बजट सत्र का आज छठा दिन:विपक्ष भारतीय नागरिकों के डिपोर्टेशन मामले में केंद्र को घेरेगा; राज्यसभा में PM बोले- कांग्रेस का मॉडल फैमिली फर्स्ट

संसद के बजट सत्र का आज छठा दिन है। भारतीयों के अमेरिका से डिपोर्टेशन मुद्दे पर विपक्ष हंगामा कर सकता है। गुरुवार को भी विपक्षी सांसदों ने संसद के बाहर केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन किया था। इस दौरान कुछ सांसद हाथों में हथकड़ी पहने नजर आए थे। उनका कहना है कि हमारे नागरिकों के साथ आतंकवादियों जैसा बर्ताव किया गया।

इस पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में कहा कि अमेरिका से भारतीयों का डिपोर्टेशन पहली बार नहीं है। यह 2009 से हो रहा है। हम कभी भी अवैध मूवमेंट के पक्ष में नहीं हैं। इससे किसी भी देश की सुरक्षा में खतरा पैदा हो सकता है।

उधर, पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दिया। उनकी 92 मिनट की स्पीच सरकार के सबका साथ- सबका विकास पर फोकस रही। इसके जरिए कांग्रेस पर निशाना साधा।

पीएम ने अपने भाषण में बाबा साहेब अंबेडकर, आरक्षण, UCC, आदिवासी, दिव्यांग, ट्रांसजेंडर, नारीशक्ति और इमरजेंसी का जिक्र किया। कांग्रेस और विपक्ष को घेरने के लिए कविताएं पढ़ीं।

PM मोदी के स्पीच की 5 बड़ी बातें…

1. परिवारवाद:

इतना बड़ा दल एक परिवार के लिए समर्पित हो गया है। कांग्रेस के मॉडल में फैमिली फर्स्ट सर्वोपरि रहा है। देश की जनता ने हमें तीसरी बार लगातार सेवा का मौका दिया। ये बताता है कि देश की जनता ने हमारे विकास के मॉडल को परखा है, समझा है और समर्थन दिया है। हमारा मॉडल- नेशन फर्स्ट है। इसी भावना के साथ हम देश की नीतियों पर काम करते हैं।’

2. इमरजेंसी:

देश ने इमरजेंसी का दौर भी देखा है। संविधान को किस प्रकार से कुचला गया। संविधान की स्प्रिट को रौंदा गया। ये सब सत्ता सुख के लिए किया गया। इमरजेंसी में प्रसिद्ध कलाकार देवानंद जी से कहा गया कि वह इमरजेंसी का समर्थन करें। देवानंद ने मना कर दिया था। इसलिए दूरदर्शन पर देवानंद जी की फिल्में बैन कर दी गईं। किशोर कुमार जी ने कांग्रेस के लिए गाना गाने से मना कर दिया था। इस पर कांग्रेस ने आकाशवाणी पर किशोर के गाने प्रतिबंधित कर दिए।’

जो लोकतंत्र की बातें करते हैं। आपातकाल में देश की कई बड़ी हस्तियों को जंजीरों से बांध दिया। इनके मुंह में संविधान शब्द शोभा नहीं देता।

3. बाबा साहेब अंबेडकर:

इतिहास की ओर थोड़ी नजर डालें तो बाबा साहेब अंबेडकर के साथ कांग्रेस को कितनी नफरत रही थी, उनके प्रति कितना गुस्सा था, इसके सारे दस्तावेज मौजूद हैं। इस गुस्से को बाबा साहेब को दो-दो बार चुनाव में पराजित करने के लिए क्या-क्या नहीं किया गया। कभी भी बाबा साहेब को भारत रत्न के योग्य नहीं समझा गया। इतना ही नहीं, इस देश के लोगों ने बाबा साहेब की भावना का आदर किया। तब आज मजबूरन कांग्रेस को जय भीम बोलना पड़ रहा है, उनका मुंह सूख जाता है।’

4. सबका साथ, सबका विकास:

हमारी तरह ही कांग्रेस की राजनीति में भी मूलमंत्र रहा है। हमारा मूलमंत्र ‘सबका साथ सबका विकास’ है। वहीं, कांग्रेस का मूलमंत्र ‘दूसरे की लकीर छोटी करना’ है।’ हमारी गर्वनेंस का आधार सबका साथ सबका विकास है। हम इसे जीते हैं। बीते दशक में हमने हर स्तर पर सबका साथ सबका विकास की योजना को जमीन पर उतारा है। जहां तक कांग्रेस का सवाल है, उनसे सबका साथ सबका विकास की उम्मीद करना गलती हो जाएगी। यह उनकी सोच और समझ के बाहर है।’

5. मेक इन इंडिया:

कांग्रेस के पंजे से मुक्त होकर आज देश चैन की सांस ले रहा है और ऊंची उड़ान भर रहा है। कांग्रेस के लाइसेंस राज और कुनीतियों से बाहर निकलकर हम ‘मेक इन इंडिया’ को महत्व दे रहे हैं।

आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल बनाने वाला देश बन गया है। पहले हम ज्यादातर फोन बाहर से मंगाते थे। अब हमारी पहचान मोबाइल एक्सपोर्ट के रूप में बनी है।’

‘आज हमारा देश दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टील उत्पादक देश है। पिछले दस वर्षों में खिलौनों, वैक्सीन, दवाओं, आयुष और हर्बल उत्पादों के निर्यात में बड़ा इजाफा हुआ है। खादी और ग्राम उद्योग का टर्नओवर डेढ़ लाख करोड़ रुपए से ज्यादा हो गया है।’