संसद के शीतकालीन सत्र का आज नौवां दिन है। पिछले दिन की कार्यवाही में विपक्षी सांसद काली जैकेट पहनकर संसद पहुंचे और गली-गली में शोर है, मोदी-अडाणी चोर हैं के नारे लगाए।
विपक्षी सांसदों के साथ राहुल और प्रियंका गांधी भी शामिल हुए। विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी करते हुए ये भी कहा- ‘स्कूल देखो- अडाणी’, ‘सड़कें देखो- अडाणी’, ‘ऊपर देखो- अडाणी, नीचे देखो- अडाणी’ के नारे लगाए।
वहीं, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई के बीच तीखी बहस हुई। निशिकांत दुबे ने आरोप लगाए कि विपक्ष सरकार गिराने की लगातार कोशिशें कर रहा है।
निशिकांत ने राहुल गांधी से पूछा कि क्या आप खालिस्तान समर्थकों और कश्मीर का विभाजन चाहने वालों से नहीं मिले?
निशिकांत ने ये भी बताया कि विपक्षी नेताओं का एक धड़ा पीएम नरेंद्र मोदी की अगुआई में देश को मिली तरक्की को गलत साबित करना चाहता है।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह बोले- विपक्ष के नेता पॉलिटिकल नौटंकी कर रहे अडाणी मुद्दे पर विपक्षी सांसदों के प्रदर्शन पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि जो अपने को LoP (विपक्ष का नेता) कहते हैं, अच्छा होता कि वे अयोध्या के राम मंदिर की परिक्रमा कर लेते तो उनका पूरा खानदान तर जाता। यहां जो वे पॉलिटिकल नौटंकी कर रहे हैं, इससे अच्छा तो वे राजघाट पर जाकर बैठ जाते।
वहीं, विपक्षी सांसदों के प्रदर्शन पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में कहा- जहां तक जीरो अवर (शून्यकाल) का सवाल है, स्पीकर सर ने कहा था कि उनकी (विपक्ष) और इधर वालों (सत्ता पक्ष) दोनों की बात सुनेंगे। लेकिन वे रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर सदन में आए। जो नियम बनाया गया था कि प्लेकार्ड्स लेकर सदन में नहीं आएंगे। इन्होंने नियम तोड़ा है।
संसद के बाहर रंग-बिरंगे कपड़े पहनने का इन्होंने जो फैशन शो शुरू किया है, ये हमारी संसदीय गरिमा को गिराता है। अपोजिशन पार्टियों को ऐसा दुर्व्यवहार नहीं करना चाहिए। आपको रेल मंत्री का बयान सुनना चाहिए। सदन में जो भी बिजनेस होना है, उसमें हिस्सा लेना चाहिए। हंगामा करने से देश में गलत संदेश जाता है। हंगामा करने से वोट नहीं मिलता। अच्छा व्यवहार करने से ही लोग पसंद करते हैं।
गौरव गोगोई बोले- मोदी अब संभल में आग लगाना चाहते हैं असम से सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि भाजपा झूठ बोल रही है। वे संसद नहीं चलाना चाहते। राहुल गांधी देश में शांति कायम करना चाहते हैं। पीएम मोदी ने जिस तरीके से मणिपुर में आग लगाई, वैसे ही संभल में आग लगाना चाहते हैं। राहुल गांधी को संभल जाने से रोका गया।
संसद के शीतकालीन सत्र में पिछली 8 कार्यवाही…
25 नवंबर: पहला दिन- राज्यसभा में धनखड़-खड़गे के बीच बहस राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ और लीडर ऑफ अपोजिशन (LoP) मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच बहस हुई। दरअसल धनखड़ ने खड़गे से कहा कि हमारे संविधान को 75 साल पूरे हो रहे हैं। उम्मीद है आप इसकी मर्यादा रखेंगे। इस पर खड़गे ने जवाब दिया कि इन 75 सालों में मेरा योगदान भी 54 साल का है, तो आप मुझे मत सिखाइए।
27 नवंबर: दूसरा दिन- अडाणी मुद्दे पर लोकसभा में हंगामा, सदन स्थगित लोकसभा में सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने अडाणी मुद्दे पर हंगामा किया था। 12 बजे दोबारा कार्यवाही शुरू हुई तो फिर हंगामा हुआ। विपक्ष ने यूपी के संभल में हिंसा का मुद्दा भी उठाया। जिसके बाद लोकसभा और राज्यसभा दोनों को 28 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया था।
