ट्रम्प को चेतावनी- रूस से जल्दबाजी में समझौता न करें:फ्रांसीसी राष्ट्रपति बोले- रूस ने हर बार युद्धविराम तोड़ा, मुद्दा भरोसे का है

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युल मैक्रों ने मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को चेतावनी दी है कि यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस से जल्दबाजी में समझौता न करें। मैक्रों ट्रम्प से मिलने अमेरिका पहुंचे थे, मुलाकात के बाद उन्होंने फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में इस बारे में बात की।

मैक्रों ने बताया कि कुछ ही हफ्ते में रूस और यूक्रेन में युद्धविराम समझौता होने की पूरी संभावना है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति यूरोपीय देशों के प्रतिनिधि के तौर पर ट्रम्प से मिले थे, क्योंकि यूरोप के करीब सभी देश अपनी सुरक्षा को लेकर एक जैसी चिंता रखते हैं।

मैक्रों ने कहा- हमने 2014 में रूस के साथ शांति समझौता किया था। मैं आपको व्यक्तिगत अनुभव से बता सकता हूं, क्योंकि मैं उस शांति समझौते पर नजर रखने वाले दो सदस्यों में से एक था। रूस ने हर बार समझौते का उल्लंघन किया और हमने एकजुट होकर जवाब नहीं दिया। इसलिए मुद्दा भरोसे का है।

सबसे पहले रूस और अमेरिका में बातचीत होना चाहिए

मैक्रों ने कहा मेरे हिसाब से युद्धविराम समझौते का क्रम इस तरह से होना चाहिए कि सबसे पहले अमेरिका और रूस के बीच बातचीत होनी चाहिए और फिर अमेरिका और यूक्रेन के बीच। राष्ट्रपति ट्रम्प ने मंगलवार घोषणा की है कि वो यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ बैठक के लिए तैयार हैं, यह बहुत जरूरी बात है।

उन्होंने कहा- आने वाले हफ्तों में युद्धविराम हो सकता है। रूस को इसका सम्मान करना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो यह साफ हो जाएगा कि पुतिन शांति समझौते और यूक्रेन की संप्रभुता के बारे में गंभीर नहीं है।

यूक्रेन को अकेला छोड़ा तो उस पर हमले का खतरा

राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा- जब युद्धविराम लागू होगा तब हम यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी और रूस के कब्जे से यूक्रेनी जमीन वापस लेने के मुद्दे पर बात करेंगे। यह यूक्रेन के राष्ट्रपति की जिम्मेदारी होगी कि वो अपने देश के हितों की रक्षा करें।

उन्होंने कहा कि अमेरिका और यूक्रेन में यूक्रेनी खनिज को लेकर कोई समझौता होता है तो इससे फ्रांस और बाकी यूरोप को कोई दिक्कत नहीं है।

फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने कहा कि यूक्रेन के नाटो में शामिल करने को लेकर कोई आम सहमति नहीं है, लेकिन अगर हम (यूरोपीय नाटो सदस्य) यूक्रेन को अकेला छोड़ देते हैं, जैसा कि हमने पहले भी किया था तो रूस की तरफ से एक और हमले का खतरा है।

यूक्रेन में फ्रांस और ब्रिटेन की संयुक्त सेना भेजने का प्रस्ताव

मैक्रों ने कहा कि हमें यह देखना होगा कि शांति समझौते पर आगे बढ़ने के लिए किस तरह की सुरक्षा गारंटी की जरूरत है। एक ऑप्शन यह हो सकता है यूक्रेन की सैन्य क्षमता को मजबूत किया जाए ताकि वो रूसी मोर्चे पर एक मजबूत सेना बनाए रख सके।

दूसरा तरीका यह हो सकता है कि फ्रांस और ब्रिटेन मिलकर एक प्रस्ताव पर काम करें कि वो यूक्रेन में ज्वाइंट सेना भेजेंगे। यह सेना उस इलाके में तैनात की जाएगी जहां रूस और यूक्रेन में सहमति होगी। इसका मकसद सिर्फ यह होगा की रूस की विश्वसनीयता पर नजर रखी जा सके। यह सब अमेरिका की सहमति के साथ होगा।