बिजनौर के बदमाशों ने सुनील पाल को किया था किडनैप:मेरठ पुलिस ने 100 CCTV खंगाले, रातभर छापेमारी; कई युवकों को उठाया

कॉमेडियन सुनील पाल का अपहरण करने वाले बदमाश बिजनौर के रहने वाले हैं। मेरठ पुलिस ने शहर के 100 से अधिक CCTV खंगालकर आरोपियों की पहचान की। पुलिस की टीमें सोमवार रात में ही बिजनौर पहुंची। आरोपियों के घरों और आस-पास के गांवों में रातभर तलाशी अभियान चलाया।

आरोपियों की पहचान बिजनौर निवासी लवी पाल और अर्जुन कर्णवाल के रूप में हुई। कई युवकों को पुलिस मेरठ लेकर आई है। हालांकि, पुलिस अधिकारी यह नहीं बता रहे हैं कि अर्जुन और लवी को पकड़ा है या नहीं।

जांच में पता चला कि आरोपियों ने 19 दिन पहले भी इवेंट के नाम पर कॉमेडियन मुश्ताक खान को भी अगवा कर बदमाशों ने फिरौती ली थी। पुलिस ने दिल्ली से सुनील पाल को लाने वाले टैक्सी चालक को भी हिरासत में लिया है।

दिनभर पुलिस टीम ने किया वर्कआउट सोमवार यानी 9 दिसंबर को पुलिस की 10 टीमों ने हाईवे से लेकर बेगमपुल तक लगे CCTV की फुटेज खंगाले। जांच में सामने आया कि राधे श्याम और आकाश गंगा ज्वेलर्स से ज्वेलरी खरीदने वाले दोनों बदमाश एक ही थे।

वे 6 घंटे तक बेगमपुल और लालकुर्ती एरिया में ही रहे। इसके अलावा उन्होंने तीसरे ज्वेलर्स के यहां से भी ज्वेलरी खरीदनी चाही थी लेकिन वहां पर सोने के सिक्के नहीं होने के चलते आकाश गंगा शोरूम पर पहुंचे थे।

ज्वेलर्स बोले- हमने तो सामान्य ग्राहक की तरह बेचे जेवरात

सोमवार को सर्राफा एसोसिएशन के विजय अग्रवाल आनंद राधे श्याम ज्वेलर्स के शोरूम पर पहुंचे। यहां पर ज्वेलर्स अक्षित जैन ने बताया कि उन्होंने तो सामान्य ग्राहक की तरह ही ज्वेलरी बेची। उनको नहीं पता था कि ग्राहक कौन है। पक्के बिलों पर नियमानुसार ज्वेलरी बेची गई।

जानिए क्या है पूरा मामला कॉमेडियन सुनील पाल के मुताबिक उनको 2 दिसंबर की रात हरिद्वार के एक इवेंट में बुलाया गया था। सुनील पाल फ्लाइट से मुंबई से दिल्ली पहुंचे। दिल्ली से मेरठ के बीच सुनील पाल को किडनैप कर लिया गया। किडनैपर सुनील पाल को मेरठ लाए। आंखों पर पट्‌टी बांधकर मेरठ में रखा गया।

दोस्तों को फोन करके 8 लाख रुपए की फिरोती मांगी गई। फिरौती की सारी रकम ऑनलाइन मंगाई गई। इसके बाद बदमाशों ने बेगमपुल के आकाश गंगा ज्वेलर्स से 4 लाख रुपए और जवाहर क्वार्टर में अक्षित सिंघल की शॉप से सवा 2 लाख के जेवरात खरीदे। दोनों जगह पर सुनील पाल के नाम से बिल बनवाए। सुनील पाल के आधार कार्ड और पैन कार्ड की कॉपी भी दी गई।

सुनील पाल के मोबाइल से ही ऑनलाइन रकम ज्वेलर्स के खातों में ट्रांसफर कराई गई। वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश सुनील पाल को सड़क पर छोड़कर फरार हो गए।

सुनील पाल के मुताबिक, 16 दिन पहले पहले अनिल नाम के युवक ने कॉल करके खुद को इवेंट कंपनी का डायरेक्टर बताया। उसने सुनील को हरिद्वार के एक इंवेंट में आने को कहा। इसके लिए सुनील पाल को कुछ रकम भी ट्रांसफर की।

2 दिसंबर को सुनील दिल्ली पहुंचे तो इवेंट कंपनी की तरफ से उनको हरिद्वार ले जाने के लिए कार भेज दी गई। रास्ते में एक ढाबे पर वे रुके तो तीन युवक उनके फैन बनकर पास पहुंचे। एक युवक ने उन्हें बताया कि उसने नई कार ली है। वह सुनील को अपनी कार के पास ले गया और कार को अंदर से देखने के लिए कहा। सुनील के कार में बैठते ही आरोपियों ने उन्हें बंधक बना लिया।

जरा भी आवाज निकाली तो जहर से मार दूंगा सुनील पाल ने कहा, ‘बदमाशों ने मुझसे कहा था कि तुम्हें किडनैप कर लिया गया है। शोर मचाया तो मार देंगे। बदमाशों ने मेरे चेहरे पर कपड़ा बांध दिया था। एक घंटे कार चलने के बाद बदमाश मुझे एक मकान में ले जाया गया। यहां पर दूसरी मंजिल पर मुझे बंधक बना लिया।

