‘शत्रुघ्न राठौर अपनी पत्नी को बहुत मानता था। वह काफी मेहनत करके यहां तक पहुंचा, लेकिन पत्नी ने एक ही झटके में सब खत्म कर दिया। अब उनके बच्चे डर के साये में जीने को मजबूर हैं। फिलहाल बच्चे अपनी नानी के साथ हैं। मां पर से बेटियों का भरोसा टूट चुका है।’
यह कहना है लखनऊ में शत्रुघ्न राठौर के परिवारवालों का। बता दें, कि शत्रुघ्न राठौर की पत्नी राखी ने अपने प्रेमी धर्मेंद्र राठौर के साथ मिलकर पति की हत्या करवा दी। पुलिस ने हत्याकांड में शामिल राखी, धर्मेंद्र और अंकित को जेल भेज दिया है। एक आरोपी फरार है।
परिजनों ने बताया कि इससे पहले भी धर्मेंद्र ने शराब में जहर मिलाकर शत्रुघ्न को मारने की प्लानिंग की थी। तब शत्रुघ्न ने शराब पीने से मना कर दिया था और उसकी जान बच गई थी।
प्रेम प्रसंग के साथ प्रॉपर्टी का भी लालच परिवार ने बताया कि राखी और धर्मेंद्र के बीच सिर्फ प्रेम प्रसंग ही नहीं बल्कि प्रॉपर्टी का भी लालच था। शत्रुघ्न की चार बेटियां हैं। बेटा नहीं है। ऐसे में धर्मेंद्र ने प्लान बनाया कि शत्रुघ्न को मारकर राखी से शादी कर लेगा और उसकी सारी प्रॉपर्टी पर कब्जा कर लेगा।
हालांकि, पुलिस ने अभी तक हत्या के पीछे का कारण सिर्फ प्रेम प्रसंग ही बताया है। मौत का खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि उसकी पत्नी राखी और धर्मेंद्र राठौर के बीच प्रेम संबंध था। शत्रुघ्न इसका विरोध करता था, जिसकी वजह से उसकी हत्या की गई।
ओला कार ड्राइवर है धर्मेंद्र, 6 साल से प्रेम-प्रसंग आरोपी धर्मेंद्र राठौर राखी के भाई राजेश का साला है। वह पारा इलाके के बुद्धेश्वर में रहता है। धर्मेंद्र ओला कार ड्राइवर है। इसी कार से आरोपी हत्या करने भी पहुंचे थे। परिवार में उसकी पत्नी सोना और दो बच्चे हैं। भाई अंकित भी साथ ही रहता था, जो हत्या में शामिल होने की वजह से जेल में है। घटना के बाद से पत्नी अपने बच्चों को लेकर मायके चली गई है।
जानकारी के मुताबिक करीब 6 साल पहले राखी और धर्मेंद्र के बीच नजदीकियां बढ़ीं। शुरू में तो सब चुपचाप चलता रहा, लेकिन धीरे-धीरे घर आने-जाने पर शत्रुघ्न को संदेह होने लगा।
शत्रुघन ने एक दिन दोनों को रंगे हाथ पकड़ लिया, लेकिन हिदायत देकर छोड़ दिया। शत्रुघ्न ने सोचा कि शायद यह सब सही हो जाएगा। पत्नी राखी नहीं मानी और धर्मेंद्र से रिश्ता बनाए रखा। इसी बात पर पति-पत्नी के बीच झगड़े होने लगे।
हत्या की प्लानिंग कैसे की गई शत्रुघ्न ने जब अपनी पत्नी और प्रेमी को एक साथ देख लिया, तब धर्मेंद्र के घर आने पर रोक लगा दिया। इसके बाद दोनों का मिलना मुश्किल हो गया। इस पर धर्मेंद्र ने राखी के साथ मिलकर उसे रास्ते से हटाने की योजना बनाई। धर्मेंद्र ने शत्रुघ्न की हत्या करने के लिए अपने भाई अंकित और उसके साथी रंजीत विश्वकर्मा को साथ लिया।
