‘आरोपी ने खेल-खेल में जानबूझकर एक बच्ची की जान ले ली। वह बेटी बड़ी होती, तो भविष्य में IAS , PCS अधिकारी बनती। अपने मां-बाप का सहारा बनती। लेकिन, अफसोस उसकी हत्या हो गई।’ ये टिप्पणी करते हुए बरेली कोर्ट के जज रवि कुमार दिवाकर ने एक आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई।
पहले जानिए पूरा मामला… ये घटना किला थाना क्षेत्र के बाकरगंज मोहल्ले की बेरी वाली गली में घटी थी। इरफान रजा ने मुकदमा दर्ज करवाया था। उन्होंने बताया-4 अगस्त 2023 को शाम के समय उनकी भतीजी हिफजा खेल रही थी।
हिफजा ने शमशेर उर्फ बबलू के घर के लोहे के दरवाजे को छुआ, जिसमें करंट आ रहा था। करंट लगने से हिफजा की मौत हो गई। बबलू ने जानबूझ कर तार लगाकर गेट में करंट पैदा कर दिया था। ताकी बच्ची छुए को करंट लगे। इससे वो गेट पकड़कर नहीं खेलेगी।
16 महीने में आया फैसला थाना किला में धारा-304 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने जांच की। विवेचक उप निरीक्षक देवेश कुमार ने मामले की तफ्तीश की। आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया, जिसमें 7 गवाह पेश किए गए।इसके बाद सोमवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सुनवाई की। आरोपी शमशेर उर्फ बबलू को दोषी करार देते हुए धारा 304 (1) के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही, उसे 2 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया।
अब पढ़िए जज का पूरा फैसला
ईश्वर ने इस धरती पर सबसे अच्छा कोई उपहार दिया है, तो वह मानव जीवन। हमें इसलिए उस शक्ति का शुक्रगुजार होना चाहिए, जिसने हमें इस दुनिया में मानव (इंसान) के रूप में भेजा। हमें यह मानव जीवन इसलिए मिला है कि हम समाज की बेहतरी के लिए काम करें। परन्तु आज देखने में आता है कि इंसान ही इंसान का दुश्मन बन बैठा है।
इंसान खुद की इच्छापूर्ति के लिए बिना मस्तिष्क के प्रयोग के दूसरे इंसान को कत्ल कर देने जैसा अपराध करने के बारे में लेशमात्र का संकोच नहीं करता। इस प्रकरण में आरोपी द्वारा मात्र बच्चों के शोर-गुल व खेलने को लेकर एतराज था, जिस कारण उसने अपने गेट में करंट छोड़ा और इस बारे में नहीं सोचा कि इससे कोई अप्रिय घटना घट सकती है।
आरोपी द्वारा करंट गेट में छोड़ने का परिणाम हुआ कि हिफजा जिसकी उम्र मात्र चार साल थी, गेट छूने से करंट लगा और असमय वह काल के गाल में समा गई। किसी माता के लिए उसकी बच्ची अनमोल उपहार होती है, जो बहुत अच्छे कर्मों के फलस्वरूप उनके परिवार में जन्म लेती है।
इस घटना से उनके मां-बाप की वेदना को भी समझना होगा, जिनकी फूल जैसी बच्ची मात्र 4 साल की उम्र में आरोपी के कुकृत्य के कारण उनको छोड़कर चली गयी। आरोपी द्वारा किया गया अपराध समाज के लिए भी घातक है।
डीएम-एसएसपी से कहा-खुले हटवाएं कोर्ट ने जिलाधिकारी और एसएसपी को निर्देश दिया कि वे जिले में जहां भी खुले बिजली के तार हैं, वहां तुरंत सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करें। इसके अलावा, बिजली चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें। इस प्रकार के मामलों की पुनरावृत्ति से बचने के लिए सुरक्षा नियमों को सख्ती से लागू किया जाए।