* यह अवार्ड प्रोफेसर सुमन को शिक्षा व समाजसेवा के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए दिया गया है।
* प्रो. सुमन को राष्ट्रीय / अंतर्राष्ट्रीय स्तर के 100 से अधिक सम्मान मिल चुके हैं।
* प्रो. सुमन तीन दशकों से डीयू में अध्यापन कार्य कर रहे हैं।
अदिलीला फाउंडेशन ( रजि . ) के तत्वावधान में शिक्षा, साहित्य , लोकसाहित्य , पत्रकारिता, समाजसेवा , शोध के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वालों को भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 100 वीं जयंती के अवसर पर कांस्टीट्यूशनल क्लब , नई दिल्ली में अटल बिहारी वाजपेयी मेमोरियल अवार्ड – 2024 दिल्ली विश्वविद्यालय के अरबिंदो कॉलेज में प्रोफेसर हंसराज सुमन को दिया गया। फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ.एस . आदिनारायण , ज्वाइंट कमिश्नर डॉ. शमशेर सिंह जमदग्नि , डॉ. अवतार सिंह साहनी ने उन्हें शॉल, स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। उन्हें यह सम्मान शिक्षा व समाजसेवा के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण कार्य करने पर दिया गया। बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रो.हंसराज सुमन एक महत्त्वपूर्ण नाम है। ये पिछले तीन दशकों से दिल्ली विश्वविद्यालय में हिन्दी व पत्रकारिता का अध्यापन कार्य कर रहे हैं। इनके द्वारा आधुनिक पत्रकारिता पर लिखी गई पुस्तक “हिन्दी पत्रकारिता : प्रौद्योगिकी परिवर्तन का प्रभाव” जल्द ही प्रकाशित होकर आ रही है यह पुस्तक वर्तमान न्यू मीडिया पर आधारित है।
प्रो.हंसराज सुमन ने भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी मेमोरियल अवार्ड मिलने पर अदिलीला फाउंडेशन के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि इस तरह के सम्मान से शिक्षा व समाजसेवा से जुड़े व्यक्तियों को बेहतर कार्य करने का प्रोत्साहन मिलेगा। इससे भारतीय मीडिया की वैश्विक पहचान बनेगी।
फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. एस . आदिनारायण ने बताया कि यह सम्मान प्रति वर्ष लगभग 50 ऐसे व्यक्तियों को यह सम्मान दिया जाता है जिन्होंने शिक्षा , साहित्य , पत्रकारिता, समाजसेवा , लोकसाहित्य , व शोध कार्य करने वालों को दिया जाता है। यह संस्थान अत्यंत पिछड़े, दलित समुदाय के संविधान प्रदत्त अधिकारों को दिलाने तथा राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है तथा इस क्षेत्र में कार्य करने वालों को पुरस्कृत कर प्रोत्साहित भी करता रहता है । भारतीय समाज में पूरी तरह उपेक्षित कर दिए गए समाज को मुख्यधारा से जोड़ना बहुत जरूरी है। प्रो.हंसराज सुमन ऐसे समाज के बीच जाकर उन्हें संविधान प्रदत्त अधिकारों से अवगत कराते रहे हैं तथा शिक्षा के लिए उन्हें प्रोत्साहित करते रहे हैं। बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के सच्चे अनुयायी के रूप में डॉ. हंसराज सुमन ने बाबा साहेब के पद चिह्नों पर चलते हुए दलित और पिछड़े समाज के बीच जागरूकता के लिए बहुत काम किया है। न्यास ने उनके महत्वपूर्ण सामाजिक कार्यों को देखते हुए भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी मेमोरियल अवार्ड — -2024 प्रोफेसर हंसराज सुमन को देने का निर्णय लिया है। अटल बिहारी वाजपेयी जी की 100 वीं जयंती के अवसर पर फाउंडेशन द्वारा बनाई गई ज्यूरी ने इनके नाम को प्रस्तावित किया था। संस्था ने प्रोफेसर सुमन को यह सम्मान देकर अपने को गौरवान्वित अनुभव करता है ।
फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ.एस.आदिनारायण ने सम्मानित होने वाले प्रोफेसर सुमन का परिचय देते हुए बताया कि प्रो.हंसराज सुमन दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध अरबिंदो कॉलेज हिन्दी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है। ये विभिन्न विश्वविद्यालयों में मीडिया अध्यापन, पाठ्यक्रम का निर्माण व सेमिनार में पत्रकारिता की वर्तमान स्थिति पर अपना पक्ष रखते रहे हैं । प्रो. सुमन आम आदमी पार्टी के शिक्षक संगठन के पूर्व अध्यक्ष व ऑल इंडिया यूनिवर्सिटीज एंड कॉलेजिज एससी/एसटी, ओबीसी टीचर्स एसोसिएशन के भी नेशनल चेयरमैन है, फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस के चेयरमैन भी हैं। ये पाँच वर्ष तक नॉन कॉलेजिएट सेंटर के प्रभारी भी रहे है। प्रो. सुमन वर्ष-2015—2017 और 2017—2019 तक दिल्ली विश्वविद्यालय की सर्वोच्च संस्था एकेडेमिक काउंसिल के सदस्य भी रह चुके हैं। उन्होंने बताया कि प्रो. सुमन दिल्ली विश्वविद्यालय की अनेक कमेटियों में रहकर अपने दायित्व का पूर्णतः निर्वाह करते रहे हैं। एडमिशन कमेटी, अपॉइंटमेंट्स और प्रमोशन कमेटी, मेडिकल कमेटी, फंक्शन कमेटी, सलेब्स कमेटी के अलावा प्रो. सुमन डीयू की टास्क फोर्स कमेटी के भी सदस्य रहे हैं। प्रो.सुमन को राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षक सम्मान व अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। इन्हें दिल्ली सरकार का सर्वोच्च सम्मान डॉक्टर अम्बेडकर अवार्ड -2015 दिया जा चुका है। डॉ.राधा कृष्णन अवार्ड, योगेश गुप्त साहित्य रत्न अवार्ड, संत रविदास सम्मान, संत कबीर सम्मान के अलावा लगभग 100 संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। शिक्षण के क्षेत्र में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाते हुए डॉ. सुमन ने 10 पुस्तकों का सम्पादन किया है तथा राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में इनके 100 से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं। साथ ही प्रो.सुमन ने न्यू मीडिया विषय पर दिल्ली विश्वविद्यालय से “हिन्दी पत्रकारिता पर प्रौद्योगिकी परिवर्तन का प्रभाव” विषय पर पीएचडी की है।
प्रो.हंसराज सुमन ने अटल बिहारी वाजपेयी मेमोरियल अवार्ड -2024 मिलने पर फाउंडेशन के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि इस तरह के सम्मान से पत्रकारों और अध्यापन से जुड़े व्यक्तियों को बेहतर कार्य करने का प्रोत्साहन मिलेगा। इससे भारतीय मीडिया की वैश्विक पहचान बनेगी। आज का समय चुनौतियों भरा है, आज दलित और पिछड़े समाज को मुख्यधारा में लाकर ही इस समाज का सर्वांगीण विकास किया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि भारत का पिछड़ा और दलित समाज बाबा साहेब डॉ.अम्बेडकर के विचारों पर चलते हुए ही आगे बढ़ सकता है। सन 90 के दशक के बाद दलितों की स्थिति में आर्थिक और शैक्षणिक रूप से सुधार हुआ है। राजनैतिक रूप से इनमें सक्रियता भी बढ़ी है। लेकिन संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों के प्रति जागरूकता का अभाव रहा है। उन्होंने बताया कि अब स्थितियाँ काफी बदल गई हैं। दलितों के प्रति लोगों के दृष्टिकोण तथा व्यवहार में परिवर्तन आया है। दलितों पर होने वाले अत्याचार और शोषण में कमी आई है। शहरी क्षेत्रों में दलितों के प्रति अछूत की भावना बहुत कम हो गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं-कहीं अभी भी छुआछूत और शोषण देखने को मिलता है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी उनका संगठन दलितों के बीच जागरूकता का अभियान चलाए हुए है ।
बलवान सिंह।