फतेहाबाद में फिर छलका सुनीता दुग्गल का हार का दर्द:बोलीं-पेड़ कटने का किस्सा न होता, अगर कुल्हाड़ी के पीछे लकड़ी न होती

फतेहाबाद जिले की रतिया विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुकीं पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल का हार का दर्द एक बार फिर छलका है। रतिया क्षेत्र में नए जिलाध्यक्ष प्रवीण जोड़ा के अभिनंदन समारोह में दुग्गल ने दर्द बयां करते कहा, पेड़ कटने का किस्सा न होता, अगर कुल्हाड़ी के पीछे लकड़ी का हिस्सा न होता।

कार्यकर्ताओं को संबोधित करने हुए न केवल उन्होंने अपनी हार के दिनों को याद किया बल्कि इसकी वजह बने लोगों को भी कोसा। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना भाजपा में रहकर ही उनकी खिलाफत करने वालों पर भी भड़ास निकाली।

जितने खराब शब्द बोले जा सकें, बोलने चाहिए- दुग्गल सुनीता दुग्गल ने कहा कि हमें तकलीफ इस बात से नहीं है कि जीतने वाले कांग्रेस या दूसरी पार्टियों के हैं। लोगों से भी नाराजगी नहीं क्योंकि उनकी जहां इच्छा है, वहां वोट दें, लेकिन जो अपने अंदर रहकर पार्टी को काटने का काम करते हैं, उनके लिए जितने भी खराब शब्द बोले जा सकें, बोलने चाहिए।

पार्टी में दिल नहीं लगता तो जा सकते, किसी को बांधकर नहीं रखा सुनीता दुग्गल ने कहा कि जिन लोगों का पार्टी में दिल नहीं लगता, वो जा सकते थे। हमने किसी को बांधकर थोड़ी रखा है। मगर पार्टी के अंदर रहकर कुछ लोगों ने धोखा किया। मौकापरस्ती की। कांग्रेस की सत्ता आने की सोचकर उनकी तरफ काम किया। इसका मतलब उन लोगों को आप लोगों से कुछ लेना-देना नहीं है।

संगठन को भी सावधान रहने के लिए कहा सुनीता दुग्गल ने नए जिलाध्यक्ष प्रवीण जोड़ा से मुलाकात करते हुए कहा कि मैं संगठन से भी कहूंगी कि ऐसे लोगों से सावधान रहें। फिर उन्होंने कहा कि अब तो हम अभिनंदन के लिए आए हैं। बहुत ज्यादा शिकायत वाली बात न ही करें तो अच्छा है। बीती ताहि बिसार दें, आगे की सुधी लें। आगे हमको मेहनत करनी है, ताकि सरकार में रतिया की भी भागीदारी हो।

जिलाध्यक्ष ने कहा- खुलकर बोलें बहनजी इस दौरान जिलाध्यक्ष प्रवीण जोड़ा ने सुनीता दुग्गल से कहा कि आप खुलकर बोलिए बहनजी। आप जो भी बोलेंगी, वह हमारे लिए मार्गदर्शन का काम करेगा।

दुग्गल को रतिया विधानसभा सीट से मिली थी हार सिरसा से 2019 में लोकसभा सांसद चुनी गईं सुनीता दुग्गल की मई 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में सिरसा से टिकट कट गई थी। बाद में भाजपा ने उन्हें अक्टूबर 2024 में हुए विधानसभा चुनाव में रतिया सीट से उम्मीदवार बनाया। यहां उनका मुकाबला कांग्रेस के जरनैल सिंह से हुआ। जरनैल सिंह ने उन्हें 21 हजार 442 वोटों से हराया। जिले में यह भाजपा की सबसे बड़ी हार थी। जरनैल सिंह को 86 हजार 426 जबकि सुनीता दुग्गल को 64 हजार 984 वोट मिले थे।