PM नरेंद्र मोदी का अमेरिका दौरा खत्म कर दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। PM मोदी शुक्रवार देर रात 3 बजे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मिलने व्हाइट हाउस पहुंचे। दोनों नेता करीब ढाई घंटे तक साथ रहे। इस दौरान दोनों के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई। ट्रम्प-मोदी ने 2 बार मीडिया से बात की।
ट्रम्प ने टैरिफ मामले पर मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें एक टफ नेगोशिएटर (मोलभाव करने वाला) बताया। उन्होंने कहा कि PM मोदी उनके अच्छे दोस्त हैं और वे अच्छा काम कर रहे हैं। वो मुझसे भी बेहतर नेगोशिएटर हैं।
ट्रम्प ने भारत को F-35 फाइटर जेट देने की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने 2008 में मुंबई हमले के आतंकी तहव्वुर राणा को भारत भेजने की बात कही।
वहीं, PM मोदी ने दूसरी बार अमेरिका का राष्ट्रपति चुने जाने पर ट्रम्प को बधाई दी। मोदी ने कहा कि यह खुशी की बात है कि मुझे ट्रम्प के साथ दोबारा काम करने का अवसर मिला है। मेरे और ट्रम्प के मिलने का मतलब एक और एक ग्यारह है।
मोदी के बयान की प्रमुख बातें…
अवैध अप्रवासी जो लोग अवैध रूप से दूसरे देशों में रहते हैं, उन्हें वहां रहने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। हमने हमेशा कहा है कि जो लोग भारत के नागरिक हैं और अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे हैं, उन्हें वापस लाने के लिए तैयार हैं।
मानव तस्करी सामान्य परिवारों के लोगों को बड़े-बड़े सपने दिखाए जाते हैं। उनमें से ज्यादातर को गुमराह करके लाया जाता है। अमेरिका और भारत दोनों को मिलकर इस सिस्टम को जड़ से खत्म करने की कोशिश करनी चाहिए।
आतंकवाद हम इस बात पर सहमत हैं कि सीमा के दूसरी तरफ से पैदा होने वाले आतंकवाद को खत्म करने के लिए ठोस कार्रवाई की जानी चाहिए। भारत में नरसंहार करने वाले एक अपराधी को प्रत्यर्पित करने के फैसले की तारीफ करता हूं।
रूस-यूक्रेन जंग दुनिया का नजरिया है कि भारत न्यूट्रल है, लेकिन भारत न्यूट्रल नहीं है, भारत का अपना पक्ष है शांति। समस्याओं का समाधान जंग से नहीं निकलता। वह टेबल पर चर्चा करके ही निकलता है। राष्ट्रपति ट्रम्प ने शांति का जो इनीशिएटिव लिया है, मैं उसका पूरी तरह से समर्थन करता हूं।
ट्रम्प के बयान की 4 प्रमुख बातें…
टैरिफ इस मीटिंग में हमने हर पहलू पर चर्चा की है। हम भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी बढ़ाते रहेंगे। भारत 70% टैरिफ लगाता है।
खालिस्तान मुझे नहीं लगता के भारत के बाइडेन प्रशासन के साथ अच्छे संबंध थे। ऐसी बहुत चीजें हुईं, जो ठीक नहीं थी। हम अपराध को काबू करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करेंगे।
भारत पर सख्ती भारत के साथ सख्ती दिखाकर चीन को कैसे हराएंगे? इसके जवाब में उन्होंने कहा- हम किसी को भी मात दे सकते हैं, लेकिन हम किसी को मात देने के बारे में नहीं सोचते।
भारत से व्यापार घाटा हम तेल, गैस और LNG की बिक्री के साथ घाटे के अंतर को बहुत आसानी से पूरा कर सकते हैं। इसके लिए हमने एक अहम समझौते पर दस्तखत किया है।
अडाणी के मुद्दे पर बात नहीं
मीडिया ने PM मोदी से पूछा कि क्या राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ मीटिंग में गौतम अडाणी के केस पर कोई चर्चा हुई। इस पर उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्तिगत मामलों के लिए दो देश के मुखिया न तो मिलते हैं, न बैठते हैं और न बात करते हैं।
क्या है मामला- अडाणी की कंपनी पर आरोप है कि उसने भारत में सोलर रिन्यूएबल एनर्जी के प्रोजेक्ट गलत तरीके से हासिल किए। इसके लिए सरकारी अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर यानी करीब 2,029 करोड़ रुपए रिश्वत देने की योजना बनाई। इसके अलावा अमेरिकी इन्वेस्टर्स और बैंकों से झूठ बोलकर पैसा इकट्ठा किया।
अमेरिकी रक्षा विभाग का सबसे महंगा विमान F-35
F-35 लड़ाकू विमान 5वीं जनरेशन का विमान है। इसे लॉकहीड मार्टिन ने डेवलप किया है। इस प्लेन को 2006 से बनाना शुरू किया गया था। 2015 से यह अमेरिकी वायुसेना का एक अहम हिस्सा है। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के इतिहास में सबसे महंगा विमान F-35 ही है। अमेरिका एक F-35 फाइटर प्लेन पर 82.5 मिलियन डॉलर (करीब 715 करोड़ रुपए) खर्च करता है।
मोदी से मुलाकात के 2 घंटे पहले ट्रम्प ने दुनियाभर में टैरिफ लगाया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ने PM मोदी से मुलाकात के 2 घंटे पहले भारत समेत सभी देशों पर जैसे को तैसा टैरिफ (रेसिप्रोकल टैरिफ) लगाने का ऐलान किया। रेसिप्रोकल टैरिफ यानी जो देश अमेरिकी सामान पर जितना टैरिफ लगाएगा, अमेरिका भी उस देश के सामान पर उतना ही टैरिफ लगाएगा।
ट्रम्प ने भारत पर बहुत ज्यादा टैरिफ लगाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा-
भारत टैरिफ लगाने के मामले में सबसे ऊपर है। कुछ छोटे देश हैं जो इससे भी ज्यादा टैरिफ लगाते हैं, लेकिन भारत का टैरिफ बहुत अधिक है। मुझे याद है कि जब हार्ले डेविडसन भारत में अपनी मोटरबाइक नहीं बेच पा रहा था, क्योंकि भारत में टैक्स बहुत ज्यादा था, टैरिफ बहुत ज्यादा था। लिहाजा हार्ले को निर्माण बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा। मुझे लगता है कि टैरिफ का भुगतान करने से बचने के लिए उन्हें भारत में एक कारखाना बनाना पड़ा।