29 दिसंबर की रात शत्रुघन खाना खाकर सो गया था। साजिश के तहत देर रात धर्मेंद्र, अंकित और रंजीत कार से पहुंचे। उन्होंने शत्रुघ्न के घर के पीछे अपनी कार खड़ी कर दी। राखी ने घर का गेट खोल दिया और खुद दूसरे रूम में सो रही बेटियों स्वाति, तनु, मानसी और पीहू के पास चली गई।
जान बचाने में शत्रुघ्न ने रंजीत की अंगुली काटी प्लान के मुताबकि तीनों घर में घुसे और धर्मेंद्र ने बेटियों के कमरे का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया। इसके बाद धर्मेंद्र, अंकित और रंजीत दूसरे कमरे में गए। वहां सो रहे शत्रुघन का पैर धर्मेंद्र और अंकित ने पकड़ लिया। रंजीत ने ग्लब्स पहनकर शत्रुघ्न का गला घोंटना शुरू किया।
इस पर शत्रुघ्न की आंख खुल गई और वह छटपटाने लगा। जान बचाने के संघर्ष में उसने रंजीत के हाथ की उंगली चबा ली। इसके बाद धर्मेंद्र ने गमछे से शत्रुघ्न का गला कस दिया, जिससे उसकी तुरंत ही मौत हो गई।
बेटी नहीं जागती तो बीपी से मौत बताने की थी योजना शत्रुघ्न की चीख की आवाज आने पर बेटियां जाग गईं। बड़ी बेटी मानसी ने पड़ोसियों और 112 पर कॉल कर दिया। हत्यारे भागने के लिए घर के मेन गेट पर पहुंचे, तब तक वहां लोग इकट्ठा हो चुके थे। इसके बाद हत्यारों ने मेन गेट अंदर से बंद कर दिया और छत के रास्ते से भाग निकले।
छत से कूदने के चक्कर में धर्मेंद्र के पैर में चोट भी लगी। घटना के बाद वह घर नहीं गया। आरोपियों की प्लानिंग थी कि बीपी बढ़ने से शत्रुघ्न की मौत बता देंगे। इससे शत्रुघ्न के शव का पोस्टमॉर्टम नहीं होगा। हालांकि, उनकी यह प्लानिंग कामयाब नहीं हो पाई, क्योंकि बेटियों ने चिल्लाना शुरू कर दिया।
शराब में जहर देकर की थी मारने की कोशिश पुलिस पूछताछ में राखी ने बताया कि करीब 4 महीने पहले भी धर्मेंद्र ने शत्रुघ्न को मारने की कोशिश की थी। तब धर्मेंद्र शराब की बोतल लेकर घर आया था और उसमें जहर मिलाकर शत्रुघ्न को पिलाने की कोशिश की थी, लेकिन शत्रुघ्न ने शराब पीने से मना कर दिया था।
राखी लंबे समय से दे रही थी धोखा राखी लंबे समय से शत्रुघ्न को धोखा दे रही थी। सबसे पहले प्लान के तहत उसने शत्रुघ्न और उसके बड़े भाई को अलग कराया। बड़ा भाई आलमबाग में जाकर रहना लगा। वहीं, शत्रुघ्न ने जब अपना मकान लिया तो रजिस्ट्री राखी के नाम करवाई। इस संपत्ति पर धर्मेंद्र की भी नजर थी।
29 दिसंबर को हुई थी हत्या ठाकुरगंज के न्यू हैदरगंज निवासी शत्रुघन राठौर (48) राजाजीपुरम डी-ब्लॉक में परदेसिया खस्ता के नाम से दुकान चलाता था। 29 दिसंबर की रात करीब 1ः30 बजे शत्रुघ्न की घर में ही गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी। हत्यारे छत के रास्ते से भाग निकले थे। हत्यारों के खिलाफ शत्रुघन की पत्नी राखी ने ठाकुरगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।