आयकर विभाग को समालखा (पानीपत) से कांग्रेस विधायक धर्म सिंह छौक्कर के ठिकानों पर छापेमारी में एक अहम डायरी मिली है। इससे बड़े खुलासे हो सकते हैं और हरियाणा की राजनीति में हंगामा खड़ा हो सकता है। बताया जाता है कि इसमें राजनेताओं और अधिकारियों को दी गई रिश्वत और नंबर दो में किए लेन-देन का विवरण लिखा हुआ है। यह विवरण आंशिक शब्दावली की बजाय नाम व काम के विवरण के साथ लिखा हुआ है। यदि आयकर विभाग इस डायरी को सार्वजनिक कर देता है तो राज्य के कई बड़े नेता व अधिकारी भी मुश्किल में आ सकते हैं।
डायरी में लिखा हुआ है राजनेताओं और अधिकारियों को दी रिश्वत और नंबर दो का हिसाब
छौक्कर का अपने बेटों सिकंदर व विकास के साथ रियल इस्टेट, हाउसिंग, हास्पीटेलिटी और खुदरा शराब बिक्री का बड़ा कारोबार है। बताया जाता है कि आयकर विभाग की टीम को छापेमारी के दौरान 40 करोड़ रुपये के सीमेंट व लोहे के ऐसे बिल भी मिले हैं जो बादशाहपुर (गुरुग्राम) के एक सामान्य दुकानदार से लिए हैं। ऐसे ही बिल रोहतक की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी से भी लिए हुए हैं।
बादशाहपुर के एक दुकानदार से ले रखे हैं करीब 40 करोड़ के सीमेंट व लोहे के बिल
रोहतक की इस कंस्ट्रेक्शन कंपनी के बाद बृहस्पतिवार को आयकर टीम ने बादशाहपुर में लोहे व सीमेंट के विक्रेता बालाजी सीमेंट स्टोर व श्री बालाजी कंपनी के मालिकों के घर व संस्थानों पर छापेमारी की। संदिग्ध बिल लगभग 100 करोड़ रुपये के बताए जा रहे हैं। विभाग के अधिकारियों ने इन संदिग्ध बिलों के पुख्ता सुबूत एकत्र कर लिए हैं।
उधर, आयकर विभाग की टीम अभी धर्म सिंह छौक्कर के दोनों बेटों विकास व सिकंदर से अब तक मिले दस्तावेजों की बाबत गहन पूछताछ में जुटी है जबकि खुद छौक्कर बृहस्पतिवार सायं चार चंडीगढ़ आयकर मुख्यालय से वापस भेज दिए गए।
बता दें कि बुधवार सुबह 6.30 बजे आयकर विभाग में गुरुग्राम कार्यालय की टीम ने छौक्कर से संबंधित समालखा, रोहतक, पंचकूला, दिल्ली, गुरुग्राम में एक साथ 12 जगह छापेमारी की थी। छापे में अब तक आयकर विभाग को 100 करोड़ के संदिग्ध बिल, 36 करोड़ का अफोर्डेबल हाउसिंग घोटाला, 70 करोड़ की फर्जी शेयर कैपिटल एकत्र करने सहित तीन करोड़ की ज्वेलरी और चार बैंक लाकर के साक्ष्य मिले हैं।
अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम में किया है बड़े घोटाले का आरोप
यह भी बताया जाता है कि आयकर विभाग को छौक्कर के ठिकानों से गुरुग्राम के चार सेक्टरों में चल रहे किफायती आवास (अफोर्डेबल हाउसिंग) प्रोजेक्ट में बड़ा घोटाला मिला है। छौक्कर ने इन अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट में अपने कर्मचारियों और रिश्तेदारों से कई-कई फ्लैट बुक किए हुए हैं। बुकिंग के लिए इनसे प्राप्त चेक भी बैंक में नहीं डाले गए हैं। ये चेक आयकर विभाग की टीम को मिल गए हैं। ऐसे करीब 36 करोड़ रुपये दस्तावेज छापेमार टीम को मिले हैं।
आयकर विभाग की आयुक्त व अधिकारिक प्रवक्ता सुरभि आहलुवालिया के अनुसार इन फ्लैट को बाद में कंपनी छह से 10 लाख रुपये प्रीमियम पर बेचा जाता है। प्रीमियम की जो राशि नकदी के रूप में आती थी, उसे बेनामी संपत्तियों की खरीद में इस्तेमाल किया जाता है।
70 करोड़ रुपये में हादसिंग प्रोजेक्ट खरीदने की बात आई सामने
छापे में गुरुग्राम के नामी बिल्डर से 70 करोड़ रुपये में एक हाउसिंग प्रोजेक्ट खरीदने के साक्ष्य भी आयकर विभाग को मिले हैं। इस राशि को देश और देश के बाहर छौक्कर ने अपनी विभिन्न कंपनियों के माध्यम से अचल संपत्तियों की खरीद के लिए निवेश किया है। इसके समझौता प्रपत्र व रजिस्ट्री भी आयकर विभाग को मिले हैं।
अनुसूचित जाति श्रेणी के लिए आवंटित शराब ठेके लेने का खुलासा
बताया जाता है कि छौक्कर का खुदरा शराब का कारोबार भी अपने एक रिश्तेदार के नाम पर है। इतना ही नहीं कई ऐसे शराब के ठेकों के साक्ष्य आयकर विभाग को मिले हैं जो अनुसूचित जाति श्रेणी के लोगों के लिए आवंटित होते हैं।