प्रयागराज में एयरफोर्स के चीफ इंजीनियर (वर्क) एसएन मिश्रा (50) की हत्या संविदा सफाईकर्मी के बड़े बेटे ने की थी। आरोपी का छोटा भाई जेल में है। उसे जमानत के लिए पैसों की जरूरत थी।
पुलिस के अनुसार, 28 मार्च की रात को आरोपी इंजीनियर के घर लूटपाट करने पहुंचा था। उसने इंजीनियर के घर के पीछे लगे दरवाजा का एक हिस्सा काट दिया था। CCTV के तार पहले ही काट चुका था। ऐसे में ड्राइंग रूम में लगे स्क्रीन ब्लैंक हो गए थे।
आहट सुनकर इंजीनियर एसएन मिश्रा और उनकी पत्नी वत्सला उर्फ प्रीति की नींद खुली। इंजीनियर ने खिड़की खोलकर बाहर देखना चाहा, तब सफाईकर्मी के बेटे ने गोली चला दी। जिससे उनकी मौत हो गई। इसके बाद आरोपी मौके से भाग निकला। पुलिस ने आरोपी, उसके मां-पिता को गिरफ्तार किया है। तीनों वारदात में शामिल थे।
सौरभ ने कहा- मुझे पता था कहां CCTV नहीं लगे
पुलिस को सौरभ ने बताया- मैं लाल बिहारी मोहल्ले का रहने वाला हूं। एयरफोर्स स्टेशन से मेरा घर 1.5 किमी दूर है। 28 मार्च की रात 2.30 बजे मैं एयरफोर्स स्टेशन के लिए पैदल निकला। 15 मिनट के बाद मैं सेंट्रल एयर कमांड के मेन गेट तक पहुंच गया। मैंने इस गेट से 150 मीटर दूर एक स्थान चुना था, जहां मुझे पता था कि CCTV नहीं लगे थे।
बाउंड्री 9 फीट ऊंची है। उस पर 2 फीट तक तार लगे हुए हैं, जिनमें करंट दौड़ता है। इसलिए मैं बाउंड्री से सटे हुए एक पेड़ पर चढ़ा। यह पेड़ एसएन मिश्रा के घर के लॉन तक जाता है। इसके सहारे मैं वहां तक पहुंचा। इसके बाद डाल पर रस्सी बांधी और लॉन में उतर गया।
मुझे पता था कि घर के बाहर सिर्फ 1 CCTV है, मैंने उसके तार को चाकू से काट दिया। इसके बाद मैं घर के पीछे के गेट पर पहुंचा। यहां जाली का दरवाजा खुला था। उसके बाद लकड़ी का दरवाजा था। चिटकनी की जगह पर मैंने लकड़ी को काटने का प्रयास किया। औजार मैं घर से लाया था। बड़ी मुश्किल से एक छेद हो सका।
मैं फिर से मेन गेट की तरफ आ गया। खिड़की के सहारे अंदर जाने की कोशिश करने वाला था। मगर उससे पहले खिड़की खुल गई। सामने चीफ इंजीनियर खड़े थे। वह मुझे पहचानते थे, इसलिए मैं घबरा गया। उसी दरम्यान मैंने पिस्टल निकाल ली। वह चिल्लाए तो मैं डर गया और गोली चला दी।
वह कमरे में ही लहूलुहान होकर गिर पड़े। गोली शायद उनके सीने में लगी। वो जब गिरे तो उनके बेड का स्टील रॉड उनके सिर में लग गया था। इसके बाद मैं तेजी से घर के लॉन में पहुंचा। उसी रस्सी पर चढ़कर डाल पर आया और रस्सी को खोल लिया। पेड़ के सहारे वह बाहर आ गया और पैदल ही अपने घर पहुंच गया।
चीफ इंजीनियर की पत्नी का मेकअप करने गई थी सुनीता
दरअसल, सौरभ की मां सुनीता और पिता शिवकुमार का एयरफोर्स स्टेशन के अंदर आना-जाना था। 48 साल के शिवकुमार 2007 से एयरफोर्स कमांड में संविदा पर सफाई कर्मचारी हैं। सुनीता चीफ इंजीनियर के घर के पास एक DSO (डाइरेक्टर स्टेशन ऑफिस) के घर में खाना बनाती हैं।
