BCCI (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) इंडियन प्रीमियर लीग के इस सीजन में गेंदबाजों को गेंद पर लार लगाने की अनुमति दे सकता है। फिलहाल इस पर बैन लगा हुआ है। इस प्रस्ताव पर BCCI के भीतर आंतरिक रूप से लंबी चर्चा की गई है और गुरुवार को मुंबई में होने वाली बैठक में सभी IPL टीमों के कप्तानों के सामने इसे रखा जाएगा।
न्यूज एजेंसी को BCCI के एक अधिकारी ने बताया कि कोविड से पहले गेंद पर लार का उपयोग किया जाता था। चूंकि कोविड में महामारी फैले नहीं, इसलिए सावधानी के तौर पर गेंद पर लार लगाने के लिए बैन कर दिया गया था, अब जब हमारे पास इसका खतरा नहीं है, तो हमें लगता है कि IPL में लार पर से बैन हटाने में कोई दिक्कत नहीं है।
ऊंचाई वाइड और ऑफ स्टंप के बाहर वाइड पर DRS की भी मंजूरी मिल सकती है
इसके अलावा IPL में ऊंचाई वाइड और ऑफ स्टंफ के बाहर वाइड के लिए DRS के उपयोग की भी मंजूरी मिली सकती है। ऑफ-स्टंप के बाहर ऊंचाई वाइड और वाइड पर निर्णय लेने के लिए हॉक आई और बॉल ट्रैकिंग का उपयोग किया जाएगा। वहीं टीम को यह समीक्षा करने की अनुमति होगी कि क्या ऑन-फील्ड अंपायर ने ऊंचाई के लिए वाइड बॉल दी है। अगर उस टीम को लगता है कि यह वाइड के लिए पर्याप्त नहीं थी, तो वे DRS ले सकते हैं।
कोविड के दौरान गेंद पर लार लगाने पर किया गया था बैन
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने COVID-19 महामारी के दौरान सावधानी के तौर पर गेंद को चमकाने के लिए लार लगाने की सदियों पुरानी प्रथा पर प्रतिबंध लगा दिया था। 2022 में, ICC ने प्रतिबंध को स्थायी कर दिया। IPL ने भी महामारी के बाद अपनी खेल शर्तों में ICC प्रतिबंध को शामिल किया था।
शमी ICC से गेंद पर लार के इस्तेमाल पर बैन हटाने के लिए कर चुके हैं अनुरोध
शमी ने चैंपियंस ट्रॉफी के पहले सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया से टीम इंडिया के 4 विकेट के जीत के बाद पत्रकारों से बातचीत में ICC से गेंद पर लार के इस्तेमाल पर बैन हटाने का अनुरोध किया था। शमी ने कहा था कि हम रिवर्स स्विंग पाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन गेंद पर लार के इस्तेमाल की अनुमति नहीं है। हम अपील करते रहते हैं कि हमें लार का इस्तेमाल करने की अनुमति दी जानी चाहिए, ताकि हम खेल में रिवर्स स्विंग वापस ला सकें और यह दिलचस्प हो जाए।
तीसरी बार गेंद पर लार लगाने पर BCCI लगा सकता है जुर्माना
पिछले साल IPL के नियमानुसार अगर कोई खिलाड़ी गेंद पर लार लगाने का जुर्म तीसरी बार करता है तो उसको इसकी जानकारी दी जाती है और उस पर 10 लाख या उसकी मैच फीस का 25% से कम जुर्माना लगाया जा सकता है। लार लगाने के मामले में फील्डिंग के कप्तान को बुलाया जाता है और पहली चेतावनी जारी की जाती है। पारी के दौरान दूसरा मामला आने पर फील्डिंग के कप्तान को दूसरी और अंतिम चेतावनी दी जाती है। अगर इसके बाद भी अगर टीम से मामला आता है तो BCCI करवाई कर सकती है। यह खिलाड़ी और कप्तान किसी पर भी हो सकता है।