महाराष्ट्र सरकार ने एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या उद्धव ठाकरे की अगुआई वाली महा विकास अघाड़ी सरकार ने विपक्ष के तत्कालीन नेता देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे को झूठे मामले में फंसाकर गिरफ्तार करने की साजिश रची थी।
इसी संबंध में मंगलवार को कैबिनेट मंत्री शंभुराजे देसाई ने विधानसभा में घोषणा की कि इस जांच की जिम्मेदारी मुंबई पुलिस के जॉइंट कमिश्नर (लॉ एंड ऑर्डर) सत्यनारायण चौधरी को सौंपी गई है।
चार सदस्यीय इस टीम में राज्य रिजर्व पुलिस बल के उप महानिरीक्षक राजीव जैन, मुंबई पुलिस उपायुक्त नवनाथ धवले और सहायक आयुक्त अदिकराव पोल भी शामिल हैं। इस SIT को 30 दिनों में सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है।
एक बिजनेसमैन के दावे के बाद BJP नेता ने SIT की मांग की
दरअसल, एक व्यवसायी संजय पुनामिया ने दावा किया था कि मीडिया में स्टिंग ऑपरेशन दिखाए गए थे, जिसमें मुंबई पुलिस के पूर्व प्रमुख फडणवीस और शिंदे की गिरफ्तारी की योजना बना रहे थे। उन्होंने दावा किया कि यह गिरफ्तारी उनके खिलाफ दर्ज एक मामले से जुड़ी होगी।
इन आरोपों के बाद बीजेपी विधायक परिषद सदस्य (MLC) प्रवीण दरेकर ने इस साजिश की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) के गठन की मांग की थी। उन्होंने विधान परिषद में एक पेन ड्राइव भी पेश की। उन्होंने दावा किया कि इसमें MVA सरकार की प्लानिंग का खुलासा करने वाले स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो हैं।
विपक्ष बोला- तीन साल बाद इस मुद्दे को उठाने की जरूरत क्यों पड़ी
विपक्ष ने इन दावों का मजाक उड़ाया है और सवाल किया है कि महायुति सरकार तीन साल से अधिक समय से सत्ता में है। महायुति को तीन साल बाद इस मुद्दे को उठाने की जरूरत क्यों महसूस हुई।
दरअसल, नवंबर 2019 से जून 2022 तक महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार के शासन के दौरान, मौजूदा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष थे, जबकि एकनाथ शिंदे शहरी विकास मंत्री के रूप में राज्य मंत्रिमंडल का हिस्सा थे।
जून 2022 में शिंदे ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी और MVA सरकार को गिराकर मुख्यमंत्री बने। इसके बाद फडणवीस को शिंदे के डिप्टी के रूप में नियुक्त किया गया।