हॉर्मोन शरीर के केमिकल होते हैं, जो हर काम के लिए जरूरी हैं। अगर इनका लेवल बिगड़ जाए तो शरीर में दिक्कत होने लगती है। इसके पीछे डाइटिशियन ने कुछ कामों को जिम्मेदार बताया है, जिन्हें करने से बचना चाहिए।
हॉर्मोन शरीर के केमिकल होते हैं, जो हर काम के लिए जरूरी हैं। अगर इनका लेवल बिगड़ जाए तो शरीर में दिक्कत होने लगती है। इसके पीछे डाइटिशियन ने कुछ कामों को जिम्मेदार बताया है, जिन्हें करने से बचना चाहिए।
हॉर्मोन असंतुलित होने के कारण
हॉर्मोनल इंबैलेंस के लक्षण
शुगर की क्रेविंग
गर्दन, कमर या होंठ के आसपास कालापन
लो फील करना
ब्रेन फॉग, आदि
प्लास्टिक का इस्तेमाल
अगर आप प्लास्टिक का कोई भी मग, बोतल, चम्मच, प्लेट इस्तेमाल करते हैं तो इसे घर से बाहर फेंक दें। प्लास्टिक में कुछ रिसेप्टर्स होते हैं, जो हॉर्मोन को ढंग से काम नहीं करने देते हैं। कई शोध के अंदर माइक्रो प्लास्टिक प्लेसेंटा के अंदर तक पाई गई है।
सही वक्त पर न सोना
अगर आप सही वक्त पर नींद नहीं लेते हैं तो आपके हॉर्मोन इंबैलेंस हो सकते हैं। आपकी पूरी हॉर्मोनल साइकिल सर्काडियन रिदम पर टिकी होती है। यह मेलाटोनिन, ग्लूकागोन, इंसुलिन, कोर्टिसोल, एस्ट्रोजन आदि सारे हॉर्मोन को कंट्रोल करती है।
इंसुलिन रेजिस्टेंस का ध्यान न रखना
अधिकतर हॉर्मोन का असंतुलन इंसुलिन रेजिस्टेंस के कारण होता है। इसे कंट्रोल करने के लिए आपको शारीरिक मेहनत करनी ही पड़ेगी। अगर आपकी बॉडी में फैट सेल्स ज्यादा हैं तो हॉर्मोन इंबैलेंस हो सकता है। इसे सही करने के लिए कम से कम 60 मिनट वॉक जरूर करें।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।