जरूरत की खबर- पैन कार्ड के नाम पर ठगे लाखों:गूगल पर कभी न ढूंढें हेल्पलाइन नंबर्स, ऑथेंटिक सोर्स से बनवाएं ID कार्ड

उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक बुजुर्ग को अमेरिका में बैठे अपने प्रपौत्र (परपोते) के लिए पैन कार्ड बनवाना महंगा पड़ गया। साइबर क्रिमिनल्स ने बुजुर्ग के अकाउंट से 7.77 लाख रुपए निकाल लिए।

दरअसल बुजुर्ग ने पैन कार्ड अप्लाय करने के लिए गूगल से हेल्पलाइन नंबर निकाला, जो साइबर क्रिमिनल्स का नंबर था। उन्होंने बुजुर्ग को मदद का भरोसा देकर बैंक अकाउंट डिटेल और OTP मांग लिया। इसके बाद उनके अकाउंट से लाखों की ठगी कर ली। पीड़ित बुजुर्ग ने साइबर थाने में इस मामले की शिकायत की है।

देश में PAN कार्ड से जुड़े साइबर फ्रॉड के मामले बढ़ रहे हैं। इसलिए इसे लेकर बेहद सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है।

तो चलिए, आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि कस्टमर केयर फ्रॉड क्या है? साथ ही जानेंगे कि-

  • असली और फेक कस्टमर केयर की पहचान कैसे करें?
  • किसी कंपनी का हेल्पलाइन नंबर निकालने का सही तरीका क्या है?

एक्सपर्ट: पवन दुग्गल, साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट, नई दिल्ली

सवाल- बुजुर्ग किस गलती की वजह से इस फ्रॉड का शिकार हुए? जवाब- साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल बताते हैं कि बुजुर्ग ने पैन कार्ड बनवाने के लिए बिना जांच-पड़ताल किए गूगल पर हेल्पलाइन नंबर सर्च किया। उन्हें जो नंबर सबसे ऊपर दिखा, वही नंबर डायल कर दिया और मदद मांगी। यही उनकी गलती थी।

साइबर क्रिमिनल कंपनियों के असली कस्टमर केयर नंबर्स के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं। इसके लिए वह गूगल बिल्ट-इन सजेशन फीचर का इस्तेमाल करते हैं। इसमें अलग-अलग IP एड्रेस से गूगल को रिक्वेस्ट भेजते हैं, जिससे गूगल इन नंबर्स को असली मानकर ऊपर शो करता है। ऐसे में जब कोई हेल्पलाइन नंबर सर्च करता है तो उसे पहले वही नंबर दिखाई देता है।

इसके अलावा साइबर क्रिमिनल क्लोन वेबसाइट बनाकर उस पर फेक कस्टमर केयर नंबर या हेल्पडेस्क नंबर अपडेट कर सकते हैं। कई बार लोग फेक वेबसाइट की पहचान नहीं कर पाते हैं और स्कैम का शिकार हो जाते हैं।

सवाल- किसी भी जरूरी ID कार्ड को ऑनलाइन बनवाने के लिए क्या करें? जवाब- आधार कार्ड, वोटर ID कार्ड या किसी भी पहचान पत्र के लिए भारत सरकार द्वारा अलग-अलग वेबसाइट्स बनाई गई हैं। यह वेबसाइट्स पूरी तरह से सिक्योर होती हैं। इसके अलावा इनका इंटरफेस भी यूजर फ्रेंडली होता है, जिससे हर कोई आसानी से इनका इस्तेमाल कर सकता है। अगर आप कोई ID कार्ड बनवाना चाहते हैं तो हमेशा इन्हीं आधिकारिक वेबसाइट्स पर जाकर अपना कार्ड बनवाएं।

सवाल- यह कैसे पता करें कि वेबसाइट सिक्योर है या नहीं? जवाब- किसी भी वेबसाइट पर विजिट करने से पहले यह जानना जरूरी है कि वह सिक्योर है या नहीं। साइबर क्रिमिनल लोगों को ठगी का शिकार बनाने के लिए असली वेबसाइट से मिलती-जुलती क्लोन वेबसाइट बनाते हैं। इन्हें फिशिंग वेबसाइट भी कहा जाता है।

