जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने दावा किया है कि उन्हें और उनकी मां को नजरबंद कर दिया गया है। अधिकारियों ने उनके दरवाजों पर ताले लगा दिए हैं। इल्तिजा ने सोशल मीडिया X पर घर के बंद दरवाजों पर लगे तालों की फोटो शेयर की है।
इल्तिजा ने हाउस अरेस्ट का दावा करते हुए लिखा- चुनाव के बाद भी कश्मीर में कुछ नहीं बदला। अब पीड़ितों के परिवारों को सांत्वना देना भी अपराध माना जा रहा है।
दरअसल, महबूबा (PDP चीफ) सोपोर में वसीम मीर के परिवार से मिलने जाने वाली थीं। आरोप है कि सेना ने वसीम मीर की हत्या की है। वहीं, इल्तिजा माखन दीन के परिवार से मिलने के लिए कठुआ जाने वाली थीं।
इल्तिजा की पोस्ट…
मेरी मां और मुझे दोनों को नजरबंद कर दिया है। हमारे दरवाजे बंद कर दिए गए हैं, क्योंकि वे सोपोर जाने वाली थीं, जहां वसीम मीर की सेना ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। मैं आज माखन दीन के परिवार से मिलने कठुआ जाने वाली थी। मुझे बाहर निकलने की भी परमिशन नहीं दी जा रही है।
इल्तिजा ने NC सरकार से पूछा था- मुंह में दही क्यों जमा रखा है
महबूबा मुफ्ती ने एक पोस्ट में लिखा था- पेरोडी के रहने वाले 25 साल के माखन दीन को बिलावर के एसएचओ ने ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) होने के झूठे आरोप में हिरासत में लिया। उसे बुरी तरह पीटा, यातना दी। जबरन कबूलनामा करवाया, जिससे उसकी मौत हो गई। इलाका सील है। इंटरनेट बंद है। इससे लोगों में दहशत है।
उन्होंने बताया- लगातार कार्रवाई हो रही है। लोग हिरासत में लिए जा रहे हैं। यह घटना बेगुनाह युवकों को झूठे आरोप में फंसाने के परेशान करने वाले पैटर्न का ही हिस्सा लग रही है।
इल्तिजा ने भी एक बयान में कहा था- कुलगाम, बडगाम, गांदरबल में छोटे लड़कों को उठाया जा रहा है। मैं सरकार से पूछना चाहती हूं कि क्या वे सभी आतंकवादी हैं। सभी को शक की नजर से क्यों देख रहे हैं। आश्चर्य की बात यह है कि एक भी मंत्री ने इस बारे में कोई बयान नहीं दिया। क्या आपके मुंह में दही जमा है?
इल्तिजा ने पहली बार चुनाव लड़ा, लेकिन हार गईं थीं
इल्तिजा ने अक्टूबर 2024 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में श्रीगुफवारा-बिजबेहरा सीट से चुनाव लड़ा था। यह सीट मुफ्ती परिवार का पारंपरिक गढ़ मानी जाती है। हालांकि, इस चुनाव में इल्तिजा को 9,770 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। 2019 में, अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद, जब उनकी मां महबूबा मुफ्ती को हिरासत में लिया गया था, तब इल्तिजा ने उनकी रिहाई के लिए अभियान चलाया, जिससे वे सुर्खियों में आ गईं थीं।