प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय मौसम विभाग के 150वें स्थापना दिवस के कार्यक्रम में हिस्सा लेने भारत मंडपम पहुंच गए हैं। पीएम ‘मिशन मौसम’ का कुछ देर में शुभारंभ करेंगे और IMD विजन-2047 का दस्तावेज जारी करेंगे। इवेंट को ‘अविभाजित भारत’ का नाम दिया गया है।
इंडियन मेटियरोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) ने उन देशों को आमंत्रित किया है जो 150 साल पहले इसकी स्थापना के समय भारत का हिस्सा थे। इनमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान, म्यांमार, भूटान, नेपाल, श्रीलंका और मालदीव के अलावा मध्य पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया के देश भी शामिल हैं।
बांग्लादेश IMD के 150वें स्थापना दिवस समारोह में शामिल नहीं हुआ है। वहां के अधिकारियों ने सरकारी खर्च पर गैर-जरूरी विदेश यात्राओं पर प्रतिबंधों का हवाला देते हुए यह फैसला लिया है। वहीं, पाकिस्तान ने भी इस कार्यक्रम में शामिल होने की पुष्टि की थी।
‘मिशन मौसम’ क्या है?
‘मिशन मौसम’ देश को मौसम के लिए तैयार और जलवायु-स्मार्ट बनाने की बड़ी योजना है। इसमें वेदर मॉनिटरिंग टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा, जिसमें अगली पीढ़ी के रडार, उपग्रह और उच्च-प्रदर्शन वाले कंप्यूटर शामिल हैं। इस पहल से भारत को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने और प्राकृतिक आपदाओं से बेहतर तरीके से निपटने में मदद मिलेगी।
‘IMD विजन-2047’ का पीएम करेंगे विमोचन इस समारोह में प्रधानमंत्री जलवायु परिवर्तन अनुकूलन के लिए IMD विजन-2047 दस्तावेज भी जारी करेंगे। जो भारत को जलवायु अनुकूल बनाने और आधुनिक वेदर मैनेजमेंट सिस्टम को लागू करने के लिए मददगार होगा।
दस्तावेज के प्रमुख पहलू…
- बेहतर मौसम पूर्वानुमान प्रणाली।
- कृषि, आपदा प्रबंधन और उद्योगों के लिए विशेष समाधान।
- जलवायु परिवर्तन शमन की दीर्घकालिक योजनाएं।