एक बदमाश हाथ में इंजेक्शन लिए हुए था। वह बोल रहा था कि इसमें जहर है। अगर जरा भी आवाज निकाली तो जहर से मार दूंगा। मैंने बदमाशों से पूछा कि तुम चाहते क्या हो, तो उन्होंने 20 लाख रुपए देने को कहा।’

20 नहीं तो 10 लाख दे दो… ‘मैंने उनसे कहा कि मेरे पास इतने रुपए नहीं हैं। बदमाशों ने कहा- हमें पता है कि तू बहुत बड़ा कॉमेडियन है, तेरे पास इतने रुपयों की कहां कमी होगी। 20 नहीं तो 10 लाख दे दो। फिर एटीएम कार्ड के बारे पूछा तो मैंने कहा कि कार्ड नहीं रखता हूं।

बदमाशों ने पत्नी को कॉल कर पैसे मांगने की बात कही। इस पर मैंने उनसे कहा- घर फोन मत करो। वे लोग परेशान हो जाएंगे। मैं दोस्तों से बात करके पैसा मंगवाता हूं।

सुनील पाल बोले – 20 हजार रुपए मुझे वापसी टिकट के लिए भी दिए सुनील पाल ने आगे कहा- 3 दिसंबर को बदमाशों ने फिरौती के 8 लाख रुपए ऑनलाइन मंगाए। ​​​​​​पैसे मिलने के बाद बदमाशों ने 20 हजार मुझे फ्लाइट के टिकट के लिए दिए। इसके बाद लालकुर्ती थाना क्षेत्र में मुझे छोड़ दिया।

खाता सीज होने पर मामला खुला इधर, सुनील पाल के मुंबई पहुंचते ही वहां की पुलिस ने उनसे पूछताछ की। उन्होंने पूरी बात बताई। इसके बाद मुंबई पुलिस ने उन 2 अकाउंट को सीज कर दिया, जिसमें किनडैपर ने पैसे मंगाए थे।

5 दिसंबर को ज्वेलर्स कारोबारी अक्षित सिंघल एक्सिस बैंक में रुपए जमा करने पहुंचे। बैंक मैनेजर ने उन्हें बताया कि आपका अकाउंट महाराष्ट्र पुलिस की शिकायत पर फ्रीज कर दिया गया है। आपके अकाउंट से कोई ट्रांजैक्शन नहीं हो सकता है। तब जाकर पूरा मामला सामने आया।

4 बार में ऑनलाइन ट्रांजैक्शन से डाले रुपए अक्षित ने पूछताछ में बताया- मेरी जवाहर क्वार्टर में न्यू राधे लाल राम अवतार सर्राफ नाम से फर्म है। 3 दिसंबर को 12 बजे दो युवक दुकान पर आए। उन्होंने सोने की चेन, सिक्के दिखाने को कहा।

युवकों ने 10 हजार रुपए देते हुए कहा कि आप दोनों सिक्के और चेन पैक करा दीजिए। बाकी पैसे हम ऑनलाइन आपके अकाउंट में जमा करा देंगे। फिर बिना चेन और सिक्के लिए चले दोनों फर्म का अकाउंट नंबर लेकर चले गए।

फर्म के अकाउंट में दोपहर 1:35 बजे 50 हजार रुपए ट्रांजैक्शन किए गए। फिर दोपहर 2:12 बजे 80 हजार, 2:18 बजे 50 हजार और शाम को 4:17 बजे 50 हजार रुपए खाते में आए। कुल 2 लाख 30 हजार रुपए पेमेंट की गई। इसके बाद युवक ने फोन कर पैसों के ट्रांसफर किए जाने के बारे में बताया।

सोने के 2 सिक्के और चेन लिए अक्षित ने आगे कहा- इसके बाद वॉट्सऐप पर ट्रांजैक्शन के स्क्रीन शॉट भेज दिए। शाम 6 बजे दोनों युवक दुकान पर पहुंचे। उन्होंने 10-10 ग्राम सोने के 2 सिक्के, 7.240 ग्राम की एक चेन पसंद की। तीनों का बिल 2,25,500 रुपए का बना। युवक ने आधार कार्ड और पैन कार्ड देकर सुनील पाल नाम से बिल बनवा लिया।

ऑनलाइन किए गए पैसे में से बचे हुए 4500 रुपए लेकर चले गए। रात में करीब 8:17 बजे मेरे मोबाइल पर फोन आया। कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई पुलिस सेन्टाक्रूस पुलिस स्टेशन का अधिकारी बताया। उसने कहा कि आपके अकाउंट में जो रकम ट्रांसफर हुई है, वह फिरौती की रकम के रूप में हुई है।

मैंने उनको ज्वेलरी खरीदे जाने की पूरी बात बताई। इस पर फोन करने वाले ने ट्रांजैक्शन आईडी और दोनों युवकों के नंबर देने को कहा। इसकी जानकारी मैंने लालकुर्ती थाना प्रभारी को दी। थाना प्रभारी ने मुझसे कहा कि आप कोई बात शेयर मत करना।

आजकल ऐसा फर्जीवाड़ा चल रहा है। खाता सीज हुआ तो पूरे मामला का पता चला। ऐसे ही इन्हीं दोनों बदमाशों ने आकाश गंगा ज्वेलर्स से 4 लाख 15 हजार की ज्वेलरी खरीदी। इसका भुगतान भी सुनील पाल के आधार कार्ड और पैन लगाकर किया गया।