हरियाणा के पानीपत जिले के एक गांव में जंगली कुत्ता घुस आया। कुत्ते की दहशत इतनी है कि इसे देखने भर से ही लोगों की रूंह कांप उठ जाती है। पिछले 4 दिनों में कई बार दिख जाने से पूरे गांव में दहशत और डर का माहौल बना हुआ है। बीती रात एक ग्रामीण ने अपने घर की छत पर चढ़े इस कुत्ते को अपने कैमरे में भी रिकॉर्ड कर लिया है।
चार दिनों में जंगली कुत्ता पहली बार कैमरे में रिकॉर्ड हुआ है। जिसके बाद ग्रामीणों ने इस बारे में कंट्रोल रूम नंबर डायल 112 पर कॉल कर सूचना दी। इसके अलावा स्थानीय थाना में भी सूचना दी। सूचना मिलने पर गुप्तचर विभाग (CID) ने भी इसकी जानकारी जुटाई। लेकिन प्रशासन से कोई भी अधिकारी-कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा।
यहां तक की वन्य विभाग से भी संपर्क नहीं हुआ। हालांकि लोगों ने लकड़बग्धा होने की सूचना प्रशासन को दी थी। जोकि जंगली कुत्ते से भी खतरनाक होता है। इसके बावजूद प्रशासन ने इसकी कोई सुध नहीं ली। लोगों को बाद में पता लगा कि यह जंगली कुत्ता है, जोकि लकड़बग्धा के बाद दूसरे नंबर पर खतरनाक श्रेणी में आता है।
चार रात से लगातार दिख रहा कुत्ता
जानकारी देते हुए गांव वैसर के सरपंच जितेंद्र कुमार ने बताया कि गांव में ये गांव में जंगली कुत्ता पिछले करीब 4 दिन से दिख रहा है। लेकिन कभी ये फोन में कैप्चर नहीं हो पाया था। इसको बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी ने देख लिया था। गनीमत रही कि इसने किसी पर भी हमला नहीं किया।
यह जंगली कुत्ता जब भी दिखा है, हमेशा रात के समय में ही दिखा है और हमेशा ही घरों की छतों पर दिखा है। यह कुत्ता सबसे पहले गांव निवासी कुलदीप की छत पर रात करीब साढ़े 10 बजे दिखाई दिया था। अगली रात यह ईश्वर के घर की छत पर करीब साढ़े 12 बजे दिखाई दिया। फिर तीसरी रात यह किसी दूसरे ग्रामीण की छत पर बच्चों ने देखा था।
बीती रात यह फिर से ईश्वर के घर की छत पर दिखाई दिया। जिस दौरान इसकी वीडियो बना ली। इसके दिखने से गांव में दहशत का माहौल है। ग्रामीण डर के साहे में है। प्रशासन से अपील है कि इस जंगली कुत्ते का रेस्क्यू किया जाए। ताकि यह अपना किसी को शिकार न बना सके
झुंड में रहते है ये कुत्ते, अलग होने पर डरे हुए दिखते है जंगली कुत्ते कुशल शिकारी होते हैं जो अपने शिकार को पकड़ने के लिए मिलकर काम करते हैं। वे विभिन्न प्रकार की आवाज़ों के ज़रिए एक-दूसरे से संवाद करते हैं, जैसे कि चिल्लाना, गुर्राना और कराहना। उनके पास एक अनोखा अभिवादन अनुष्ठान भी है जहाँ वे एक घेरे में इकट्ठा होते हैं और शिकार पर निकलने से पहले आवाज निकालते हैं। झुंड से कोई भी कुत्ता अलग हो जाता है तो वह डरा-सहमा दिखाई देता है। लेकिन इसको हल्के में नहीं लेना चाहिए।
जंगली कुत्तों के दांत अन्य कैनिड्स की तुलना में अनोखे होते हैं, जिनमें कम दाढ़ और प्रीमोलर होते हैं। उनके सामने के दांत लंबे और नुकीले होते हैं, जिससे वे अपने शिकार को पकड़कर फाड़ सकते हैं। उनका पाचन तंत्र भी मांस खाने के लिए विशेष होता है, जिसमें छोटी आंत और शक्तिशाली पेट होता है जो हड्डियों और सख्त ऊतकों को पचा सकता है। जंगली कुत्ते अपनी सहनशक्ति के लिए जाने जाते हैं और अपने शिकार को थका देने के लिए लंबी दूरी तक दौड़ सकते हैं।