ढाई महीने में ही 43 लाख टन चीनी का हुआ निर्यात सौदा, 15 मार्च तक कुल 2.59 करोड़ टन चीनी का हो चुका उत्पादन

वैश्विक मांग के साथ-साथ चीनी निर्यात की संभावनाएं तेजी से बढ़ी हैं। सरकार द्वारा निर्यात कोटा जारी करने के ढाई महीने के भीतर ही 43 लाख टन चीनी का सौदा पक्का हो गया। चीनी उद्योग की चुनौतियां खत्म करने के लिए सरकार ने चालू पेराई सीजन के लिए कुल 60 लाख टन का निर्यात का कोटा पिछले वर्ष दिसंबर में जारी किया था। चीनी उद्योग की मांगों के मद्देनजर सरकार ने विशेष निर्यात जोन (एसईजेड) में स्थापित रिफाइनरी चीनी मिलों की चीनी को निर्यात कोटा दायरे में लाने की मांग मान ली। इन मिलों से चीनी निर्यात को भी वे सारी सहूलियतें मिलेंगी जो सामान्य मिलों के लिए घोषित की गई हैं।

ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध के बाद वहां घरेलू चीनी निर्यात थम गया है। इसे लेकर चीनी उद्योग ने सरकार से यह स्पष्ट करने का आग्रह किया है कि निर्यात कैसे शुरू किया जाए। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के आंकड़ों का कहना है कि चीनी उत्पादन पिछले साल के मुकाबले अधिक हुआ है। पिछले वर्ष 15 मार्च तक कुल 2.16 करोड़ टन चीनी का उत्पादन हुआ था, जबकि इस बार इसी अवधि में 2.59 करोड़ टन उत्पादन हो चुका है।

पिछले साल के मुकाबले इस बार अभी तक 45 अधिक मिलों में पेराई हो रही है। इससे स्पष्ट है कि चीनी का उत्पादन पिछले साल के कुल उत्पादन को पार कर जाएगा। महाराष्ट्र में 15 मार्च, 2021 तक 95 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है, जबकि पिछले साल इसी अवधि तक केवल 56 लाख टन चीनी का उत्पादन हो सका था। उत्तर प्रदेश में अभी तक 84.25 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है, जो पिछले साल अब तक 87 लाख टन था। कर्नाटक में पिछले साल जहां 33.35 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था वह इस बार बढ़कर 41.35 लाख टन हो चुका है। ज्यादातर राज्यों में पेराई सीजन खत्म हो चुका है।