गवर्नर ऑफिस में शक्तिकांत दास का आज आखिरी दिन:कोरोना में काम को मिली सराहना, लगातार दो बार बने दुनिया के टॉप बैंकर; जानें उनके बड़े काम

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास का कार्यकाल आज (10 दिसंबर) को समाप्त हो रहा है। शक्तिकांत दास 12 दिसंबर 2018 को RBI गवर्नर बनाए गए थे। उनके कार्यकाल को बाद में तीन साल के लिए एक्सटेंड किया गया था। उनकी जगह केन्द्रीय कैबिनेट ने संजय मल्होत्रा को गवर्नर नियुक्त किया है। संजय कल (11 दिसंबर) पदभार संभाल रहे हैं।

भारत के केंद्रीय बैंक के शीर्ष पर 6 साल तक रहने के बाद मंगलवार को गवर्नर ऑफिस में शक्तिकांत दास का आखिरी दिन होगा। अपने कार्यकाल के दौरान दास का सक्सेस रेट फेल्योर की तुलना में ज्यादा रही। उन्होंने भारत के फाइनेंशियल सिस्टम को कई चुनौतियों से बाहर निकाला। कोरोना के दौरान दास के काम को काफी सराहना भी मिली थी। ऐसे में दास के नाम जुड़े 5 काम देखते हैं…

1. लगातार दो बार दुनिया के टॉप-बैंकर चुने गए शक्तिकांत दास 2023 और 2024 में लगातार दो बार दुनिया के टॉप सेंट्रल बैंकर चुने गए। शक्तिकांत दास को सेंट्रल बैंक रिपोर्ट कार्ड 2023 और 2024 में A+ ग्रेड मिला। यह अवॉर्ड अमेरिका के वॉशिंगटन D.C. में ग्लोबल फाइनेंस देती है। शक्तिकांत दास को महंगाई पर कंट्रोल, इकोनॉमिक ग्रोथ, करेंसी में स्टेबिलिटी और ब्याज दरों पर नियंत्रण के लिए यह सम्मान दिया गया।

2. कोरोना महामारी और युद्ध के बीच इकोनॉमी को स्टेबल रखा RBI गवर्नर के तौर पर दास ने भारत और दुनिया के लिए सबसे अस्थिर दौर रोरोना महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध और इजराइल-हमास संघर्ष जैसे संकटों में भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई। कोरोना के दौरान दास के नेतृत्व में RBI ने लिक्विडिटी और एसेट क्वालिटी को बनाए रखने के लिए नए और पुराने आर्थिक नीतियों और उपायों को लागू किया।

3. यस बैंक और लक्ष्मी विलास बैंक को कोलैप्स होने से बचाया इसके अलावा दास ने जिन चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया, उनमें IL&FS संकट शामिल था। इसके चलते नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFC) को काफी नुकसान हुआ था। उन्होंने यस बैंक और लक्ष्मी विलास बैंक को कोलैप्स होने से बचाया।

4. ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए रेपो रेट को घटाकर 4% किया 2018 में जब दास ने कार्यभार संभाला था तब रेपो रेट 6.50% पर थी। उनके नेतृत्व में RBI ने इकोनॉमिक ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए इसे घटाकर 4% पर ला दिया। बाद में महंगाई को कंट्रोल करने के लिए इसे फिर से बढ़ाकर 6.50% कर दिया।

5. बैंकों का NPA घटाने और मुनाफा बढ़ाने में योगदान दास के कार्यकाल के दौरान लिस्टेड बैंको का नॉन-परफॉर्मिंग एसेट यानी NPA सितंबर 2024 तक 2.59% के निचले स्तर पर आ गया, जबकि दिसंबर 2018 में यह 10.38% था। इस दौरान बैंकों की प्रॉफिटेबिलिटी में भी उछाल आया और बैंकों ने वित्त वर्ष 2023 में 2.63 लाख करोड़ रुपए का मुनाफा दर्ज किया, जबकि वित्त वर्ष 2018 में बैंकों को 32,400 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था।

1980 बैच के IAS अधिकारी हैं शक्तिकांत दास शक्तिकांत दास 1980 बैच के IAS अधिकारी हैं। वे तमिलनाडु कैडर के अधिकारी हैं। 2017 मई तक वे इकोनॉमिक अफेयर्स के सेक्रेटरी थे। वे देश के 25वें गवर्नर बने थे। नवंबर 2016 में जब नोटबंदी हुई थी, तब भी दास ही मुख्य मोर्चे पर थे।

दास विभिन्न पदों पर रहे हैं। दास ने 15वें फाइनेंस कमीशन में भी सदस्य के रूप में काम किया था। दास ने भारत की ओर से ब्रिक्स, इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड और सार्क में प्रतिनिधित्व किया है। वे दिल्ली के स्टीफन कॉलेज से पोस्ट ग्रेजुएट हैं।