कानपुर में जर्मन शेफर्ड ने 91 साल की मालकिन को नोच-नोचकर मार डाला। बहू और पोते चाहकर भी कुछ नहीं कर सके, क्योंकि दोनों के पैर में फ्रैक्चर था। सिर्फ बेबस होकर चीखते-चिल्लाते रहे। पड़ोसी भी पास जाने की हिम्मत नहीं जुटा सके।
2 घंटे बाद पुलिस और नगर निगम की टीम पहुंची, तब कुत्ते को काबू में किया। हालांकि, तब तक महिला की मौत हो चुकी थी। खून से लथपथ महिला को हैलट हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, जहां पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
डेढ़ साल से जर्मन शेफर्ड कुत्ता इनके साथ था। एक महीने का था तब पोता धीर खरीदकर लाया था।
घटना होली के दिन की है। मंगलवार को महिला का पोता नगर निगम पहुंचा। हलफनामा देकर कुत्ते को वापस मांगने लगा, तब घटना सामने आई। मामला रावतपुर थाने के विकास नगर का है।
बहू-पोते के पैर और कूल्हे में फ्रैक्चर विकास नगर के बीमा चौराहे के पास मोहिनी त्रिवेदी (91) अपनी बहू किरण और पोते धीर प्रशांत त्रिवेदी के साथ रहती थीं। उनके पति सिंचाई विभाग में अफसर थे। उनकी 20 साल पहले मौत हो गई थी।
मोहिनी के बेटे दिलीप त्रिवेदी विकास भवन में नौकरी करते थे। उनका 26 दिसंबर 2024 को निधन हो गया। दूसरे बेटे रिटायर्ड विंग कमांडर संजय त्रिवेदी पीरोड क्षेत्र में रहते हैं। मोहिनी त्रिवेदी पांडिचेरी के पूर्व उपराज्यपाल त्रिभुवन प्रसाद तिवारी की बहन थीं।
बुजुर्ग महिला के पोते धीर बेंगलूरु में मैकेनिकल इंजीनियर है। उन्होंने घर में जर्मन शेफर्ड पाल रखा है। एक हफ्ते पहले ही बहू और पोते दोनों के पैर और कूल्हे में फ्रैक्चर हो गया था। ऐसे में दोनों चलने-फिरने की स्थिति में नहीं थे।
दो घंटे तक आंगन में घूम-घूमकर नोचता रहा होली वाले दिन यानी 14 मार्च की शाम बहू-पोते अपने कमरे में लेटे थे। शाम को मोहिनी किसी काम से आंगन की तरफ गईं, तभी कुत्ता जोर-जोर से भौंकने लगा। उन्होंने डंडे से कुत्ते को मार दिया। इससे बाद कुत्ता खूंखार हो गया। उन पर हमला बोल दिया।
चेहरे, गर्दन, पेट और शरीर के कई हिस्सों को नोच डाला। बहू और पोते के चिल्लाने पर पड़ोसी आए। पुलिस को सूचना दी। लेकिन, खूंखार कुत्ते को काबू करने की कोई हिम्मत नहीं जुटा सका। दो घंटे तक कुत्ता घूम-घूमकर मोहिनी को नोचता रहा। पूरे आंगन में खून फैल गया। रावतपुर थाने की पुलिस और नगर निगम की टीम पहुंची, तब जाकर कुत्ते को काबू में किया।
पोता बोला- कुत्ते की वजह से मेरा पैर टूटा पोते धीर त्रिवेदी ने बताया- 10 मार्च को मेरा कुत्ता घर के बाहर भाग गया था। उसे पकड़ने के दौरान मैं गिर गया और मेरा पैर टूट गया। जबकि मां किरण बाथरूम में फिसल कर गिर गई थीं, जिस कारण उनके पैर और कूल्हे में फ्रैक्चर हुआ है। मेरी आंखों के सामने बुजुर्ग दादी को कुत्ता नोचता रहा और हम चाह कर भी कुछ नहीं कर सके।
खूंखार कुत्ते की मोहल्ले में दहशत थी मोहल्ले के लोगों ने बताया- धीर का जर्मन शेफर्ड कुत्ता बहुत ही खूंखार है। सामान्य तौर पर जर्मन शेफर्ड पूरा ब्लैक नहीं होता है, लेकिन यह क्रॉस ब्रीड होने के चलते पूरा ब्लैक था और शिकारी था। परिवार के लोग भी बड़ी मुश्किल से उसे हैंडल कर पाते थे।
आए दिन कुत्ता मुहल्ले के लोगों और राहगीरों पर झपट्टा मारता था। कई लोगों को वह पहले भी काट चुका था। शिकायत करने पर धीर लोगों से ही झगड़ा करने पर आमादा हो जाता था। इस वजह से कुत्ते को लेकर मोहल्ले के लोग भी दहशत में रहते थे।
पोते ने नगर निगम से कुत्ते को वापस मांगा नगर निगम कर्मचारियों के मुताबिक, इतनी बड़ी घटना के बावजूद भी धीर ने अफसरों से अपने पालतू कुत्ते को वापस मांगा है, हालांकि कुत्ता अभी भी रेस्क्यू सेंटर में है।