सुनीता ने ब्यूटी पार्लर का कोर्स किया हुआ है। वह अफसरों की पत्नियों के लिए मेकअप का कम चार्ज लेती थीं। पुलिस कस्टडी में सुनीता ने बताया- छोटी होली से पहले मैं चीफ इंजीनियर की पत्नी वत्सला उर्फ प्रीति का मेकअप करने के लिए गई थी।
10 लाख रुपए लूटने के लिए प्लानिंग की सुनीता ने बताया- परिवार के सदस्यों की बातचीत से मुझे पता चला कि घर में 10 लाख रुपए रखे हैं। घर आने के बाद यह बात अपने पति और बेटे का बताई। चूंकि हमें अपने बड़े बेटे हनी की बेल के लिए रुपयों की जरूरत थी, इसलिए लूट की प्लानिंग कर ली। इंजीनियर परिवार के साथ होली पर अपने घर (बिहार) जाने वाले थे। मगर ऐनवक्त पर उन्होंने प्लान कैंसिल कर दिया।
13 मार्च को सौरभ और अपने 2 साथियों के साथ इंजीनियर के घर लूट करने के इरादे से गया था, लेकिन पूरा परिवार घर के अंदर था, ऐसे में उनको भागना पड़ा। इस दौरान सौरभ के एक साथी और इंजीनियर का आमना-सामना हो गया था। इसके बाद ही इंजीनियर ने 5 CCTV घर में लगवाए थे। एयरफोर्स पुलिस को लिखित सूचना भी दी थी।
सौरभ बोला- भाई को छुड़ाने को 2.5 लाख की जरूरत थी सौरभ ने 7 साल पहले कमांड सेंटर के अंदर बने केंद्रीय विद्यालय से पढ़ाई की थी। 9वीं के बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी। वह परिवार के साथ छोटे-मोटे काम करने लगा। वह अक्सर कमांड स्टेशन के अंदर अपने पिता के साथ जाता था।
सौरभ ने बताया- मेरे भाई हनी पर अगस्त, 2024 में शिवपुरी इलाके में मर्डर के आरोप हैं, वह कौशांबी जिला जेल में बंद है। उसको जेल से छुड़वाने के लिए मुझे ढाई लाख रुपयों की जरूरत थी। हमने पहले सीधे तरीके से रुपयों का अरेंजमेंट करने का प्रयास किया। लोगों से उधार मांगे, घर में इतना सामान नहीं था कि बेच सके। फिर हमने तय कर लिया कि चीफ इंजीनियर के घर में चोरी करेंगे।
पुलिस को गुमराह करने के लिए बाएं हाथ से गोली चलाई पुलिस के मुताबिक, सौरभ चालाक था। वह आमतौर पर सामान्य कामों के लिए दाएं हाथ का इस्तेमाल करता है। मगर गोली बाएं हाथ से चलाई। उसने दाहिने हाथ में अंगूठियां पहनी थी। CCTV में यह अंगूठियां दिख रही थी। इसकी मदद से सबसे पहले सौरभ की पहचान हो सकी।
इंजीनियर की हत्या से पहले सौरभ जेल में भाई से मिलने गया एडिशनल पुलिस कमिश्नर अजय पाल शर्मा ने कहा- सौरभ अपने भाड़े भाई गौतम उर्फ हनी से मिलने जेल में जाया करता था। सौरभ ने पुलिस को बताया कि चोरी करने की पूरी प्लानिंग हनी को बताई थी। उसने बताया था कि पुलिस से बचते हुए यह काम कैसे कर सकते हो। 13 मार्च चोरी का प्रयास भी किया, मगर सफल नहीं हुआ।
हत्या से पहले 28 मार्च के दिन सौरभ अपने भाई हनी से मिलने जेल गया था। पुलिस ने केस के खुलासे के लिए पुरामुफ्ती थाना पुलिस, एसओजी, सर्विलांस सेल नगर की टीमें लगाई थीं। पुलिस ने सौरभ के पास से 32 बोर की पिस्टल, एक कारतूस, एक अवैध तमंचा, 64 कारतूस मिले हैं।