बजट सत्र में आज (बुधवार) तीसरे दिन ट्राय लैंग्वेज और वोटर लिस्ट के मुद्दे पर चर्चा हो सकती है। इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह सहकारी क्षेत्र से जुड़े लोगों की ट्रेनिंग, रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी बिल पेश करेंगे। साथ ही कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह पूरी संसद में ऑयलफील्ड अमेंडमेंट बिल पेश करेंगे।
इससे पहले मंगलवार को मल्लिकार्जुन खड़गे के ‘ठोकेंगे’ वाले बयान पर हंगामा हुआ। दरअसल, डिप्टी चेयरमैन ने दिग्विजय सिंह को बोलने के लिए कहा, लेकिन खड़गे बीच में अपनी बात रखने लगे। इस पर डिप्टी चेयरमैन हरिवंश ने उन्हें टोका, कहा- आप सुबह बोल चुके हैं।
इस पर खड़गे ने कहा- ‘ये क्या डिक्टेटरशिप है। मैं हाथ जोड़कर आपसे बोलने की अनुमति मांग रहा हूं।’ इस पर हरिवंश ने कहा- अभी दिग्विजय सिंह के बोलने का मौका है, इसलिए आप बैठ जाइए।
इसके बाद खड़गे ने कहा- वो तो बोलेंगे ही, लेकिन आपको क्या-क्या ठोकना है हम ठीक से ठोकेंगे, सरकार को भी ठोकेंगे। जब हरिवंश ने खड़गे के बयान पर आपत्ति जताई तो उन्होंने कहा कि हम सरकार की नीतियों को ठोकने की बात कर रहे हैं।
नड्डा की आपत्ति के बाद खड़गे ने खेद जताया
खड़गे के बयान पर केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, ‘नेता विपक्ष की ओर से आसन के लिए इस तरह की भाषा किसी भी रूप में स्वीकार नहीं है। उन्हें माफी मांगनी चाहिए।’ उन्होंने उपसभापति हरिवंश से मांग करते हुए कहा कि ऐसे शब्दों को सदन की कार्यवाही से हटाया जाए। ऐसी भाषा निंदनीय है और माफी के योग्य भी नहीं है।
इसके बाद खड़गे ने सदन में खड़े होकर कहा, ‘मैंने आसन के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने उपसभापति से कहा कि अगर आपको मेरी बातों से ठेस पहुंची है तो मैं इसके लिए माफी मांगता हूं। मैंने ठोको शब्द का इस्तेमाल सरकार की नीतियों के लिए किया है। मैं सरकार से माफी नहीं मांगूंगा।’
इमिग्रेशन बिल संसद में पेश, बिना वैध पासपोर्ट भारत में एंट्री पर 5 साल जेल
सरकार ने 11 मार्च को इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल, 2025 संसद में पेश किया।
- प्रस्तावित कानून के तहत विदेशी नागरिकों को विभिन्न अधिनियमों के तहत सजा दी जा सकती है: पासपोर्ट एक्ट, 1920विदेशी पंजीकरण एक्ट, 1939फॉरेनर्स एक्ट, 1946इमिग्रेशन एक्ट, 2000
इस पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा- यह बिल मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। इस बिल में गंभीर समस्याएं हैं और इसीलिए मैंने कहा था कि या तो सरकार को इसे लेना चाहिए या इसे समिति को भेजा जाना चाहिए।
संसद के बाहर धर्मेंद्र प्रधान के खिलाफ DMK का प्रदर्शन
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) और ट्राय-लैंग्वेज को लेकर संसद के बाहर विपक्ष के सांसदों ने प्रदर्शन किया। DMK सांसद कनिमोझी और अन्य सांसद काले कपड़े पहनकर तमिलनाडु पर धर्मेंद्र प्रधान की टिप्पणी का विरोध किया। उन्होंने प्रधान से माफी मांगने को कहा।
DMK सांसद कनिमोझी ने कहा, ‘केंद्र सरकार तमिलनाडु को मिलने वाले पैसे को रोक रही है। कह रही है कि हमें तीन-भाषा नीति और NEP पर हस्ताक्षर करना है। वे तमिलनाडु के बच्चों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं। उन्हें तमिलनाडु के बच्चों के लिए मिलने वाले फंड को रोकने का कोई अधिकार नहीं है।
कल धर्मेंद्र प्रधान ने बहुत ही अपमानजनक तरीके से जवाब दिया। कहा कि हम बेईमान हैं और तमिलनाडु के लोग असभ्य हैं। हम उनसे ऐसी भाषा बोलने की उम्मीद नहीं करते हैं। यह पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है। हम माफी की मांग करते हैं।’