वाराणसी में 8 साल की बच्ची की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई। रामनगर में वह मंगलवार शाम घर से सामान लेने निकली थी। उसका शव बहादुरपुर गांव के बाहर प्राइमरी स्कूल के परिसर में मिला। हत्यारों ने वारदात के बाद उसकी लाश को बोरी में भरकर फेंका था।
बुधवार सुबह शव मिलने की सूचना पर स्कूल में सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। प्रिंसिपल की सूचना पर रामनगर पुलिस पहुंची। शव को कब्जे में लिया।
रामनगर के सुजाबाद चौकी क्षेत्र निवासी 8 साल की बच्ची मंगलवार शाम घर से दुकान पर सामान लेने निकली थी। वह घर नहीं लौटी तो रात में ही अपहरण की आशंका जताते हुए परिजनों ने पुलिस को सूचना दी थी। रातभर सभी उसे ढूंढते रहे, लेकिन मिली नहीं।
हाथ-पैर रस्सी से बांधकर बोरी में भरा था पिता ने बताया- बच्ची की मां ने दुकान जाने से उसे मना किया, लेकिन वह पोलाव शहीद मजार के पास से मच्छर भगाने की क्वाइल लाने के लिए चली गई। मंगलवार शाम 7 बजे निकली बच्ची, जब 8 बजे तक नहीं आई तो मां उसे देखने के लिए दुकान पर पहुंची। दुकानदार ने बताया कि वह सामान लेकर तुरंत चली गई। अब 9 बजे तक बच्ची का पता नहीं चला तो परिजनों को अनहोनी की आशंका हुई।
आसपास ढूंढने के अलावा पूर्व प्रधान, पार्षद समेत पुलिस को भी बेटी के लापता होने की सूचना दी। इसके बाद रातभर हर जगह तलाश करते रहे। सुबह भी परिजन थाने पर गए। तभी पुलिस को किसी ने फोन किया। बताया कि बोरी में बच्ची का शव मिला है। पुलिस और परिजन मौके पर पहुंचे तो शव उनकी बेटी का ही निकला।
उसके हाथ और पैर और शरीर रस्सी से बांधकर बोरी में भरे थे। शरीर पर कई जगह खून लगा था। उसे बेरहमी से तोड़-मरोड़कर प्लास्टिक की बोरी में भरा गया था और बाउंड्री के अंदर कूड़े के पास फेंका गया था।