संभल की विवादित मस्जिद मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई:रंगाई-पुताई को लेकर दाखिल है याचिका, पिछली सुनवाई में विवादित ढांचा लिखने को कहा था

संभल की विवादित शाही जामा मस्जिद मामले में आज बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। इस विवादित जामा मस्जिद की प्रबंधन समिति ने हाईकोर्ट में अर्जी दायर करके रमजान महीने के मद्देनजर रंगाई, पुताई और सजावट की इजाजत मांगी थी। हिंदू पक्ष ने इसका कड़ा विरोध किया था। हाईकोर्ट के आदेश पर एएसआई समेत कमेटी ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी है। 28 फरवरी को जारी आदेश में कोर्ट ने एएसआई को मस्जिद परिसर की सफाई करने का निर्देश दिया था, लेकिन रमजान से पहले सफेदी करने की अनुमति नहीं दी थी। इसी मामले में अब सुनवाई होगी।

इससे पहले 4 मार्च को हाईकोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई थी। सुनवाई के दौरान संभल की शाही जामा मस्जिद को विवादित ढांचा लिखवाया गया था। कोर्ट में मस्जिद की रंगाई-पुताई की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान यह मामला उठा था।

हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने कहा- ये (मुस्लिम पक्ष) मस्जिद कहेंगे तो हम मंदिर कहेंगे, राम मंदिर के केस में भी उसे (बाबरी मस्जिद) विवादित ढांचा ही कहा जाता था।

इसके बाद जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने कहा- हम देखते हैं। अब इलाहाबाद हाईकोर्ट मस्जिद कमेटी की अर्जी पर आगे सुनवाई करेगा।

मस्जिद कमेटी की मांग- ASI की रिपोर्ट खारिज होसुनवाई के दौरान ASI की रिपोर्ट पर मस्जिद कमेटी ने आपत्ति दर्ज कराई। ASI ने मस्जिद कमेटी की आपत्ति पर जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा। जिसके बाद कोर्ट ने ASI को जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया है।

मस्जिद कमेटी का कहना है कि मस्जिद की साफ-सफाई शुरू हो गई है, लेकिन नमाज के लिए सफेदी की भी इजाजत दी जाए। इसके अलावा मस्जिद कमेटी ने हाईकोर्ट से एएसआई की रिपोर्ट खारिज करने की मांग की। कहा कि एएसआई गार्जियन है, मालिक नहीं।

ASI ने कहा- सफेदी की जरूरत मस्जिद में नहीं देखीASI के वकील ने कहा कि हमने सफेदी की जरूरत मस्जिद में नहीं देखी है। पिछली सुनवाई में ASI ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि सफेदी की जरूरत नहीं है, सफाई कराई जा सकती है। हाईकोर्ट ने मस्जिद कमेटी को ASI की रिपोर्ट पर आपत्ति दाखिल करने की अनुमति दी थी।

दरअसल, संभल की जामा मस्जिद प्रबंधन समिति ने अर्जी दायर करके रमजान महीने के मद्देनजर संभल की जामा मस्जिद की सफेदी और सफाई की मांग की थी। 28 फरवरी को जारी आदेश में कोर्ट ने एएसआई को मस्जिद परिसर की सफाई करने का निर्देश दिया था, लेकिन रमजान से पहले सफेदी करने की अनुमति नहीं दी थी।

कोर्ट ने मस्जिद का निरीक्षण करने और इसकी स्थिति पर एक व्यापक रिपोर्ट पेश करने के लिए 3 सदस्यीय एएसआई टीम के गठन का भी आदेश दिया।

मुस्लिम पक्ष की मौजूदगी में निरीक्षण28 फरवरी की शाम ASI टीम ने जामा मस्जिद का सर्वे किया। साथ में मुस्लिम पक्ष के वकील जफर अली भी थे। ASI के वकील मनोज कुमार सिंह ने कहा- मस्जिद के मुतवल्ली की मौजूदगी में निरीक्षण किया गया। इसमें पाया गया…

  • मस्जिद के अंदरूनी हिस्से को गोल्डन, लाल, हरे और पीले जैसे तेज रंगों के साथ मोटी परतों में पेंट किया गया है, जो स्मारक की मूल सतह को छुपा रहा था। आधुनिक एनामेल पेंट अब भी अच्छी स्थिति में है।
  • एंट्री गेट के साथ प्रार्थना हॉल के पीछे और उत्तर की ओर स्थित कमरों की हालत कुछ खराब है। गेट का लिंटर खराब हो गया है, जिसे बदलने की आवश्यकता है।
  • कमरे खस्ता हालत में हैं, खासकर छत जो लकड़ी के छप्पर से बनी है।
  • सफाई, धूल हटाना और स्मारक के आसपास की घासफूस को हटाने का काम किया जाएगा। बशर्ते मस्जिद की इंतजामिया कमेटी कोई बाधा न डाले।

हिंदू पक्ष का दावा- हरिहर मंदिर तोड़कर बनाई गई थी जामा मस्जिदजामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि ये पहले हरिहर मंदिर था, जिसे बाबर ने 1529 में तुड़वाकर मस्जिद बनवा दिया। इसे लेकर 19 नवंबर 2024 को संभल कोर्ट में याचिका दायर हुई। उसी दिन सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह ने मस्जिद के अंदर सर्वे करने का आदेश दिया था।

कोर्ट ने रमेश सिंह राघव को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया। उसी दिन शाम को चार बजे सर्वे के लिए टीम मस्जिद पहुंच गई। 2 घंटे सर्वे किया। हालांकि, उस दिन सर्वे पूरा नहीं हुआ। इसके बाद 24 नवंबर को सर्वे की टीम जामा मस्जिद पहुंची। दोपहर में मस्जिद के अंदर सर्वे हो रहा था।

इसी दौरान भारी संख्या में लोग जुट गए। भीड़ ने पुलिस की टीम पर पत्थर फेंके। इसके बाद हिंसा भड़क गई। इसमें गोली लगने से 4 लोगों की मौत हो गई।