गाजियाबाद में 150 गैस सिलेंडर से भरे ट्रक में आग:30 मिनट तक ब्लास्ट होते रहे, आसपास के कई मकान जले; लोग घर छोड़कर भागे

गाजियाबाद में शनिवार सुबह सिलेंडर से भरे चलते ट्रक में आग लग गई। पलभर में आग ने विकराल रूप ले लिया। हाईवे पर 150 सिलेंडर 30 मिनट तक फटते रहे। हादसा इतना भीषण था कि सड़क किनारे बना गोदाम ढह गया। सिलेंडर 100 मीटर दूर आसपास के मकानों में गिर रहे थे, इससे 2-3 घर में आग लग गई।

आग की लपटें और धमाके की आवाज 3 किमी दूर तक सुनाई दे रही थी। रुक-रुककर सिलेंडर फट रहे थे। आसपास के घरो में सो रहे लोगों ने समझा बम ब्लास्ट हो रहा है। डरकर घरों से भाग गए। आस-पास खड़े वाहन जलकर राख हो गए। गनीमत रही कि ड्राइवर चलते ट्रक से कूद गया, जिससे उसकी जान बच गई।

सूचना पर फायर ब्रिगेड की 8 गाड़ियां पहुंचीं। डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। घटना टीला मोड़ क्षेत्र के भोपुरा चौक दिल्ली-वजीराबाद रोड की है।

CFO राहुल पाल ने बताया- शुरुआती जांच में पता चला है कि आग शार्ट सर्किट से लगी है। कोई जनहानि नहीं हुई है।

आसपास के मकानों को खाली कराया

CFO राहुल पाल ने बताया- आज सुबह 4:35 बजे LPG सिलेंडर से भरे एक ट्रक में आग लगने की सूचना मिली थी। फायर टेंडर मौके पर भेजे गए। आसपास के मकानों को खाली कराया गया। 2-3 मकानों और कुछ गाड़ियों में आग लग गई थी। आग पर काबू पा लिया है।

सिलेंडर लगातार फट रहे थे, आग बुझाने में दिक्कत हुई

आग की ऊंची लपटों को देखकर दूसरे वाहन चालकों ने दूर ही अपनी गाड़ी रोक ली थी। सिलेंडर लगातार फट रहे थे। इसके चलते दमकलकर्मी घटनास्थल पर जाने से डर रहे थे। इसलिए आग बुझाने में दिक्कत हुई। CFO राहुल पाल ने बताया- कई बार ऐसी घटना में फायरकर्मी भी चपेट में आ जाते हैं।

ऐसा लगा जैसे आग का गोला गिर रहा

स्थानीय लोगों ने बताया- सुबह साढ़े 4 बजे हम लोग पहुंचे, तो जलते हुए सिलेंडर हवा में उड़ रहे थे। जैसे आग का गोला गिर रहा हो। लकड़ी के गोदाम में आग लगने से ज्यादा नुकसान हुआ है। ये अच्छा रहा कि कोई जनहानि नहीं हुई। जलते हुए सिलेंडर गिरने से 3 घरों में आग लग गई।

वहीं, वार्ड पार्षद ओम पाल भाटी ने बताया- वार्ड 29 में घटना हुई थी। हादसा करीब साढ़े 3 बजे हुआ। सूचना पर मैं पहुंचा, जानकारी मिलते ही पुलिस और अग्निशमन की टीम समय से पहुंच गई। कोई हताहत नहीं हुआ।

ब्लास्ट से होटलों के शीशे टूट गए

ईशांत चौहान ने बताया- हम लोग घरों में सो रहे थे, सुबह साढ़े चार बजे के आसपास घर की महिलाएं चिल्लाने लगीं। बच्चों को लेकर भागो आग लग गई। बाहर निकले तो देखा सिलेंडर फट रहा था। होटलों के शीशे टूट गए। पीछे पार्क में भी सिलेंडर के टुकड़े भर गए थे।