गुरुवार को दिनभर चली मीडिया रिपोर्ट्स को सिडनी टेस्ट में हुए टॉस ने सही साबित कर दिया। जसप्रीत बुमराह ब्लेजर पहनकर भारत से टॉस कराने पहुंचे। यानी कप्तान रोहित शर्मा ने खुद को ड्रॉप कर दिया, वह पांचवां टेस्ट नहीं खेल रहे। उनकी जगह शुभमन गिल को मौका मिला।
रोहित का खुद को ड्रॉप करना टीम इंडिया को कितना फायदा पहुंचाएगा; यह तो टेस्ट मैच खत्म होने के बाद ही पता चलेगा, लेकिन क्रिकेट इतिहास में ऐसा कई बार देखने को मिल चुका है, जब कप्तान ने बीच सीरीज या टूर्नामेंट में खुद को ड्रॉप कर लिया हो।
2014 में श्रीलंका ने कप्तान दिनेश चांदीमल को ड्रॉप करने के बाद टी-20 वर्ल्ड कप ही जीत लिया था। उसी साल महेंद्र सिंह धोनी ने ऑस्ट्रेलिया में तीसरे मैच के बाद टेस्ट से संन्यास ले लिया था। उनकी जगह विराट कोहली टेस्ट कप्तान बने, जो टीम के बेस्ट टेस्ट कप्तान साबित हुए।
1. माइक डेनिस: खराब फॉर्म के कारण बाहर हो गए
इंग्लैंड के कप्तान माइक डेनिस ने 1974 की एशेज सीरीज में खुद को चौथे टेस्ट से बाहर कर लिया था। टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरुआती 2 टेस्ट हार गई थी, जबकि तीसरा टेस्ट ड्रॉ रहा। टोनी ग्रेग कप्तान बने, लेकिन टीम मैच हार गई। डेनिस पांचवें टेस्ट में बतौर खिलाड़ी प्लेइंग-11 का हिस्सा बने, टीम ने मैच तो जीत लिया, लेकिन सीरीज 4-1 से ऑस्ट्रेलिया के नाम रही।
2. ब्रेंडन मैक्कुलम: ऑस्ट्रेलिया से हार के बाद रिटायर हुए
न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान ब्रेंडन मैक्कुलम ने 2016 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घर में मिली हार के बाद रिटायरमेंट ही ले लिया था। ऑस्ट्रेलिया ने टीम को वेलिंगटन में हुए पहले टेस्ट में पारी और 52 रन से हराया। मैक्कुलम खराब फॉर्म से भी जूझ रहे थे, उन्होंने दूसरे टेस्ट से पहले कह दिया कि यह उनका आखिरी मैच होगा। उन्होंने 145 रन जरूर बनाए, लेकिन टीम हार गई।
3. पॉली उमरीगर: खुद को ड्रॉप करने वाले भारत के पहले कप्तान
रोहित शर्मा टेस्ट में खुद को प्लेइंग-11 से बाहर करने वाले भारत के दूसरे ही कप्तान बने। उनसे पहले 1958 में पॉली उमरीगर ने वेस्टइंडीज के खिलाफ मुकाबले के ठीक पहले कप्तानी छोड़ दी थी। वह इस बात से नाराज थे कि BCCI प्रेसिडेंट रातिभाई पटेल ने गुजरात के जसु पटेल को प्लेइंग-11 में शामिल करने के लिए दबाव बनाया था।
दिनेश चांदीमल: श्रीलंका ने जीता टी-20 वर्ल्ड कप
श्रीलंका ने 2007 और 2011 के वनडे वर्ल्ड कप और 2009 और 2012 के टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल में जगह बनाई, लेकिन हर बार टीम रनर-अप ही रही। 2014 के टी-20 वर्ल्ड कप में दिनेश चांदीमल कप्तान बने। हालांकि, वह इस फॉर्मेट में आउट ऑफ फॉर्म थे।
स्लो ओवर रेट के कारण चांदीमल पर एक मैच का बैन लगा, वह न्यूजीलैंड के खिलाफ लीग का आखिरी मैच नहीं खेल सके। लसिथ मलिंगा को कप्तानी मिली, लेकिन टीम 119 रन ही बना सकी। इसके बावजूद टीम ने 59 रन से मैच जीत लिया। चांदीमल ने सेमीफाइनल से खुद को ड्रॉप कर लिया। टीम मलिंगा की कप्तानी में उतरी, वेस्टइंडीज और भारत जैसी टीमों को हराया और टाइटल भी जीत लिया।
2. एमएस धोनी: भारत को मिला बेस्ट टेस्ट कप्तान
30 दिसंबर 2014 को एमएस धोनी ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मेलबर्न टेस्ट ड्रॉ होने के बाद टेस्ट से संन्यास ले लिया। सीरीज में एक मैच बाकी था, यहां विराट कोहली को कप्तानी मिली। उन्होंने सिडनी में मैच ड्रॉ करा दिया, लेकिन टीम 2-0 से सीरीज हार गई। विराट आगे चलकर भारत के बेस्ट टेस्ट कप्तान बने, उन्होंने 68 में से 40 टेस्ट जीते। इनमें SENA देशों में 7 जीत भी शामिल रहीं।
3. मिस्बाह उल हक: खराब फॉर्म के कारण बाहर हुए
2014 में ही ऑस्ट्रेलिया टीम पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज खेलने के लिए UAE गई। पाकिस्तान के कप्तान मिस्बाह उल हक 5, 3, 13, 36, 18, 0 और 15 रन के स्कोर ही बना सके। खराब फॉर्म के कारण उन्होंने तीसरे वनडे से खुद को बाहर कर दिया। पाकिस्तान क्रिकेट के इतिहास में ऐसा पहली बार ही हुआ था।