साढ़े पांच करोड़ रुपए का सीएसआर फंड दिलाने का झांसा देकर दंपती और उसके साथी ने 1.10 करोड़ रुपये हड़प लिए। पैसे वापस मांगने पर आरोपियों द्वारा शिकायतकर्ता को जान से मारने की धमकी दी गई। इस मामले में दंपती और उसके साथी के खिलाफ सेक्टर-113 थाने में केस दर्ज हुआ है। केस सेक्टर 75 स्थित इंडोसम सोसायटी निवासी पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट कमलाकर मिश्रा की शिकायत पर दर्ज हुआ है।
ट्रस्ट संचालन के लिए जरूरत थी
सीए कमलाकर मिश्रा ने बताया कि वह पूर्व में रूद्र कृपा फाउंडेशन नामक ट्रस्ट में आर्थिक लेखा संबंधी काम करते थे। ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी माधव कांत मिश्र थे, जिनका निधन हो चुका है। ट्रस्ट के संचालन के लिए पैसे की आवश्यकता थी। ऐसे में माधव कांत मिश्र ने शिकायतकर्ता से सीएसआर फंड का प्रबंध करने का अनुरोध किया।
इस काम में ट्रस्टी ने पेशे से व्यापारी संजय आर्य को भी लगाया था। दोनों ने विभिन्न कंपनियों में संपर्क किया तो सितंबर 2019 में कमलाकर की मुलाकात दिल्ली शाहदरा के राधेश्याम सिंघल, उनकी पत्नी सरोज सिंघल व अमित अग्रवाल से हुई। तीनों ने खुद को राजेश एक्सपोर्ट का प्रतिनिधि बताया और साढ़े पांच करोड़ रुपए का सीएसआर फंड दिलाने का भरोसा दिया।
अग्रिम गारंटी के रूप में लिए 1.10 करोड़
फंड दिलाने के प्रबंध और खर्चे के नाम पर अग्रिम 1.10 करोड़ रुपये की मांग तीनों द्वारा की गई। आरोपियों ने एक सप्ताह में बैंक खाते में साढ़े पांच करोड़ रुपए आरटीजीएस होने का दावा किया। आरोप है कि पीड़ित ने नोएडा सेक्टर 75 में 1.10 करोड़ रुपए नकद दिए थे। एक सप्ताह बाद संपर्क करने पर तीनों ने मेल भेजकर बताया कि कैनरा बैंक से पैसा कट चुका है और जल्द ही खाते में आ जाएगा। कई दिनों तक फंड नहीं आने पर जब शिकायतकर्ता ने आरोपियों से सवाल किया तो तीनों द्वारा बरगलाना शुरू कर दिया गया।
दो चेक दिए दोनों बाउंस
कई बार कहने पर 25 व 28 लाख रुपए के दो चेक आरोपियों ने दे दिए। दोनों चेक बाउंस हो गए। उसके बाद 80 लाख रुपए की डीडी दी गई। वह भी फर्जी निकली। पीड़ित ने अगस्त 2024 को पुलिस आयुक्त से शिकायत की। थाना पुलिस ने जांच के बाद अब तीनों आरोपियों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है।
घर पहुंचने पर मिली धमकी
शिकायतकर्ता का कहना है कि कई प्रयास के बाद भी जब आरोपियों ने रकम नहीं दी तो वह आरोपियों के दिल्ली के शाहदरा स्थित पते पर पहुंच गया। आरोपी पैसे मिलने का आश्वासन देते रहे। जब दोबारा शिकायतकर्ता तगादा करने आरोपी के घर पहुंचा तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई। शिकायतकर्ता का दावा है कि आरोपियों ने कुछ अन्य लोगों के साथ भी इसी तरह का फर्जीवाड़ा किया है।