल’ सऊदी अरब की तरफ से प्रस्तावित किया गया है। यह एक अरबी शब्द है, जो भाषाई परंपरा और सांस्कृतिक पहचान का मिश्रण है। यह शब्द वर्ल्ड मीटियोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन (WMO) और संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (UNESCAP) के नामकरण पैनल में क्षेत्रीय विविधता को दर्शाता है।
चक्रवातों के नामों का चयन करते समय यह सुनिश्चित किया जाता है कि नामों का उच्चारण आसान हो, वे याद रखने में सरल हों, और सांस्कृतिक रूप से निष्पक्ष हों। यह ध्यान रखा जाता है कि नाम ऐसे हों जिनसे अलग-अलग क्षेत्रों और भाषाओं के बीच कोई विवाद पैदा न हो या किसी का अपमान न हो।
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एक महीने पहले ओडिशा में आया था ‘दाना’ तूफान 25 अक्टूबर की रात ओडिशा के तट से चक्रवाती तूफान ‘दाना’ 110kmph की रफ्तार से टकराया था। सुबह करीब 8:30 बजे तूफान की लैंडफॉल प्रोसेस खत्म हुई। 8:30 घंटे में तूफान की रफ्तार 110kmph से घटकर 10kmph हो गई।
‘दाना’ के असर से ओडिशा और पश्चिम बंगाल में बारिश हुई। ओडिशा में कई इलाकों में पेड़ उखड़े, गाड़ियां भी डैमेज हुईं। वहीं पश्चिम बंगाल में एक व्यक्ति की मौत हो गई। ओडिशा के CM मोहन चरण माझी ने बताया कि 5.84 लाख लोगों को रिलीफ कैंप में शिफ्ट किया गया।
भुवनेश्वर और कोलकाता एयरपोर्ट पर 24 अक्टूबर की शाम 5 बजे से 25 अक्टूबर सुबह 8 बजे तक 300 फ्लाइट्स कैंसिल रहीं। वहीं, साउथ ईस्ट रेलवे, ईस्ट कोस्ट रेलवे, ईस्टर्न रेलवे और साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे की 552 ट्रेनें रद्द की गईं।
ओडिशा के अलावा तूफान का असर पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु में भी देखने को मिला। पश्चिम बंगाल सरकार ने 83 हजार लोगों को रिलीफ कैंप में पहुंचाया।