इन वेबसाइट्स को बनाने का मकसद आपके पर्सनल और फाइनेंशियल डेटा की चोरी करना है। इसलिए किसी भी वेबसाइट पर विजिट करने से पहले कुछ चीजों को जरूर चेक करें। जैसेकि-

URL: वेबसाइट के URL को ध्यान से देखें। फेक वेबसाइट के नाम में स्पेलिंग मिस्टेक होती है। साथ ही अगर URL से पहले पैडलॉक दिखता है तो इसका मतलब है कि वेबसाइट सिक्योर है।

पैडलॉक को ऐसे समझें। किसी भी वेबसाइट के URL की शुरुआत में एक आइकॉन दिखेगा। उस आइकॉन पर क्लिक करें। नीचे एक बार खुलेगा। उसमें लॉक यानी ताले का निशान बना होगा और बगल में लिखा होगा– ‘कनेक्शन इज सिक्योर।’ ये जानकारी चेक किए बिना किसी वेबसाइट का इस्तेमाल न करें।

सिक्योरिटी आइकॉन: वेबसाइट के एड्रेस बार में अगर https लिखा है तो वह सिक्योर वेबसाइट है। अगर http के बाद ‘s’ नहीं है तो वह इनसिक्योर वेबसाइट है। ऐसी वेबसाइट पर अपनी डिटेल शेयर न करें।

डोमेन का नाम: अधिकांश सरकारी वेबसाइट में gov.in का डोमेन होता है। इसलिए वेबसाइट का डोमेन नेम जरूर चेक करें। साइबर क्रिमिनल लोगों को स्कैम का शिकार बनाने के लिए भरोसेमंद वेबसाइट के नाम में फेरबदल करके डोमेन में बदलाव कर सकते हैं। इसलिए डोमेन नेम को बहुत ध्यान से देखें।

सवाल- किसी बैंक या कंपनी के कस्टमर केयर प्रतिनिधि का नंबर निकालने का सही तरीका क्या है? जवाब- लोग बैंक या कंपनी का हेल्पलाइन नंबर या कस्टमर केयर नंबर निकालने के लिए गूगल सर्च करते हैं। यह बिल्कुल गलत है। इससे आप स्कैमर्स के जाल में फंस सकते हैं।

हमेशा ध्यान रहे कि कस्टमर केयर प्रतिनिधि का नंबर निकालने के लिए उस कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट पर ही जाएं। वेबसाइट पेज पर सबसे नीचे, टॉप, राइट या लेफ्ट साइड में ‘कॉन्टैक्ट अस’, ‘हेल्पलाइन’ या ‘सपोर्ट’ जैसे ऑप्शन दिखेंगे। आप इन पर क्लिक करके कंपनी का हेल्पलाइन नंबर देख सकते हैं। नंबर मिलने के बाद भी एक बार उसे क्रॉस चेक जरूर करें।

चलते-चलते जानते हैं कि पैन कार्ड बनवाने का सही तरीका क्या है।

कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन PAN कार्ड के लिए अप्लाई कर सकता है। इसके लिए दो अलग-अलग ऑफिशियल वेबसाइट्स हैं। पहली UTIITSL और दूसरी NSDL। इन दोनों वेबसाइट्स पर एप्लिकेशन के दौरान एक ही तरह के डॉक्यूमेंटेशन की जरूरत पड़ती है।

PAN कार्ड के लिए ऑनलाइन कैसे अप्लाई करना है, नीचे दिए पॉइंटर्स से समझिए।

  • सबसे पहले NSDL या UTIITSL की वेबसाइट पर जाएं।
  • इसके बाद वेबसाइट पर ‘न्यू पैन’ के ऑप्शन पर क्लिक करें।
  • यहां नया पैन कार्ड बनवाने के लिए दो तरह के फॉर्म मिलेंगे। भारतीय नागरिकों के लिए फॉर्म 49A और विदेश में रह रहे भारतीय नागरिकों के लिए फॉर्म 49 AA है। फॉर्म में अपनी सारी डिटेल भरें।
  • डिटेल भरने के बाद ऑनलाइन प्रोसेसिंग फीस का पेमेंट करें।
  • फॉर्म और फीस जमा होने के बाद NSDL डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करेगा।
  • जानकारी सही होने पर आपके एड्रेस पर 15-30 दिन के अंदर पैन कार्ड पहुंच जाएगा।

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