हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला रविवार राज्य के खुफिया व प्रशासनिक तंत्र के सुझाव को दरकिनार करते हुए ग्रामीणों के बीच पहुंच गए। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटी औद्योगिक नगरी फरीदाबाद में पृथला विधानसभा क्षेत्र के गांव नरियाला में आयोजित होली मिलन समारोह में ग्रामीणों के बीच शिरकत कर दुष्यंत ने अब यह संदेश दे दिया है कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के नेता मजबूती से राज्य के हर हिस्से में जाएंगे।
फरीदाबाद में पृथला हल्के के नरियाला गांव में होली मिलन समारोह हुए शामिल
ब्राह्मण बाहुल्य गांव नरियाला में होली मिलन समारोह का आयोजन जजपा की फरीदाबाद जिला इकाई के प्रधान अरविंद भारद्वाज ने किया। इसके विरोध में किसान नेताओं ने पिछले दिनों जाट बाहुल्य गांव मोहना में एक पंचायत भी की थी। इसमें पंचायत ने निर्णय लिया था कि दुष्यंत को पृथला हल्के में आने से रोका जाएगा। दुष्यंत यदि फिर भी आए तो उन्हें काले झंडे दिखाए जाएंगे। पंचायत की चेतावनी के बावजूद दुष्यंत ने इस कार्यक्रम को रद नहीं किया। इससे प्रशासनिक और खुफिया तंत्र से जुड़े आलाधिकारियों के हाथ-पांव फूले रहे।
उप मुख्यमंत्री को रोकने के लिए किसान नेताओं ने मोहना में की थी पंचायत
नरियाला व आसपास के गांवों में इस कार्यक्रम को लेकर काफी उत्साह था। बहरहाल, प्रशासन ने विरोध जताने वाले किसान नेताओं सहित इनका समर्थन कर रहे कांग्रेस नेताओं को कार्यक्रम से पहले ही हिरासत में ले लिया था। दुष्यंत चौटाला तय समय पर होली मिलन कार्यक्रम में पहुंचे। उन्होंने इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए जजपा जिलाध्यक्ष अरविंद भारद्वाज के सार्थक प्रयास की सराहना की।
दुष्यंत ने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार ने किसान हित में अनेक फैसले लिए हैं। एक अप्रैल से जब गेहूं की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर होगी और 24 घंटे के अंदर किसानों के बैंक खातों में फसल की राशि आएगी तो किसानों को समझ में आएगा कि कांग्रेस उन्हें किस तरह गुमराह कर रही थी। किसानों की चेतावनी के बाद दुष्यंत चौटाला का ग्रामीण क्षेत्र में यह पहला बड़ा और सफल कार्यक्रम रहा।
बजट सत्र में सीएम ने दिया था दो-टूक संदेश
विधानसभा में बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले विधेयक पर चर्चा करते हुए दो टूक संदेश दिया था कि उपद्रव करने वाले सरकार की विनम्रता को कमजोरी न समझें। प्रदेश भर में किसान आंदोलन नहीं बल्कि कांग्रेस का सत्ता पाने की लालसा का आंदोलन है। पश्चिम बंगाल, आसाम में चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी निभाकर जैसे ही भाजपा के नेता वापस प्रदेश में लौटेंगे,वैसे ही भाजपा-जजपा गठबंधन के नेता फील्ड में पूरी सक्रियता दिखाएंगे। किसानों को उनके हित में लिए मोदी-मनोहर सरकार के निर्णयों से अवगत कराएंगे।
बता दें, तीन कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे लोगों ने करनाल के कैमला में मुख्यमंत्री मनोहर लाल और हिसार में उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का हेलीकाप्टर नहीं उतरने दिया था। इसके बाद से किसान नेताओं की तरफ से लगातार यह चेतावनी आती रही कि भाजपा-जजपा के मंत्रियों, विधायकों सहित नेताओं को गांवों में नहीं घुसने देंगे। इस पर मुख्यमंत्री सहित उप मुख्यमंत्री ने कड़ा संज्ञान लिया और ऐसी चेतावनी को लोकतंत्र के खिलाफ बताया था।