पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार और स्मारक को लेकर विवाद हो गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी को पत्र लिखकर अंतिम संस्कार वहीं करने का निवेदन किया, जहां स्मारक बन सके।
इस पर गृह मंत्रालय ने शुक्रवार देर रात कहा, ‘अंतिम संस्कार के लिए निगमबोध घाट चुना गया है। पूर्व पीएम का स्मारक दिल्ली में बनेगा। इसके लिए उचित जगह तलाशी जाएगी और ट्रस्ट बनेगा। प्रक्रिया में समय लगेगा।’
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि डॉ. सिंह की पत्नी गुरशरण कौर चाहती थीं कि अंतिम संस्कार वहीं हो जहां स्मारक बनाया जा सके।
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा- सरकार पूर्व पीएम का स्मारक बनाने के लिए जमीन तक नहीं तलाश पाई। ये देश के पहले सिख पीएम का अपमान है।
जगह की कमी की बात आने पर प्रियंका गांधी ने डॉ. सिंह का स्मारक शक्ति स्थल (इंदिरा गांधी का स्मारक) या वीरभूमि (राजीव गांधी का स्मारक) के पास बनाने का सुझाव दिया।
कांग्रेस बोली- अंतिम संस्कार ऐसी जगह हो, जहां कभी कोई पूर्व PM का अंतिम संस्कार न हुआ हो
टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस ने निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार को लेकर भी आपत्ति जताई है। कांग्रेस ने कहा कि अंतिम संस्कार भी ऐसी जगह पर होना चाहिए, जहां कभी कोई पूर्व पीएम का अंतिम संस्कार नहीं हुआ हो। क्योंकि कोई भी पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के कद के बराबर नहीं है।
भाजपा बोली- कांग्रेस ने डॉ. सिंह को कभी सम्मान नहीं दिया, अब राजनीति कर रही
- सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को बताया है कि भूमि अधिग्रहण, ट्रस्ट के गठन जैसी प्रक्रियाओं के पूरा होने के बाद जो भी समय लगेगा, वह काम उचित तरीके से और जल्द से जल्द किया जाएगा।
- सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस ने डॉ. सिंह को कभी सम्मान नहीं दिया। आज उनके निधन के बाद भी राजनीति कर रही है। डॉ. सिंह 10 साल तक PM पद संभालने वाले नेहरू-गांधी परिवार के बाहर पहले प्रधानमंत्री थे। आज दुख की इस घड़ी में राजनीति से बचना चाहिए। PM मोदी की सरकार ने दलगत भावनाओं से ऊपर उठकर सभी नेताओं को सम्मान दिया है।
- भाजपा नेता सीआर केसवान ने कहा- UPA सरकार ने नरसिम्हा राव जी के लिए दिल्ली में कभी कोई स्मारक नहीं बनाया। केवल पीएम मोदी ही थे जिन्होंने 2015 में नरसिम्हा राव जी के लिए एक स्मारक की स्थापना की और उन्हें 2024 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया। राव के पार्थिव शरीर को कांग्रेस मुख्यालय में भी नहीं रखा गया। कांग्रेस के ऐतिहासिक पापों को हमारा देश कभी नहीं भूलेगा ।
- नवजोत सिंह सिद्धू: जब इंसान चला जाता है तो उसके साथ सारे बैर मिट जाते हैं। लेकिन यहां पर राजनीति हो रही है। ये मसला देश के इतिहास का है। ये इंसान खास था, जीता-जागता इतिहास था। उचित को जानकर उस पर अमल ना करना कायरता है। बड़ा दिल होना चाहिए।
- अखिलेश यादव: पूर्व प्रधानमंत्री के संदर्भ में सम्मान की परंपरा का निर्वहन होना चाहिए। भाजपा अनुचित उदाहरण पेश न करे।
- संजय सिंह: सिख समाज से आने वाले एकमात्र प्रधानमंत्री को अंतिम संस्कार के लिए राजघाट के पास जगह न देना सरकार की छोटी सोच को दिखाता है।
- सुखबीर सिंह बादल: डॉ. सिंह के स्मारक के लिए स्थान राजघाट होना चाहिए। अतीत में अपनाई गई स्थापित प्रथा और परंपरा को ध्यान में रखना चाहिए।
शर्मिष्ठा बोलीं- पिता प्रणब मुखर्जी के निधन पर कांग्रेस ने शोक सभा तक नहीं बुलाई
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा- मेरे पिता के निधन के बाद CWC ने कोई शोक सभा नहीं की। पूर्व राष्ट्रपति केआर नारायणन के निधन पर CWC की बैठक बुलाई गई थी। शोक संदेश का ड्राफ्ट मेरे पिता प्रणब मुखर्जी ने ही तैयार किया था।
मनमोहन देश के पहले सिख पीएम, सबसे लंबे समय इस पद पर रहने वाले चौथे नेता
डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात निधन हो गया था। वे 92 साल के थे। वे लंबे समय से बीमार थे। घर पर बेहोश होने के बाद उन्हें रात 8:06 बजे दिल्ली AIIMS लाया गया था। हॉस्पिटल बुलेटिन के मुताबिक, रात 9:51 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली।
मनमोहन सिंह, 2004 में देश के 14वें प्रधानमंत्री बने थे। उन्होंने मई 2014 तक इस पद पर दो कार्यकाल पूरे किए थे। वे देश के पहले सिख और सबसे लंबे समय तक रहने वाले चौथे प्रधानमंत्री थे।
उनके निधन पर केंद्र ने 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे बेलगावी से गुरुवार देर रात दिल्ली पहुंचने के बाद सीधे मनमोहन सिंह के आवास गए थे। राहुल ने X पर लिखा- मैंने अपना मार्गदर्शक और गुरु खो दिया। कांग्रेस ने 3 जनवरी तक अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं।