13 जनवरी से महाकुंभ की शुरुआत के साथ ही प्रयागराज देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं का केंद्र बना है। बड़ी संख्या में देश-विदेश से लोग प्रयागराज आ रहे हैं। ऐसे में, कई यात्रियों ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय में (DGCA) प्रयागराज तक की फ्लाइट्स के किराए में भारी बढ़ोतरी की शिकायत की है।
इसे लेकर 27 जनवरी को DGCA ने एयरलाइन कंपनियों से महाकुंभ के लिए हवाई किराया नहीं बढ़ाने को कहा।
देश के प्रमुख शहरों से प्रयागराज आने वाली फ्लाइट्स के किराए में कितना उछाल आया? एयरलाइन कंपनियां कितना किराया वसूल रहीं? इसकी क्या वजह है? इस रिपोर्ट में पढ़िए-
सबसे पहले जानिए पूरा मामला
महाकुंभ में इस समय हर दिन लाखों लोग पहुंच रहे हैं। ये लोग यहां पहुंच कैसे रहे हैं? तो जवाब है जिसकी जैसी आर्थिक सामर्थ्य है उसी के मुताबिक बसों, ट्रेनों और हवाई जहाज से यहां पहुंच रहे हैं। इसमें ट्रेनों का संचालन पूरी तरह सरकार के हाथ में है।
इस लिहाज से रेलवे ने पहले से तैयारियां कीं और ट्रेनें बढ़ा दीं। सरकारी बसों की संख्या भी बढ़ाई गई। तीसरा साधन आता है हवाई जहाज, जहां सरकार का दायरा सिर्फ नियम-कानून बनाने तक सीमित है। संचालन उसके हाथ में नहीं।
ऐसे में, एयरलाइन कंपनियों ने इस मौके का फायदा उठाते हुए देश के प्रमुख शहरों से फ्लाइट्स के टिकट बेतहाशा महंगे कर दिए। तब इसे लेकर कई यात्रियों ने DGCA में इसकी शिकायत की। यात्रियों ने बताया कि कैसे दिल्ली से प्रयागराज तक किराया 25 हजार रुपए तक वसूला जा रहा है। जबकि सामान्य रूप से यह 5 हजार रुपए तक रहता है।
यात्रियों की शिकायत पर DGCA का एक्शन
लगातार मिल रही इन शिकायतों पर सोमवार (27 जनवरी) को DGCA ने एक्शन लिया। महानिदेशालय ने एयरलाइन कंपनियों से फ्लाइट्स का किराया नहीं बढ़ाने को कहा है। DGCA ने एयरलाइन कंपनियों से उड़ाने बढ़ाने के लिए भी कहा।
बयान जारी कर महानिदेशालय ने कहा कि जनवरी के लिए प्रयागराज के लिए 81 अतिरिक्त उड़ानों को मंजूरी दी गई है। इससे पूरे देश से प्रयागराज के लिए उड़ानों की संख्या 132 हो गई है।
इन शिकायतों को लेकर 23 जनवरी को महानिदेशालय के अफसरों ने एयरलाइन कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक भी की थी।
बाली, मालदीव और थाईलैंड जाने से महंगा हुआ प्रयागराज जाना
आप अगर दिल्ली, बेंगलुरु या जयपुर जैसे शहरों से बाली, मालदीव और थाईलैंड जाना चाहते हैं तो यह महाकुंभ जाने की फ्लाइट टिकट से सस्ता पड़ेगा। इसे एक उदाहरण से समझते हैं।
अगर बेंगलुरु से 31 जनवरी के दिन कोई प्रयागराज की कनेक्टिंग फ्लाइट बुक करता है तो उसे अधिकतम 94 हजार तक चुकाना पड़ सकता है। यह सिर्फ एक तरफ की कीमत है। इसी तरह डायरेक्ट फ्लाइट के लिए 30 से 35 हजार एक तरफ चुकाना पड़ेगा। यानी आना-जाना दोनों मिला दें तो करीब 60 से 70 हजार।
अब दिल्ली या बेंगलुरु से मालदीव की फ्लाइट के टिकट का इसी तारीख में दाम देखें तो यह एक तरफ के लिए 16 से 17 हजार के बीच है। इसी तरह इन शहरों से इंडोनेशिया की राजधानी बाली के लिए डायरेक्ट फ्लाइट टिकट की कीमतें 25 से 30 हजार के बीच है।
कुछ ऐसे ही हालात थाईलैंड जाने के भी हैं। मौनी अमावस्या यानी 29 जनवरी को थाईलैंड 14 हजार में पहुंचा जा सकता है। लेकिन देश दिल्ली, बेंगलुरु और मुंबई से प्रयागराज नहीं।
सामान्य दिनों की तुलना में 4 से 5 गुना बढ़े प्रयागराज की फ्लाइट टिकट के दाम
सामान्य दिनों में प्रयागराज के लिए दिल्ली से हवाई टिकट की कीमतें 5 हजार तक की होती हैं। इसी तरह पड़ोस के राज्यों जैसे मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से डायरेक्ट फ्लाइट की करीब 2500 रुपए, जयपुर से 5 से 7 हजार, अहमदाबाद से 6 से 7 हजार, बेंगलुरु से 8 से 10 रुपए तक टिकट की कीमतें होती हैं।
कोलकाता और चेन्नई जैसे शहरों से जहां से प्रयागराज के लिए सीधी फ्लाइट नहीं है, वहां से सामान्य दिनों में टिकट की कीमतें 10 से 12 हजार के बीच होती हैं। लेकिन, महाकुंभ की वजह से प्रयागराज के लिए मांग बढ़ने पर इन शहरों से एयरलाइन कंपनियों ने टिकटों के दाम 4 से 5 गुना बढ़ा दिए हैं।
कीमतें बढ़ने के पीछे क्या वजह?
प्रयागराज में महाकुंभ की वजह से इस शहर में देशभर से पहुंचने वाली डायरेक्ट और कनेक्टिंग फ्लाइट्स के दाम बढ़े हैं। इसके पीछे वजह है डिमांड के मुताबिक सप्लाई कम होना।
DGCA की तरफ से जनवरी में 81 फ्लाइट्स की मंजूरी के बाद भी मांग पूरी नहीं हो पा रही। ट्रैवल पोर्टल इक्सिगो ने जनवरी महीने में ही एक सर्वे किया। उसमें निकलकर आया कि दिल्ली से प्रयागराज आने वाली फ्लाइट टिकटों के दाम 21% बढ़ गए।