उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार सुबह 10 बजे लखीमपुर-खीरी पहुंचे। उन्होंने कुंभी में आयोजित भव्य समारोह में बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड के 2850 करोड़ रुपए लागत से बन रहे बायोप्लास्टिक प्लांट का भूमिपूजन किया।
इसके बाद गोला गोकर्णनाथ के लिए रवाना हुए। जहां वे गोला के काशी कॉरिडोर का भी भूमिपूजन करेंगे। इस दौरान सीएम करोड़ों रुपए की कुल 373 विकास परियोजनाओं का भी शिलान्यास करेंगे।
कुंभी में ही दिख गया निवेश का महाकुंभ
कुंभी में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह देश का पहला बायोप्लास्टिक प्लांट होगा, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत और पर्यावरण संरक्षण के संकल्प को साकार करेगा। यहां बनने वाली बोतल, प्लेट, कप और कैरी बैग्स पूरी तरह से डिस्पोजेबल होंगे और महज तीन महीने में खुद ही मिट्टी में मिल जाएंगे।
सीएम योगी बोले:“आज पूरी दुनिया उत्तर प्रदेश के महाकुंभ में भागीदार बनने के लिए उत्साहित है। मैं यहां से गोला गोकर्णनाथ और फिर प्रयागराज जाऊंगा। लेकिन कुंभी में ही मुझे महाकुंभ दिख गया। यह निवेश का महाकुंभ है।”
देश की पहली 2850 करोड़ की इंटीग्रेटेड यूनिट, हजारों को मिलेगा रोजगार
सीएम ने बताया कि 2850 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह संयंत्र भारत का पहला इंटीग्रेटेड यूनिट होगा। इससे हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा और किसानों की आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी। यूपी सरकार यहां के युवाओं के स्किल डेवलपमेंट के लिए प्लांट के साथ एमओयू करेगी, जिससे पढ़ाई कर रहे छात्र सीधे रोजगार से जुड़ सकें।
ग्लोबल वॉर्मिंग पर चिंता, पर्यावरण बचाने की अपील
सीएम योगी ने पर्यावरण संकट पर चिंता जताते हुए कहा कि ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण असमय बारिश और सूखे जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार जीरो लिक्विड डिस्चार्ज तकनीक को अपनाकर नदियों और नहरों को सुरक्षित रखने का प्रयास कर रही है।
यूपी में निवेश को लेकर उत्साह, 45 लाख करोड़ का निवेश प्रस्ताव मिला
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी में 45 लाख करोड़ रुपये का निवेश प्रस्ताव आया है। अब तक 15 लाख करोड़ का निवेश हो चुका है और 3 से 5 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पाइपलाइन में हैं। 7 से 8 लाख युवाओं को नौकरी भी मिल चुकी है।
महाकुंभ में अब तक 60 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
सीएम ने कहा कि 13 जनवरी से 22 फरवरी तक अब तक 60 करोड़ श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। उन्होंने कहा कि यूपी में बेहतरीन कानून व्यवस्था और निवेश के अनुकूल माहौल के कारण आज पूरी दुनिया यहां आकर निवेश करना चाहती है।
बता दें कि तय कार्यक्रम के अनुसार, सुबह 10.35 बजे से 10.45 बजे तक गोला में शिव मंदिर कॉरिडोर की आधार शिला का शिलान्यास करेंगे। मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे। इसके बाद सीएम योगी 10.55 बजे से 11.35 बजे तक पब्लिक इंटर कॉलेज के मैदान में जनसभा को संबोधित करेंगे। सुबह 11:40 बजे यहां से प्रस्थान करेंगे। राजकीय परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। सीएम की सुरक्षा के दृष्टिगत इंतजाम चाक चौबंद किए गए।
जानें कैसा होगा गोला गोकर्णनाथ कॉरिडोर
गोला गोकर्णनाथ कॉरिडोर 19524.670 वर्ग मीटर में 96 करोड़ की लागत से बनेगा। मंदिर जाने के लिए कुल तीन द्वार बनाए जाएंगे। अंगद धर्मशाला के पास से मुख्य गेट बनाया जाएगा। जहां से होकर भक्त सीधे मंदिर जा सकेंगे। मुख्य मार्ग के दक्षिण दिशा में पार्किंग की व्यवस्था होगी।
दूसरा द्वार तीर्थ सरोवर के पास बनेगा और तीसरा द्वार शिव मन्दिर में प्रवेश द्वार के रूप में होगा। इसके साथ ही वीआईपी एंट्री के लिए नीलकंठ मैदान की ओर पश्चिम दिशा से 8 मीटर के रास्ते का चौड़ीकरण किया जा रहा है।
बायोप्लास्टिक प्लांट में गन्ने के सीरम से बायोपॉलीमर बनेगा
कुंभी में जिस बायोप्लास्टिक प्लांट का शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे वह 2026 तक शुरू होगा। प्लांट में गन्ने के सीरम से बायोपॉलीमर बनाया जाएगा। इसका उपयोग प्लास्टिक के हानिकारक दोना पत्तल और कप गिलास की जगह किया जाएगा।
बायोपॉलीमर से बने हुए दोना पत्तल गिलास ऑर्गेनिक होंगे। इनसे स्वास्थ्य पर कोई असर नहीं पड़ेगा। लगभग 2,000 करोड़ वाले इस प्रोजेक्ट से लखीमपुर खीरी के स्थानीय लोगों को कारखाने में रोजगार मिलेगा। वहीं क्षेत्र के लोगों को भी इस कारखाने के संचालन के बाद आर्थिक और व्यवसायिक लाभ होगा।
बायोपॉलिमर्स के बारे में जानें… संरचना:
- बायोपॉलिमर्स की संरचना सिंथेटिक पॉलिमर्स की तुलना में अधिक जटिल होती है।
- इनकी जटिलता के कारण ये जीवों में अधिक सक्रिय होते हैं।
- बायोपॉलिमर जैवनिम्नीकरणीय होते हैं, जिससे इनका अपघटन मृदा में आसानी से हो जाता है।
- सिंथेटिक पॉलिमर के जलने से पर्यावरण प्रदूषण होता है।
विशेषताएं:
- ये जीवित जीवों की जीवन प्रक्रियाओं को नियंत्रित कर सकते हैं और पर्यावरण के अनुकूल होते हैं।
- ये ऑक्सीकरण, हाइड्रोलिसिस या कुछ एंजाइमों द्वारा अपघटित हो सकते हैं।
- कुछ बायोपॉलिमर खाद बनने योग्य होते हैं और उनकी सतह पर विशिष्ट रासायनिक गुण दिखाई दे सकते हैं।
- पॉलीलैक्टिक एसिड, पॉलीग्लाइकोलेट, पॉली 3-हाइड्रॉक्सी ब्यूटिरेट आदि प्लास्टिक जैसे गुण दिखा सकते हैं।
फायदे:
- ये पॉलिमर वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर को कम कर सकते हैं।
- कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने में सहायक होते हैं।
- जैव-अपघटन प्रक्रिया में कार्बन डाइऑक्साइड निकलती है, जिसे फसलें पुनः अवशोषित कर लेती हैं।