ब्लिंकिट एम्बुलेंस सर्विस, केंद्रीय मंत्री बोले-कानून का पालन करना होगा:2 जनवरी को गुरुग्राम से शुरुआत हुई; 10 मिनट में मरीज तक पहुंचने का दावा

क्विक कॉमर्स सर्विस ब्लिंकिट ने 2 जनवरी को एम्बुलेंस सर्विस शुरू की। इस पर केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि ब्लिंकिट की एम्बुलेंस सर्विस के लिए क्विक कॉमर्स कंपनी को देश के कानून का पालन करना होगा। इसके अलावा अन्य कानूनी जरूरतों का भी ठीक ढंग से ध्यान रखा जाना चाहिए।

ब्लिंकिट के संस्थापक और CEO अलबिंदर ढींडसा ने X पोस्ट के जरिए घोषणा की कि गुरुवार को कंपनी की 5 एम्बुलेंस ने गुरुग्राम में सर्विस शुरू की। कंपनी करीब 10 मिनट में मरीज तक पहुंचने का दावा कर रही है।

एम्बुलेंस जरूरी इमरजेंसी उपकरणों से लैस है: ढींडसा

ढींडसा के मुताबिक ब्लिंकिट एम्बुलेंस जरूरी लाइफ सेविंग उपकरणों से लैस हैं। इसमें ऑक्सीजन सिलेंडर, AED (ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर), स्ट्रेचर, मॉनिटर, सक्शन मशीन और इमरजेंसी में काम आने वाली जरूरी दवाएं और इंजेक्शन शामिल हैं। हर एम्बुलेंस में एक पैरामेडिक, एक असिस्टेंट और एक ड्राइवर होगा।

ब्लिंकिट के संस्थापक ने कहा- यहां लाभ कमाना हमारा टारगेट नहीं है। हम किफायती कीमत पर सर्विस देंगे। ब्लिंकिट का लक्ष्य अगले 2 सालों में सभी प्रमुख शहरों तक इसे पहुंचाना है।

ब्लिंकिट का नया ऐप, 10 मिनट में स्नैक्स-बेवरेजेस डिलीवरी का वादा

ब्लिंकिट ने 6 दिसंबर, 2024 को ‘बिस्ट्रो’ नाम का नया ऐप लॉन्च किया था। इससे कंपनी 10 मिनट के अंदर स्नैक्स, मील्स और बेवरेजेस की डिलीवरी देने का वादा कर रही है। यह तेजी से बढ़ते फूड डिलीवरी मार्केट पर कब्जा करने की जोमैटो की स्ट्रैटेजी का हिस्सा है। अभी यह ऐप गूगल प्ले स्टोर पर है। भविष्य में इसे एपल ऐप स्टोर पर भी लाने का प्लान है।

यह ऐप इंस्टेंट फूड डिलीवरी सेगमेंट में स्विगी के स्विगी बोल्ट और जेप्टो के जेप्टो कैफे के बाद आया है। ये सभी ऐप प्रॉपर मील्स डिलीवर नहीं करती हैं, बल्कि समोसे, सैंडविच, कॉफी, पेस्ट्री जैसे स्नैक्स डिलीवर करती हैं।

पिछले साल अक्टूबर में EMI पेमेंट फैसिलिटी शुरू की थी

ब्लिंकिट ने आज 24 अक्टूबर, 2024 को अपने कस्टमर्स के लिए EMI पेमेंट फैसिलिटी शुरू की थी। यह फैसिलिटी ₹2,999 से ज्यादा के ऑर्डर पर उपलब्ध कराया गया था। अलबिंदर ढींडसा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर इसकी जानकारी दी थी।

पिछले साल जोमैटो का जुलाई-सितंबर तिमाही में मुनाफा सालाना आधार पर 388% बढ़कर 176 करोड़ रुपए हो गया। 2023 में इसी समय कंपनी का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट 36 करोड़ रुपए था। 22 अक्टूबर को वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही के नतीजे जारी किए थे, जिसमें ब्लिंकिट से होने वाली कमाई भी शामिल थी।

क्विक कॉमर्स कंपनियों का बिजनेस मॉडल

  • ग्रोसरी को स्टोर करने के लिए एक डार्क स्टोर का सेटअप करने में 25 से 40 लाख रुपए का खर्च आता है।
  • एक डार्क स्टोर की साइज 2 हजार स्क्वायर फीट से 2500 स्क्वायर फीट तक होता है। इसमें करीब 34 स्टाफ काम करते हैं।
  • 2022 में क्विक कॉमर्स कंपनियों का एवरेज ऑर्डर वैल्यू 350-400 रुपए के बीच था। इसमें ग्रॉस मार्जिन 15-20 फीसदी तक था।
  • मान लीजिए किसी कंपनी ने 400 रुपए का सामान बेचा और इस पर यदि 20% यानी 80 रुपए का ग्रॉस मार्जिन हुआ, तो कंपनी को गुड्स और सर्विसेज पर 320 रुपए का खर्च आया।
  • अब 80 रुपए जो ग्रॉस मार्जिन हुए, उसमें से डिलीवरी बॉय को देने वाली सैलरी को निकाल दें, तो बमुश्किल कंपनी को 40 रुपए बचे।
  • अब कोई कंपनी हर रोज 600 यानी महीने के 18 हजार ऑर्डर डिलीवर कर रही है, तब उसे 72 लाख रुपए का रेवेन्यू होगा।
  • इसमें स्टाफ की सैलरी, स्पेस का रेंट, इलेक्ट्रिक बिल से लेकर इन्वेंटरी कॉस्ट तक शामिल है, जो रेवेन्यू से ज्यादा होगा। इस वजह से ये कंपनियां घाटे में रहती हैं।