हरियाणा में 2 मंजिला बिल्डिंग के लिए पार्किंग जरूरी:सरकार नियम में बदलाव करेगी, घरेलू इस्तेमाल के लिए 3 मंजिला इमारतों में छूट मिलेगी

हरियाणा के सभी शहरों में अब दो मंजिल से अधिक वाले रिहायशी भवनों में स्टिल्ट पार्किंग अनिवार्य होगी। हालांकि, स्वयं के उपयोग की स्थिति में तीन मंजिल तक के भवनों में स्टिल्ट पार्किंग से छूट रहेगी। चार मंजिल वाले सभी भवनों में स्टिल्ट पार्किंग अनिवार्य होगी।

इसमें चाहे अलग-अलग फ्लैट बेचे जाएं या पूरी बिल्डिंग का मालिकाना हक एक ही व्यक्ति के पास हो। शहरों में वाहन पार्किंग की बढ़ती समस्या को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है। इसके लिए नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग ने तैयारी भी शुरू कर दी है। विभाग की ओर से सरकार बिल्डिंग कोड-2017 में भी बदलाव करेगी।

लोगों से आपत्तियां मांगी

नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग की ओर से इसके लिए लोगों से एक फरवरी तक आपत्तियां और सुझाव मांगे गए हैं। लोगों के द्वारा जो भी सुझाव या आपत्तियां आएंगी उसके बाद उन पर अमल कर सीएम नायब सैनी की मंजूरी के बाद नए नियम लागू कर दिए जाएंगे।

NCR एरिया में डस्ट पोर्टल रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा

नए नियमों में अलग-अलग फ्लैट वाले दो मंजिल से अधिक बड़े भवनों का पंजीकरण तभी होगा, जब उसमें स्टिल्ट पार्किंग हो। नई व्यवस्था के अनुसार, केवल स्वयं के उपयोग के लिए तीन मंजिल तक स्टिल्ट पार्किंग की आवश्यकता नहीं होगी। इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में 500 वर्ग मीटर से बड़े सभी प्लाट निर्माण या तोड़-फोड़ के लिए डस्ट पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के संबंध में प्रमाण देना अनिवार्य होगा।

स्टिल्ट प्लस फोर का केस हाई कोर्ट में लंबित

इससे पहले हरियाणा सरकार की स्टिल्ट प्लस चार मंजिला बिल्डिंग बनाने की पॉलिसी को पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीपी मलिक ने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती दे रखी है, जिस पर 22 जनवरी को सुनवाई होनी है। जनरल वीपी मलिक की याचिका में आरोप है कि पंचकूला और आसपास का क्षेत्र भूकंपीय क्षेत्र चार में आता है। ऐसी अनुमति देते समय वैज्ञानिक अध्ययन नहीं किया गया है।