हरियाणा के ऊर्जा एवं परिवहन मंत्री अनिल विज ने सोमवार को सीएम नायब सैनी को डायरेक्ट निशाने पर लिया। उन्होंने सोशल मीडिया (X) पर फोटों शेयर की, जिसमें सीएम नायब सैनी की तस्वीर पर गद्दार का ठप्पा लगाया है।
इसके साथ विज ने उनकी प्रतिद्वंदी चित्रा सरवारा के साथ सीएम नायब सैनी के दोस्त आशीष तायल की नजदीकियों को दिखाया है। उन्होंने आशीष को भी गद्दार बताया।
विज ने लिखा- आशीष तायल जो खुद को नायब सैनी का मित्र बताते हैं उनकी फेसबुक पर नायब सैनी के साथ अनेकों चित्र मौजूद हैं। आशीष तायल के साथ विधानसभा चुनाव के दौरान जो कार्यकर्ता नजर आ रहे हैं वही कार्यकर्ता चित्रा सरवारा भाजपा की विरोधी उम्मीदवार के साथ भी नजर आ रहे हैं। ये रिश्ता क्या कहलाता है..?
उन्होंने आगे लिखा- तायल आज भी नायब सैनी के परम मित्र बने हुए हैं तो फिर प्रश्न उठता है भाजपा उम्मीदवार की मुखालफत किसने करवाई?
30 जनवरीः ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में नहीं जाऊंगा अनिल विज ने कहा ‘मैंने अम्बाला कैंट में हर सोमवार को लगने वाला खुला दरबार बंद कर दिया है। ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में भी शायद न जाऊं। हमारे आदेशों की पालना नहीं हो रही। अधिकारी हमारे काम नहीं करते’।
31 जनवरीः सैनी जब से CM बने हैं, तब से उड़न खटोले पर पहली बार सीएम नायब सैनी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘नायब सैनी जब से मुख्यमंत्री बने हैं, तब से उड़न खटोले पर हैं। ये सिर्फ उनकी नहीं बल्कि सभी विधायकों और मंत्रियों की आवाज है’।
1 फरवरीः मेरी आत्मा की आवाज दबा नहीं सकते विज ने पुष्पा मूवी का ‘मैं झुकेगा नहीं’ वाला स्टाइल दिखाया और कहा कि ‘मैं कुछ नहीं बोलता, मेरी क्या हैसियत है। मैं जो बोलता हूं, आत्मा से बोलता हूं और आत्मा की आवाज को दबाया नहीं जा सकता’।
2 फरवरी: मेरी सीनियोरिटी और मेरी विधायकी नहीं छीन सकते मंत्री अनिल विज ने कहा कि हम चाहते हैं कि सरकार ठीक तरीके से काम करे। सीएम भी मंत्रियों की बात सुनें और सरकार को ठीक से चलाएं। मुझे श्याम सिंह राणा ने फोन पर कहा था कि अधिकारी नहीं सुन रहे, आप फोन कर दो। अब उनकी चलने लगी तो अच्छा है। हम तो यही चाहते हैं कि सरकार ठीक से चले। मेरा मंत्री पद ही छीन सकते हैं। मैंने न कभी मुख्यमंत्री का पद मांगा और न मंत्री का। मंत्री रहते हुए भी मैंने कोई आवास नहीं लिया। अगर अब इस पद को कोई छीनना चाहता है तो बेशक छीन ले, मुझे कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है, लेकिन मेरी सीनियोरिटी और मेरी विधायकी नहीं छीन सकते। मुझे लोगों ने विधायक बनाया है।’ अंबाला के डीसी को बदलने पर विज ने कहा, ‘सरकार के 100 दिन होने के बाद डीसी बदले या ना बदले, कोई फर्क नहीं पड़ता। मैंने चुनाव होते ही कहा था कि अधिकारियों ने मेरे खिलाफ काम किया है।’
4 दिन पहले चित्रा सरवारा ने अनिल विज को घेरा था, कही थी 4अहम बातें…
1. विज ने नाकामियों पर स्टैंप लगाया चित्रा सरवारा ने कहा- अनिल विज ने अपनी एक स्टेटमेंट से एक तरफ अपनी नाकामियों पर स्टैंप लगाया है। वहीं, दूसरी तरफ अपनी सरकार को फेल का भी सर्टिफिकेट दे रहे हैं।
2. विज अकाउंटेबिलिटी की बात करें मैं अनिल विज से यही कहूंगी कि आपको काम करने की ताकत देने के लिए अंबाला की जनता ने 7 बार विधायक की कुर्सी पर बैठाया। आपकी पार्टी ने मंत्री पद दिया। आज आप आमरण अनशन की धमकी देकर सड़क पर उतरने की बात न करें। आप अकाउंटेबिलिटी की बात करें।
3. कौन से काम की दुहाई दे रहे अंबाला में जब करोड़ों के बजट आए तो तब आपने छाती ठोककर कहा कि थ्री नॉट थ्री की तरह मेरा काम होता है। हम भी आवाज उठाते रहे कि जो करोड़ों आए हैं, ये गए कहां हैं? ऐसा क्यों है कि अंबाला का हर प्रोजेक्ट 3 गुना समय सीमा और बजट को लांघकर आगे जा चुका है? आपने कभी उसकी तरफ ध्यान नहीं दिया। आज आप कौन से काम की दुहाई दे रहे हैं।
4. ग्रीवेंस कमेटी मीटिंग में अपमान करते हैं जनता के अंदर आवाज ये है कि असली काम ये नहीं हुआ कि आपके कहने से अफसर सस्पेंड नहीं हुआ। जो सस्पेंशन आप जनता दरबार में करते थे, जो सस्पेंशन और अपमान आप ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग में करते थे, तो आप कौन से काम की बात करते हैं?
किससे शिकायत कर रहे हैं, असली मुद्दा क्या है, आप उस पर ध्यान दें। अंबाला में करोड़ों का बजट आया। ये किसने खाया? एक आमरण अनशन आप इसके ऊपर करिए, तब तो कोई बात बनती है। जनता के दिए हुए अधिकार के ऊपर नया पैसा लाने और सस्पेंशन की लड़ाई मत लड़िए।