कानपुर में तैनात दरोगा की पत्नी ने बुलंदशहर में उसके घर का ताला तोड़ दिया। घर का सामान लूट लिया। इसके बाद घर पर कब्जा कर लिया। दरोगा ने इस मामले में बुलंदशहर एसएसपी से शिकायत की। इसके बाद कानपुर कमिश्नर से शिकायत की। उन्हें मकान का ताला तोड़ने के सीसीटीवी फुटेज सौंपे।
इसके बाद कमिश्नर के आदेश पर पुलिस ने SIT की जांच रिपोर्ट पर कानपुर के ग्वालटोली थाने में सोमवार देर रात मुकदमा दर्ज किया। दरोगा ने पहले ही पत्नी पर फ्रॉड कर शादी करने, फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी देने जैसे आरोप लगाकर तहरीर दी थी।
जिसकी जांच SIT कर रही थी। 15 दिन पहले SIT ने लुटेरी दुल्हन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की संस्तुति करते हुए डीसीपी सेंट्रल दिनेश त्रिपाठी को रिपोर्ट भेजी थी। FIR दर्ज होने के बाद कानपुर पुलिस आरोपी पत्नी की तलाश में दरोगा के घर रवाना होगी।
दरोगा की पत्नी दो बैंक मैनेजर और एक अन्य दरोगा को प्रेमजाल में फंसा कर उनके साथ शादी कर चुकी है। रेप का मुकदमा दर्ज कराकर सभी से लाखों रुपए ठगे हैं। SIT ने भी अपनी जांच में उसको फ्रॉड पाया।
बुलंदशहर में आवास का ताला तोड़ा बुलंदशहर के बीबीनगर के रहने वाले दरोगा आदित्य लोचव कानपुर के ग्वालटोली थाने में तैनात हैं। उन्होंने बताया कि 10 जनवरी को उनकी पत्नी दिव्यांशी बुलंदशहर स्थित उसके घर पर पहुंची। यहां उसने पुलिस के सामने उनके आवास का ताला तोड़ दिया। आरोपी ने पुलिसकर्मियों को खुद को दरोगा की पत्नी बताया।
इसके बाद उसकी मां अंजू आर्या और भाभी प्रिया आ गईं। ये लोग घर का सामान लूट ले गए। फिर आवास पर कब्जा कर लिया। बताया कि उसके घर पर लगे सीसीटीवी कैमरों का एक्सेस उसके मोबाइल पर भी है। जैसे ही उसने देखा कि उसके घर का ताला तोड़ दिया गया है। उसने सबसे पहले बुलंदशहर के एसएसपी से बात की और शिकायत दर्ज कराई।
इसके बाद उसने कानपुर कमिश्नर को सीसीटीवी फुटेज निकालकर सौंपे। ताकि पूर्व में की गई उसकी शिकायतों के आधार पर आरोपी दिव्यांशी पर मुकदमा दर्ज हो सके। दरोगा आदित्य ने बताया कि एसआईटी ने करीब 15 दिन पहले अपनी जांच पूरी कर ली। आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की संस्तुति की थी, लेकिन फाइल डीसीपी सेंट्रल के दफ्तर में दबी हुई है।
इस पर कानपुर कमिश्नर ने डीसीपी सेंट्रल दिनेश त्रिपाठी को तलब किया। इसके बाद सोमवार देर रात ग्वालटोली थाने में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
पढ़िए क्या है पूरा मामला 25 नवंबर को कानपुर पुलिस कमिश्नर ऑफिस में मेरठ के मवाना निवासी दिव्यांशी ने हाई वोल्टेज ड्रामा किया। उसने ग्वालटोली थाने में तैनात अपने पति दरोगा आदित्य पर परेशान करने और साढ़े 14 लाख रुपए हड़पने का आरोप लगाया। कहा, दरोगा पति के कई महिलाओं से संबंध हैं। वो सोशल मीडिया पर लड़कियों को अपने चुंगल में फंसाता है। इसके बाद उनसे दोस्ती कर शारीरिक संबंध बनाता है। फोटो वीडियो निकालकर उन्हें ब्लैकमेल करता है।
दरोगा आदित्य ने कमिश्नर को बताया कि दिव्यांशी के खाते से 10 खातों में करोड़ों रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ था। दिव्यांशी पहले 3 शादी कर चुकी है। वर्ष 2020, में पहले पति के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। विवेचना के दौरान जब मजिस्ट्रेट के सामने बयान हुए तो वह पलट गई। इसी तरह से उसने बैंक के दो ब्रांच मैनेजरों को भी फंसाया था।
दरोगा की पत्नी दिव्यांशी की शिकायत और दरोगा के पक्ष रखने के बाद पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने जांच बैठा दी है। पुलिस कमिश्नर ने इस मामले की जांच के लिए महिला पुलिस अधिकारी अमिता सिंह की निगरानी में एक एसआईटी का गठन किया।
