शादी करके तलाक लेना बिजनेस बनता जा रहा:अनिरुद्धाचार्य बोले- मोटी पार्टी है तो 1 से 2 करोड़ में केस सुलट जाएगा, 3-5 किए तो ड्रम में मिलोगे

आजकल का ये भी धंधा बढ़िया है मइया। आजकल का सबसे बढ़िया बिजनेस है शादी करो और महीने भर बाद तलाक का केस डाल दो। बड़ी पार्टी है तो 1-2 करोड़ में सुलट जाएगा वरना 10-20 लाख तो कहीं नहीं गए। और ज्यादा तीन- पांच किए तो ड्रम में पाए जाओगे। ये बातें कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने वृंदावन में कथा के दौरान कही।

उन्होंने कहा- आप अपने पति को मारकर ड्रम में सीमेंट से पैक करने लग गए हो। अपने अच्छे खासे पति को मार दिया और एक पराए मर्द के साथ रंग रलियां मना रही हैं। ये बुद्धि भ्रष्ट कहा से हुईं बताओ ना आप? आप भेष क्यों नहीं समझते हो। नींव मजबूत होगी तो इमारत टिकेगी और अगर नींव कमजोर होगी तो बाहर से कितनी भी पुट्‌टी लगा लो कुछ नहीं हो सकता।

उन्होंने कहा- हम सनातनियों का वेश हमारी शुद्धि है। आप कितनों को यह बात पता है कि हमारे बाप दादे कह गए हैं कि जैसी राखे शुद्धि वैसी बने यह बात। तो क्यों नहीं मानते। अगर नहीं मानोगे तो नुकसान अनिरुद्धाचार्य का नहीं तुम्हारा ही होगा।

मैं सवाल करता हूं कि लड़की को आखिर बुद्धि कैसे आई

उन्होंने कहा- अपने पति की छाती में खंजर मारने वाली स्त्री कैसी रही होगी। भोजन में नींद की गोलियां मिलाकर उसका मर्डर कर देने वाली और सीमेंट भर देने वाली पत्नी कैसी रही होगी। बताओ जरा इससे क्या सिद्ध होता है।

उन्होंने कहा-मैं सवाल उस लड़की से नहीं, बल्कि सवाल मैं यह करता हूं कि उस लड़की की आखिर ऐसी बुद्धि हुई क्यों? मैं उस बेस पर जाता हूं। समाज की आज ऐसी बुद्धि क्यों हो रही है। लड़की-लड़की है, लड़का-लड़का है को भी परेशान करता है तो उसे मार डालता है।

हम सनातनी तो चूहा भी नहीं मारते

उन्होंने कहा- हम सनातनी हैं। हम लोग तो चूहा को भी नहीं मारते, मच्छर को तो मारना पाप समझते हैं। सनातनी लोग गाय, कुत्ते को रोटियां निकालते हैं। लोग चीटियों को आटा डालते हैं। सोचिए जिस सनातन में चींटी का भी सम्मान हो, उस देश में वो सनातनी यदि पति को मार डाले तो बताइए उसकी बुद्धि कहां से आई होगी। कहीं न कहीं जब आप सत्संग से हट जाते हैं।

उन्होंने कहा- वह लड़की क्या थी चरित्रहीन हो गई ना, गैर मर्द के साथ घूम रही है और अपने पति को रास्ते से हटा दिया। उन्होंने कहा- सीता माता को भी रावण उठा ले गया था। सोचो माता सोने की लंका में रहकर आ गई। रावण ने बहुत प्रलोभन दिया। लेकिन धन्य हैं। ये नारियों को सीखना चाहिए कि सोने की लंका को लात मार के वनवासी राम के संग रहने सीता मैया आ गईं।

समाज की दृष्टि नारियों पर ज्यादा है…

उन्होंने कहा- पति कितना इतना गरीब हो लेकिन नारी को कभी अपने पति का त्याग नहीं करना चाहिए। इसलिए मेरी मां अपना धर्म ना जाने देना। उन्होंने कहा- समाज की दृष्टि नारियों पर ज्यादा है क्योंकि तुम्हारे ऊपर दो कुलों की जिम्मेदारी है। इसलिए मैं भी बहुत जिम्मेदारी से बोलता हूं। क्योंकि मेरा बोला हुआ तो बहुत बड़ी बात हो जाएगी।

उन्होंने कहा- लघुशंका भी हम जाते हैं तो जनेऊ पहनकर। मतलब हम लोग लघु शंका भी कर रहे हैं तो धर्म के बंधन में बंध के कर रहे हैं। खड़े होकर बैलों की तरह नहीं, आजकल के लोगों को यही अकल नहीं है कि लघु शंका कैसे करनी चाहिए। यह सब बताना क्यों पड़ रहा है।

अपना आचरण अंदर और बाहर से शुद्ध रखो

उन्होंने कहा- आप लोग मनुष्य कब बनोगे। जब मनुष्य का आचरण अपनाओगे। इसलिए पहला आचरण शुद्धि। अपने को सदा शुद्ध रखो। बाहर से भी भीतर से भी। उन्होंने कहा- आपने अपने घर में ध्यान दिया होगा। मच्छर- मक्खी कहां होते हैं ज्यादा। जहां शुद्धि होती है या जहां गंदगी होती है। आप मच्छर को तो फोन लगाकर बुलाते नहीं हो कि भाई साहब यहां गंदगी है आ जाओ। आपके पूरे शरीर में कहीं घाव हो जाए तो मक्खी डायरेक्ट वहीं बैठेगी।

उस मक्खी को कैसे पता चला कि यहां घाव है। क्योंकि उसके अंदर सूंघने का तंत्र है। इसी तरह जब आपके आसपास गंदगी होती है। विचारों की गंदगी, मोबाइल पर गलत चीजे सुनते हो। गलत लोगों के साथ शराबियों के साथ-साथ आपका उठना बैठना है। ऐसे में नेगेटिविटी आपकी तरफ खींची चली आएगी और फिर आपके ऊपर बैठ जाएगी और आपके मन में गलत गलत ही विचार आएंगे।