नोएडा में साइबर ठगों ने मनी लॉड्रिंग का डर दिखाकर RBI के पूर्व अधिकारी को 15 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट किया। उनसे 3 करोड़ 14 लाख 59 हजार रुपए की ठगी की गई। 15 दिनों तक दंपती को सिर्फ खाने और वाशरूम जाने की परमिशन दी गई। साथ ही घरेलू सामान के लिए भी जाने दिया। पीड़ित ने साइबर सेल में शिकायत की है। पुलिस ने इस मामले में कथित विजय खन्ना, राहुल गुप्ता , विनय कुमार और आकाश कुलहरी के नाम FIR दर्ज किया है।
पीड़ित बिराज कुमार सरकार ने अपनी शिकायत में इस बात का जिक्र किया कि उन्होंने अपने करियर की शुरुआत आरबीआई से की। इसके बाद 31 साल तक दूसरे बैंक को भी सेवाएं दीं। मै कैसे डिजिटल अरेस्ट हो गया।
25 फरवरी को ट्राइ से आया कॉल नोएडा के सेक्टर-75 की गार्डेनिया गेटवे सोसाइटी में बिराज कुमार सरकार अपनी पत्नी के साथ रहते है। वो करीब 78 साल के है उनकी पत्नी करीब 71 साल की है। अभी उन्होंने शिकायत में बताया- 25 फरवरी 2025 को मेरे पास अनजान नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने अपने आप को ट्राइ का अधिकारी बताया।
उसने एक नंबर बताया और कहा कि ये आपका नंबर है। मैने मना किया और कहा कि शायद मेरा पुराना नंबर है। कारण पूछते ही बताया कि ये नंबर ट्राइ में बिराज कुमार सरकार के नाम से रजिस्टर्ड है।
मुंबई के कोलाबा थाने में शिकायत, CBI को केस ट्रांसफर कॉल करने वाले ने कहा- आपके खिलाफ कोलाबा मुंबई में शिकायत दर्ज है। इसके बाद उन्होंने मुझे कोलाबा पुलिस स्टेशन से जोड़ दिया। वहां कोलाबा पुलिस स्टेशन से कथित IPS विजय खन्ना ने उनसे बातचीत की। इसके बाद केस को CBI में ट्रांसफर किया गया।
वहां राहुल गुप्ता ने सीबीआई अधिकारी बनकर मुझसे बातचीत की और कहा कि नरेश गोयल को आप जानते है। आपके नंबर का प्रयोग मनी लॉन्ड्रिंग और निवेश में धोखाधड़ी करने के लिए किया है। उन्होंने मुझे कोलाबा पुलिस स्टेशन बुलाया।
26 फरवरी को मुख्य न्यायाधीश के सामने पेशी पीड़ित बिराज कुमार सरकार ने अपनी बीमारी और ऐज फैक्टर का हवाला दिया। कॉल करने वालों ने ने कहा- आप ऑनलाइन मामले को हैंडल कर सकते है। इसके लिए 26 फरवरी को भारत के मुख्य न्यायाधीश के सामने ऑनलाइन पेश किया जाएगा। ऐसा ही हुआ 26 फरवरी को उन लोगों ने स्काइप कॉल पर लिया और मुख्य न्यायाधीश के सामने पेश किया। उन्होंने मेरे सभी अकाउंट, एफडी को फ्रीज करने और पैसों को एसएसए (सीक्रेट सुपर विजन अकाउंट) में डालने का आदेश दिया।
मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ा पीड़ित बिराज ने बताया- कॉल करने वाले विजय खन्ना और राहुल गुप्ता ने मुझे धमकी दी ये सारी बात सीक्रेट रखें। किसी से शेयर न करें। क्योंकि ये राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला है। अगर ऐसा करते हैं और हमें जानकारी मिलती है तो तत्काल आपकी गिरफ्तारी होगी। यही नहीं आपकी जान को भी खतरा है। इसलिए जैसा हम कहते है वैसा करते जाए।
इसके बाद उनके बताए गए खातों में पैसा ट्रांसफर करता चला गया । इन 15 दिनों में करीब 3.14 करोड़ रुपए उनके बताए गए खातों में ट्रांसफर की।
3 मार्च को दिया क्लियरेंस पीड़ित ने बताया- कॉल करने वालों ने आश्वस्त किया था कि एक बार मौद्रिक सत्यापन होने के बाद पैसा खाते में वापस आ जाएगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। 15 दिनों में कभी विनय कुमार तो कभी आकाश कुल्हारी कैमरे पर नजर रखते हुए मुझसे बातचीत करता।
3 मार्च को उन्होंने मुझे भारत के सर्वोच्च न्यायालय का एक आदेश (स्पष्टीकरण पत्र) भेजा, जिसमें कहा गया था कि मेरे सभी फंड वैध और बेदाग हैं। कोर्ट ने कहा- नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मेरे धन की कोई संलिप्तता नहीं पाई है। इसलिए 6 से 7 दिनों के भीतर मेरे पैसे वापस आ जाएगा।
इसके बाद भी लगातार करते रहे कॉल बिराज कुमार ने बताया- कॉल करने वालों ने कहा- 6 दिनों में पैसा वापस आ जाएगा। मैने इंतजार किया लेकिन पैसा नहीं आया। इसके बाद वो लोग फोन पर बातचीत करते रहे। अंत में मैने ऑनलाइन शिकायत की। इसके बाद बुधवार यानी 19 मार्च को साइबर सेल नोएडा में मुकदमा दर्ज किया गया।
डीसीपी साइबर सुरक्षा प्रीति यादव ने बताया- बुजुर्ग की शिकायत पर तुरंत मुकदमा दर्ज कर जांच तेजी से शुरू कर दी है, जिस खाते में पैसा ट्रांसफर कराया है। टीम को उसकी डिटेल निकालने में लगाया है। जल्द ही साक्ष्य मिलने पर आरोपियों की तलाश की जाएगी।