विराट कोहली 12 साल बाद रणजी ट्रॉफी में वापसी कर रहे हैं। भारत के स्टार बैटर 30 जनवरी को नई दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में रेलवे के खिलाफ खेलते नजर आएंगे। विराट ने आखिरी रणजी मैच गाजियाबाद में 2 से 5 नवंबर के बीच 2012 में उत्तर प्रदेश के खिलाफ खेला था।
2006 में रणजी मैच के दौरान ही विराट के पिता प्रेम कोहली का निधन हो गया था। रिश्तेदारों ने उन्हें मैच खेलने से मना कर दिया था, लेकिन परिवार के मनाने पर विराट मैच खेलने गए थे। उन्होंने 90 रन बनाने के बाद पिता का अंतिम संस्कार भी किया था।
स्टोरी में विराट कोहली के आखिरी रणजी मैच और पिता के लिए सम्मान की कहानी…
सहवाग की कप्तानी में आखिरी बार उतरे थे कोहली विराट कोहली ने 2006 में तमिलनाडु के खिलाफ रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया था। उन्होंने दिल्ली के लिए 23 रणजी मैच खेले हैं, जिसमें 50 की औसत से 1574 रन बनाए हैं। उन्होंने टीम के लिए 5 सेंचुरी भी लगाई हैं। विराट ने 2012 में अपना आखिरी रणजी मैच वीरेंद्र सहवाग की कप्तानी में खेला था, जबकि पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना ने UP की कमान संभाली थी। मैच गाजियाबाद के नेहरू स्टेडियम में खेला गया था।
कोहली को दोनों पारियों में भुवनेश्वर ने पवेलियन भेजा विराट ने UP के खिलाफ खेले आखिरी मुकाबले की पहली पारी में 19 बॉल पर 14 रन बनाए थे। वे 2 ही चौके लगा सके थे। फिर दूसरी पारी में 65 बॉल पर 7 चौकों की मदद से 43 रन बनाए थे। उन्होंने दोनों पारियों में मिलाकर 2 घंटे 3 मिनट बल्लेबाजी की थी। कोहली को दोनों पारियों में भुवनेश्वर कुमार ने ही पवेलियन भेजा था।
- पुनीत की फिफ्टी, दिल्ली ने पहली पारी में 235 रन बनाए टॉस हारकर बैटिंग कर रही दिल्ली ने 39 रन पर वीरेंद्र सहवाग (32 रन) का विकेट गंवाया। भारतीय टीम के मौजूदा कोच गौतम गंभीर भी 25 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। ऐसे में विराट कोहली बल्लेबाजी के लिए आए। उन्होंने उन्मुक्त चंद के साथ 21 रन की साझेदारी की। उन्हें 14 रन के स्कोर पर भुवनेश्वर कुमार ने मोहम्मद कैफ के हाथों कैच करा दिया। इस पारी में विकेटकीपर पुनीत बिष्ट के 52 रन की मदद से दिल्ली ने पहली पारी में 235 रन बनाए।
- डागर की सेंचुरी, UP को 168 रन की बढ़त UP की ओर से मुकुल डागर ने 116 रन की पारी खेली। फिर प्रवीण कुमार ने 9वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में UP का स्कोर 403 रन तक पहुंचाया। यहां टीम ने पहली पारी मं 168 रन की बढ़त ले ली।
- दिल्ली ने UP को 155 रन का टारगेट दिया दूसरी पारी में कप्तान वीरेंद्र सहवाग ने अनफिट होने के बावजूद शतकीय पारी खेली। वे 5वें नंबर पर खेलने उतरे और 107 रन की पारी खेली। इस पारी में विराट ने 43 रन बनाए। टीम ने कुल 322 रन बनाए और UP को जीत के लिए 155 रन का टारगेट दिया। UP ने यह टारगेट 4 विकेट खोकर हासिल कर लिया।
आखिरी दिन विराट ने बर्थडे मनाया, मैदान में नहीं थीं सुविधाएं मुकाबले के आखिरी दिन विराट कोहली ने अपना 24वां बर्थडे मनाया था। उत्तरप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (UPCA) ने टीम के ड्रेसिंग रूम में उनके बर्थडे का केक भी कटवाया था। दिल्ली और UP के बीच ग्रुप B का वह मुकाबला अव्यवस्थाओं के बीच खेला गया था। मैदान में न तो ढंग का ड्रेसिंग रूम था और न ही दर्शकों की बैठक व्यवस्था।
उत्तरप्रदेश के खिलाफ मैच के आखिरी दिन 5 नवंबर को विराट का बर्थडे सेलिब्रेट किया गया था।
पिता की मौत के बाद भी खेलने पहुंचे थे रणजी मैच 2006 में रणजी डेब्यू के एक महीने बाद ही विराट को कर्नाटक के खिलाफ दिल्ली की टीम में मौका मिला। 17 दिसंबर को मुकबला शुरू हुआ, रॉबिन उथप्पा और तिलक नायडु की सेंचुरी के दम पर कर्नाटक ने 446 रन बना दिए।