28 नवंबर: तीसरा दिन- प्रियंका गांधी पहली बार संसद पहुंचीं, सांसद की शपथ ली प्रियंका गांधी पहली बार संसद पहुंचीं। उन्होंने लोकसभा में सांसद पद की शपथ ली। इस दौरान हाथ में संविधान की कॉपी ली। प्रियंका के साथ उनकी मां सोनिया और राहुल गांधी भी संसद पहुंचे। प्रियंका वायनाड सीट से उपचुनाव जीती हैं। प्रियंका के साथ नांदेड़ से उपचुनाव जीतने वाले रविंद्र चव्हाण ने भी शपथ ली।
29 नवंबर: चौथा दिन- स्पीकर बोले- सदन सबका है, देश चाहता है संसद चले लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष ने अडाणी और संभल मुद्दा उठाया था। विपक्षी सांसद कार्यवाही के दौरान लगातार हंगामा करते रहे थे। स्पीकर ने कई बार उन्हें बिठाने की कोशिश की, मगर विपक्ष शांत नहीं हुआ था। स्पीकर ओम बिरला ने कहा था, ‘सहमति-असहमति लोकतंत्र की ताकत है। मैं आशा करता हूं सभी सदस्य सदन को चलने देंगे। देश की जनता संसद के बारे में चिंता व्यक्त कर रही है। सदन सबका है, देश चाहता है संसद चले।
2 दिसंबर : पांचवां दिन- स्पीकर के साथ फ्लोर लीडर्स की मीटिंग, सदन चलाने पर सहमति बनी कार्रवाई शुरू होने के बाद हंगामे के कारण नहीं चल सकी। विपक्ष ने लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदन में अडाणी और संभल मुद्दा उठाया। विपक्षी नेताओं ने वी वॉन्ट जस्टिस के नारे लगाए। सदन की कार्यवाही ठीक से नहीं चलने को लेकर लोकसभा स्पीकर ने पक्ष और विपक्ष के फ्लोर लीडर्स की मीटिंग बुलाई। मीटिंग में तय हुआ कि 3 दिसंबर से दोनों सदन ठीक से चलाए जाएंगे।
3 दिसंबर : छठा दिन- संभल हिंसा और अडाणी मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार पर सवाल खड़े किए हंगामा करते हुए नेता विपक्ष राहुल गांधी सहित लगभग पूरे विपक्ष ने लोकसभा से वॉकआउट किया था। वहीं लोकसभा में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2024 पारित किया गया था। विपक्ष के हंगामे पर केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था कि देश चलाने के लिए संसद चलना बहुत जरूरी है। संसद की कार्यवाही अगर ठीक से नहीं होगी तो उसका सबसे ज्यादा नुकसान देश और विपक्ष के सांसदों को होता है।
4 दिसंबर: सातवां दिन- चीन मुद्दे पर विपक्ष का राज्यसभा से वॉकआउट, दो विधेयक पेश किए गए चीन मुद्दे पर विपक्ष ने राज्यसभा का वॉकआउट किया। लोकसभा में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे (संशोधन) विधेयक 2024 पेश किया। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय पीयूष गोयल ने राज्यसभा में बॉयलर विधेयक पेश किया। राज्यसभा में किसानों के मुद्दे पर सभापति धनखड़ ने विपक्ष को फटकार लगाई। कहा- आपके लिए किसानों का हित स्वार्थ के लिए है।
5 दिसंबर: आठवां दिन- वेणुगोपाल बोले- LoP से अपमानजनक भाषा बोली गई, सदन में ऐसा कभी नहीं हुआ केरल से कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि आज लोकसभा में जो हुआ, वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था। स्पीकर ने शून्यकाल में भाजपा के निशिकांत दुबे को बोलने की अनुमति दी। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया। संसद के इतिहास में इस तरह की भाषा का कभी इस्तेमाल नहीं हुआ।
सत्र में कुल 16 बिल, 11 पर चर्चा, 5 मंजूरी के लिए पेश होंगे संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कुल 16 विधेयक पेश किए जाने हैं। इनमें से 11 विधेयक चर्चा के लिए रखे जाएंगे। जबकि 5 कानून बनने के लिए मंजूरी के लिए रखे जाएंगे। वन नेशन वन इलेक्शन के लिए प्रस्तावित विधेयकों का सेट अभी सूची का हिस्सा नहीं है, हालांकि कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सरकार इसे सत्र में ला सकती है।
वहीं, राज्यसभा बुलेटिन में कहा गया है कि लोकसभा से पारित एक अतिरिक्त विधेयक भारतीय वायुयान विधेयक राज्यसभा में मंजूरी के लिए लंबित है।