एसआईटी चीफ सृष्टि सिंह ने पूरे मामले की जांच की और पाया कि दरोगा के एक-एक आरोप सही हैं। पूर्व में कोर्ट मैरिज से लेकर बैंक ट्रांजेक्शन और रेप के मुकदमें लिखवाकर लोगों को ब्लैकमेल करने के साक्ष्य मिले। एसआईटी ने डीसीपी सेंट्रल दिनेश त्रिपाठी को रिपोर्ट भेज दी।
कैसे हुआ दरोगा को पत्नी पर शक
आदित्य ने बताया कि शादी के बाद से दिव्यांशी बीएड और सीटेट की तैयारी का हवाला देकर ससुराल में नहीं रुकती थी। जब घर आती थी तो अपने मोबाइल से गूगल-पे, फोन-पे समेत अन्य यूपीआई एप डिलीट कर देती थी। मगर जब मैं ड्यूटी पर होता तो वह मुझसे ऑनलाइन रुपए मांगती थी। मुझे शंका हुई, कुछ तो गड़बड़ है।
शादी के चार महीने बाद मैं छुट्टी पर घर आया था। दिव्यांशी भी घर पर ही थी। मैंने जैसे ही उसका मोबाइल लिया तो वह बेचैन हो उठी। मैंने उससे पूछा कि जब मैं घर आता हूं तो सभी यूपीआई एप क्यों डिलीट कर देती हो…? दिव्यांशी ने कोई जवाब नहीं दिया। फिर मैंने जबरन सभी यूपीआई एप डाउनलोड कराए।
एप की जांच की। ट्रांजेक्शन हिस्ट्री में 10 से ज्यादा खाते और करोड़ों का ट्रांजैक्शन देखकर मैं दंग रह गया। मैंने उससे इस बारे में पूछा तो वह झगड़ा कर मायके भाग गई।
लुटेरी दुल्हन ने इन लोगों को बनाया शिकार
लुटेरी दुल्हन ने सबसे पहले मेरठ में तैनात दरोगा को शिकार बनाया। दिव्यांशी ने मेरठ के थाना पल्लवपुर में दरोगा प्रेमराज पुष्कर और उसके भाई भूपेंद्र पुष्कर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने बयान देते समय पलट गई।
उसने कहा था कि मेरा प्रेम राज पुष्कर से 3 जुलाई 2019 को प्रेम विवाह हुआ है। हम दोनों ने प्रेम विवाह किया था, आपसी लड़ाई और लोगों के बहकावे में आकर मैंने झूठी एफआईआर दर्ज कराई थी। बताया कि आरोपी ने पीड़ित से लाखों रुपए लेने के बाद समझौता किया था।
इसके बाद दिव्यांशी ने पंजाब नेशनल बैंक, हस्तिनापुर के मैनेजर आशीष राज और मवाना मेरठ के बैंक मैनेजर अमित गुप्ता को शिकार बनाया। दोनों के खिलाफ थानों में मुकदमा दर्ज हुआ था। फिर मुकदमे से अमित का नाम निकाल दिया गया था। इस मामले में भी दिव्यांशी कोर्ट में अपने ही बयान से पलट गई। यहां पर बैंक मैनेजर से लाखों रुपए वसूला था।
17 फरवरी 2024 को हुई थी आदित्य की शादी बुलंदशहर के बीबीनगर में रहने वाले आदित्य कुमार लोचव 2019 बैच के सब इंस्पेक्टर हैं। पिता ऋषिपाल किसान थे और मां राजेश देवी घरेलू महिला थीं। पिता के बाद मां का भी कैंसर से देहांत हो गया। घर में एक भाई है वो भी दिव्यांग है।
गांव के ही एक रिश्ते में लगने वाले ताऊ घर से 50 किमी. दूर मेरठ मवाना थाने के पास रहने वाली 30 साल की दिव्यांशी चौधरी का रिश्ता लेकर आए। दहेज में स्कॉर्पियो कार, लाखों के जेवरात और खूब धूमधाम से शादी की बात कही। खूबरसूरत लड़की देखकर दरोगा आदित्य कुमार लोचव और उनके परिवार ने भी हामी भर दी और दोनों के परिवारों की रजामंदी से 17 फरवरी 2024 को शादी हो गई।
इन धाराओं में मुकदमा
- बीएनएस की धारा- 3(5): गैंग बनाकर किए गए अपराध का प्रत्येक व्यक्ति बराबर का दोषी
- बीएनएस की धारा – 82(2): पूर्व विवाह को छिपाकर विवाह करना (अधिकतम दस वर्ष तक की सजा)
- बीएनएस की धारा – 308(2) जानबूझकर भय में डालना (अधिकतम सात वर्ष तक की सजा)
- बीएनएस की धारा – 316(2): आपराधिक न्यासभंग (अधिकतम पांच साल तक की सजा)
- बीएनएस की धारा – 318(4): छल से किसी की संपत्ति दूसरे को देना (अधिकतम सात साल तक की सजा)
- बीएनएस की धारा – 319(2): छल करना (अधिकतम पांच साल तक की सजा)
- बीएनएस की धारा – 336(3): इलेक्ट्रानिक अभिलेखों की कूटरचना (अधिकतम सात साल तक की सजा)
- बीएनएस की धारा- 338: लाभ के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करना (अधिकतम आजीवन कारावास तक की सजा)
- बीएनएस की धारा- 352: साशय अपमानित करना (अधिकतम दो वर्ष तक की सजा)
- बीएनएस की धारा- 356(2) मानहानि (अधिकतम दो वर्ष तक की सजा अथवा सामुदायिक दंड)