अगले दिन दिल्ली की बैटिंग आई, लेकिन टीम ने 59 रन पर ही 5 विकेट गंवा दिए। विराट कोहली ने विकेटकीपर पुनित बिष्ट के साथ पारी संभाली। दिन का खेल खत्म होने तक विराट 40 रन बनाकर नॉटआउट लौटे। कोहली घर पहुंचे तो उनके पिता प्रेम कोहली की तबीयत खराब नजर आई, रात को ही ब्रेन स्ट्रोक की वजह से उनका निधन भी हो गया।
विराट के पिता प्रेम कोहली का ही सपना था कि उनका बेट एक दिन देश के लिए क्रिकेट खेले।
रिश्तेदारों ने खेलने से मना किया पिता की मौत के बाद विराट के घर रिश्तेदार और पड़ोसी इकट्ठा हो गए। अगले दिन सुबह 8.30 बजे उन्हें मैदान पहुंचना था, 9.30 बजे से उन्हें बैटिंग भी शुरू करनी थी। तभी रिश्तेदारों ने उन्हें घर पर ही रहने के लिए कहा, लेकिन परिवार ने उन्हें मैदान पर जाकर बैटिंग करने की सलाह दी।
विराट इमोशनल हो गए, लेकिन वे बड़े भाई और मां की बात मानकर खेलने चले गए। विराट ने 238 गेंद बैटिंग की और 90 रन बनाए। उन्होंने पुनित के साथ 61.3 ओवर बैटिंग कर 152 रन की पार्टनरशिप भी की। करीब 5 घंटे तक बैटिंग करने के बाद विराट आउट हुए और सीधे घर पहुंच गए। वे अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल हुए और मुकाबले के चौथे दिन 2 ओवर बॉलिंग करने के लिए फिर से ग्राउंड भी पहुंच गए।
कोहली की बैटिंग से दिल्ली ने फॉलोऑन बचाया कोहली की बैटिंग के दम पर दिल्ली को कर्नाटक के खिलाफ फॉलोऑन नहीं खेलना पड़ा। दिल्ली ने 308 रन बनाए और चौथे दिन कर्नाटक को फिर से बैटिंग करना पड़ा। कर्नाटक ने दूसरी पारी में 242 रन के स्कोर पर अपनी पारी डिक्लेयर कर दी। 4 दिन खत्म हो जाने के कारण मुकाबला ड्रॉ रहा और दिल्ली ने लगभग हारा हुआ मैच बचा लिया।
कोहली को फील्ड पर देखकर चौंक गए थे बाकी खिलाड़ी कोहली ने पिता की मौत की बात कोच को बता दी थी। कोच ने भी उन्हें घर पर ही रहने की सलाह दी थी, इसके बावजूद विराट मैदान पहुंच गए। उन्हें मैदान पर देखकर बाकी प्लेयर्स और कोच भी चौंक गए, क्योंकि विराट उस वक्त महज 18 साल के थे।
कोहली के बचपन के दोस्त ईशांत शर्मा ने इस घटना के बारे में बताते हुए कहा है, विराट अपने पिता के बेहद करीब रहे। पिता का ही सपना था कि विराट देश के लिए खेलें। इसलिए हर बार शतक बनाने या टीम को जीत दिलाने पर विराट आसमान में देखकर अपने पिता को याद करते हैं।
इंटरनेशनल डेब्यू के बाद 9 ही रणजी मैच खेले विराट ने रणजी के 2007-08 सीजन में 53.28 की औसत से 5 मैचों में 2 शतक के साथ 373 रन बनाए थे। जिसके बाद उन्हें श्रीलंका के खिलाफ 2008 में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू करने का मौका मिला था। इंटरनेशनल डेब्यू के बाद से वे 9 ही रणजी ट्रॉफी मैच खेल सके।
विराट ने 2012 के बाद 418 इंटरनेशनल मैच खेले विराट ने 2012 के बाद 418 इंटरनेशनल क्रिकेट मैच खेले। जिसमें उन्होंने 21,989 रन बनाए। इंटरनेशनल क्रिकेट में व्यस्त रहने की वजह से वे डोमेस्टिक क्रिकेट का ज्यादा हिस्सा नहीं रहे। विराट ने भारत के लिए कुल 543 मैच खेले हैं।
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में लगातार ऑफ स्टंप के बाहर की बॉल पर आउट होने की वजह से उनकी बैटिंग टेक्नीक पर सवाल उठ रहे हैं। हाल ही में BCCI ने सभी प्लेयर के लिए डोमेस्टिक क्रिकेट खेलना अनिवार्य कर दिया है। ऐसे में रणजी ट्रॉफी में 23 जनवरी से शुरू हुए पहले मुकाबले में कोहली नहीं खेले। उन्हें उस समय गर्दन में दर्द था। हालांकि, उन्होंने यह क्लियर कर दिया है कि वे रेलवे के खिलाफ 30 जनवरी को होने वाले मुकाबले में खेलेंगे।