सनौली-बापौली एरिया में सब्जियों की फसल को ट्रैक्टर की मदद से उजाड़ने का सिलसिला थम नहीं रहा है। किसान आंदेालन के चलते दिल्ली, गाजियाबाद व नोएडा की बड़ी मंडियों तक पत्ता गोभी की फसल नहीं पहुंच रही हैं। लोकल मंडियों में मात्र दो रुपये प्रति किलोग्राम का भाव मिल रहा है। नतीजा, सनौली खुर्द के किसान प्रमोद कुमार ने फसल को रौंदने में ही भलाई समझी।
प्रमोद कुमार और सुनील ने संयुक्त रूप से बताया कि चार एकड़ में पत्ता गोभी की फसल की उपज है। एक माह से पत्ता गोभी के भाव निरंतर कम हो रहे हैं। अब तो मात्र दो रुपये का ही दाम मिल रहा है। फसल को को खेत से तुड़वाकर, ट्रैक्टर-ट्राली में लादने, मंडी तक पहुंचाने की लागत भी नहीं निकल रही है। पहले तो ग्रामीणों को फ्री सब्जी बांटी।
पशुओं को खिलाया
इसके बाद पशुओं को खिलानी शुरू की। अब फसल को उजाड़ना शुरू कर दिया है ताकि नई फसल की बुवाई हो सके। किसान सुमित, विनोद, राममेहर, सुनील, सतीश, नरेश, कृष्ण, पवन, अनिल, पवन ने बताया कि गेंहू व धान की फसल की तुलना में सब्जियों की फसल उगाने में ज्यादा लागत लगती है। बीज और दवाईयां महंगी हैं। बता दें कि फूल गोभी के हालात भी ऐसे ही हैं।
किसानों में निराशा
कल मंडियों में मात्र तीन रुपये प्रति किग्रा.का भाव मिलने से किसान फसल को उजाड़ने में लगे हैं। पहले भी क्षेत्र के अनेक किसान फसल पर ट्रैक्टर चला चुके हैं। कृषि विज्ञानी डा. राजबीर ने भी माना कि इस बार सब्जी उगाने वाले किसानों को भाव के मामले में निराशा मिली है।